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विद्रोह की आग में झुलस रहे सीरिया और ट्यूनीशिया के बीच पिछले कुछ समय से एक अजीब सा चलन देखने में आ रहा है। ट्यूनीशिया की कई महिलाओं को जिहाद की पट्टी पढ़ाकर उनके दिमाग को दिग्भ्रमित करते हुए उनको सीरिया भेजा जा रहा है जहां विद्रोही लड़ाकुओं के साथ यौन संबंध बनाकर उनको गर्भ धारण कराया जा रहा है। इसे ‘यौन जिहाद’ का नाम दिया जा रहा है। यानी वह जिहाद जो यौन संबंधों के रास्ते चलाया जा रहा हो। यह सनसनीखेज खुलासा पिछले दिनों खुद ट्यूनीशिया के गृहमंत्री लोतफी बिन जेद्दो ने वहां के सांसदों के सामने किया था। अखबार अल अरेबिया की मानें तो, महिलाओं को 20 से लेकर 100 विद्रोहियों के बीच अदला-बदला जाता है। उन्हें गर्भवती बनाया जाता है। इस ‘जिहाद अल-निकाह’ के बाद उन महिलाओं को ट्यूनीशिया लौटा दिया जाता है। आखिर यह चलन में बताया यह जाता है कि पिछली वसंत में इस संबंध में एक फतवा जारी किया गया था जिसमें ट्यूनीशिया की महिलाओं से सीरिया जाकर वहां के सुन्नी लड़ाकों से गर्भवती होकर ‘जिहाद’ में अपनी हिस्सेदारी निभाने को कहा गया था, हालांकि ऐसे किसी फतवे के जारी होने को नकारने वालों की भी कमी नहीं है। अब तक कितनी महिलाएं इस ‘जिहाद के जरिए गर्भवती’ हुई हैं, इसका खुलासा जेद्दो ने नहीं किया है। इस्लाम के जानकार कहे जाने वाले एक लेखक रेमण्ड इब्राहिम का कहना है कि इस मामले में मुस्लिम महिलाएं इसे ‘वैध जिहाद’ मानती हैं क्योंकि वे हताश विद्रोहियों को सीरिया में इस्लाम का राज कायम करने के उनके उद्देश्य में ‘मदद’ दे रही हैं। इब्राहिम ‘द इंवेस्टिगेटिव प्रोजेक्ट आॅन टेरेरिज्म’ संस्था से जुड़े हैं।
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