दुनिया ने देखा इस्लाम का खूनी चेहरा
|
पिछले दिनों दो देशों में दो घटनाएं घटीं-केन्या में वेस्टगेट मॉल में 10-12 मुसलमान आतंकी घुस आए और गैर मुस्लिमों पर अंधाधुंध गोलियां चलाकर 68 की हत्या कर दी। चार दिन मॉल को कब्जे में लेकर भयंकर गोलीबारी की। इसी तरह पाकिस्तान मे पेशावर के चर्च में दो इस्लामी जिहादियों ने 72 ईसाइयों की जान ले ली। दोनों ही घटनाएं इस्लाम के उस चेहरे को उजागर करती हैं, जो इंसान को इंसान नहीं मानता।
नैरोबी की राजधानी केन्या का वेस्टगेट मॉल उस दिन यानी 21 सितम्बर की सुबह से ही और दिनों की तरह गहमा-गहमी से सराबोर था। लोग दोस्तों या परिवार के साथ खरीदारी में व्यस्त थे। सुबह के 10 बजे थे। तभी करीब 15 जिहादी मशीनगनों से लैस होकर चौड़े आंगन में आ खड़े हुए, तमाम लोगों को बंधक बना लिया। उन्होंने फरमान सुनाया-सारे मुस्लिम इस तरफ आओ, बाकी उस तरफ जाओ। पक्का करने के लिए उन्होंने एक एक से कुरान की आयत पूछी, मोहम्मद के बारे में सवाल किए, कलमा सुनाने को कहा। जो उनकी इस कसौटी पर खरा उतरा उसे बख्शते हुए बाकियों को गोलियों से भून डाला। ‘इंसानियत और प्रेम सिखाने वाले मजहब’ के उन रखवालों ने दरिंदगी की हदें पार करते हुए बच्चों को भी नहीं छोड़ा। जानकारी मिली कि 60 से ज्यादा लोग भून डाले गए और सैकड़ों जख्मी हुए, कई बंधक बनाकर रोक लिए गए। चार दिन तक आतंकियों और सुरक्षाबलों में भीषण मुठभेड़ हुई और अंतत: आतंकियों को ढेर किया गया, कुछ को पकड़ा गया। सुरक्षा अधिकारी उस हमले में एक ब्रिटिश महिला सामंथा और दो या तीन अमरीकी नागरिकों का हाथ बताते हैं। कहा जा रहा है है कि इस सुनियोजित हमले के लिए जिहादियों ने तीन महीने पहले उस मॉल में एक दुकान किराए पर लेकर वहां हथियार जमा करने शुरू कर दिए थे, इसमें मॉल के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत मानी जा रही है। 26 नवम्बर 2008 के मुम्बई हमले की तर्ज पर किया गया यह हमला दुनिया के तमाम देशों की सरकारों को हिला गया। हमले के बाद इसकी जांच में जुटे केन्या के अधिकारियों के साथ अमरीका और इस्रायल की जांच एजेंसियां भी आ जुटी हैं। डीएनए सबूतों की जांच की जा रही है। अल कायदा का पिट्ठू अल शबाब नाम का मजहबी उग्रवादी गुट अफ्रीका में तेजी से पैर पसारता जा रहा है। अल कायदा के सरगना जवाहिरी ने पिछले दिनों धमकी दी ही थी कि जिहादी हमलों में तेजी आएगी।
विश्व हिन्दू परिषद् ने केन्या में इस्लामी आतंकवादियों के हमले की कड़ी भर्त्सना की है। परिषद् ने हमले में मारे गए 68 मासूम गैर मुस्लिमों की मृत्यु पर दुख प्रकट करते हुए नई दिल्ली स्थित केन्या के राजदूत को पत्र लिखा है। पत्र में इस्लामी आतंकियों के इस कायराना हमले की बड़ी भर्त्सना करते हुए कहा गया है कि जिहाद के नाम पर किए जा रहे इस ‘पवित्र युद्ध’ को अब और अनदेखा नहीं किया जा सकता।
आज इस खतरे से दुनिया का कोई हिस्सा अछूता नहीं है। चेचन्या से कोसोवो तक, कश्मीर से असम तक, म्यांमार, थाईलैण्ड, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से दिल्ली तक, केयरो से मास्को, कंधार, यरुशलम, पेरिस, तिमोऱ.़..तक बम धमाके, मासूमों की हत्याएं, अपहरण, नरसंहार देखने में आते हैं, सब जिहाद के नाम पर। ‘पवित्र युद्घ’ के नाम पर इस्लामी जिहाद से दुनिया पर खतरनाक संकट मंडरा रहा है। दुनिया भर में फैल रहे जिहाद को परास्त करने के लिए सभ्य समाज को एकजुट होना ही होगा। केन्या के उच्चायुक्त को यह पत्र परिषद के सह महामंत्री स्वामी नित्यानंद ने लिखा है। इसमें संदेह नहीं कि केन्या में मॉल पर हुआ हमला बेहद भीषण और मजहबी उन्माद का घिनौना चेहरा दिखा गया है।
टिप्पणियाँ