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पश्चिमी बंगाल की सेकुलर सरकार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इमामों के भत्तों में बढ़ोतरी करने के लिए मना कर दिया है। बावजूद इसके सेकुलर सरकारें वोट बैंक बढ़ाने की अपनी ओछी राजनीति से बाज नहीं आ रही हैं। अब महाराष्ट्र की सेकुलर सरकार मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने के लिए नया पत्ता फेंकने की तैयारी है। महाराष्ट्र सरकार ने वहां के मदरसों को राज्य की तरफ से 10 करोड़ रुपए देने की योजना बनाई है। मदरसों में मजहबी शिक्षा देने वाले मौलवियों की तनख्वाह बढ़ाने की भी सरकार की योजना है। साफ जाहिर है कि इस योजना को सिर्फ इसलिए बनाया गया है ताकि किसी भी तरह से मुसलमान वोटरों को लुभाया जा सके।
यह सरकार आने वाले चुनावों में राज्य के मुसलमानों के वोट बटोरने की सोची समझी राजनीतिक चाल समझी जा रही है। राज्य मंत्रिमंडल की हाल में हुई बैठक में राज्य के मदरसों को बुनियादी सुधिाएं वहां मजहबी शिक्षा देने वाले मैलवियों की पगार में वृद्वि यहां तक कि छात्रों को दी जा रही छात्रवृति में बढ़ोतरी करने का विशेष निर्णय लेते हुए ज्यादा धन देना तय किया गया है। आधिकारिक तौर पर बताया गया है कि राज्य में एक हजार 889 मदरसे हैं। इस योजना के पहले चरण में 200 मदरसों का चयन होगा इसके अलावा राज्य के मदरसों को पुस्तकालयों के लिए 5000 रुपए भी अलग से दिए जाएंगे मदरसों में 9वीं तथा 10 वीं की शिक्षा पाने वाले 600 छात्रों को प्रतिवर्ष 400 रुपए तथा 11वीं,12वीं की एवं औधोगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) करने वाले 400 छात्रों को 500 रुपए की छात्रवृति प्रदान करने का प्रावधान भी इसी सरकारी योजना के तहत किया गया है।
राज्य सरकार के मदरसों पर मेहरबान होने के पीछे भले यह दावा किया गया हो कि राज्य के मदरसों में शिक्षा पाने वाले अधिकांश छात्र गरीब तथा विधवाओं के बच्चे हैं, इस कारण यह राशि बढ़ाने की योजना की जा रही है भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विधायक देवेंद्र पाणवीय ने तो साफ कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने नीतिगत तौर पर राज्य के मराठी शिक्षा संस्थाओं को दी जाने वाली राशि में अत्याधिक कटौती की है। वहीं दूसरी ओर सरकार मदरसों के लिए 10 करोड़ की राशि तय करने के पीछे वोट राजनीति है। यह निंदनीय है।
शिवसेना प्रमुख उद्वव ठाकरे ने तो राज्य सरकार से सर्वजनिक तौर पर सवाल किया है कि हम धर्म से सम्बंध कुछ बातें करते हैं तो उस पर आपति जताने वाली राज्य सरकार मुसलमानों के वोट पाने की पूर्व तैयारी के तौर पर अपने सेकुलरवाद की आड़ में मदरसों का कैसे मदद प्रदान कर सकती है महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी सरकार पर आरोप लगाया है कि आने वाले चुनावों को देखते हुए ही मुसलमानों के वोट पाने के राजनीति उद्वेश्य से महाराष्ट्र सरकार ने यह चाल चली है। राज्य के वारकरी संगठन, वारकरी संस्थान कीर्तकार संगठन तथा विभिन्न संतों के हाल ही में राज्यस्तरीय सम्मेलन में कहा कि सरकार जब मदरसों को 10 करोड़ रुपए की रेवड़ी बंाटने पर तुली है तो उसी तर्ज पर राज्य वारकरी संस्थानों शासकीय अनुदान वारकरी शिक्षा संस्थाओं के शिक्षकेंा को प्रतिमाह 500 रुपए की राशि आदि दने पर भी विचार करना चाहिए । महाराष्ट्र राज्य वारकरी संगठन, वारकरी मंडल, वारकरी सेना आदि संगठनों ने राज्य सरकार से 100 करोड़ रुपए इस हेतु भी देने की मांग की है। द.बा. आंबुलकर
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