रेवाड़ी में अभूतपूर्व पूर्व सैनिक रैली
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स्वाभिमानी और सशक्त राष्ट्र बनाएं: मोदी
हरियाणा की ‘‘वीर धरा’’ रेवाड़ी में झलका राष्ट्र स्वाभिमान, पूर्व सैनिक रैली में मोदी की गर्जना राष्टÑ को सशक्त बनाएं
कांग्रेस सरकार की रैली को असफल बनाने की प्रायोजित योजना भी सामने आई, भारी भीड़ ने दिया करारा जवाब
छद्म सेकुलरवाद, आतंकवाद, बढ़ते भ्रष्टाचार व आर्थिक नीतियों में कमजोर यूपीए सरकार को दिखाया आईना
हरियाणा की ‘‘वीर धरा’’ रेवाड़ी में राजग के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी की 15 सितम्बर को हुई रैली में राष्टÑीय गौरव के प्रतीक अनेक पूर्व सैन्य अधिकारी, पूर्व सेना कर्मचारी व लाखों लोगों की भीड़ जुटने से राष्टÑ स्वाभिमान की स्पष्ट झलक दिखाई दी। जिस तरह जनता ने ‘भारत माता की जय’ व ‘मोदी जिंदाबाद’ के नारे लगाए, उससे साफ हो गया कि मौजूदा केंद्र व प्रदेश सरकार की गलत नीतियों से आहत लोग बदलाव का मन बना चुके हैं और सशक्त नेतृत्व के हाथों देश की बागडोर सौंपना चाहते हैं।
कई मायनों में यह रैली ऐतिहासिक दिखाई दी। करीब 30 एकड़ में बना पंडाल खचा-खच भरा हुआ था। पंडाल के बाहर भी बड़ी भारी तादाद में युवा उपस्थित थे और वहीं खड़े भाषण सुन रहे थे। ऐसे अभूतपूर्व उत्साह व समर्थन देखकर हुड्डा सरकार के होश उड़ने ही थे। सो कांग्रेस की रीत अपनाते हुए नजर आया। उधर कांग्रेस की हुड्डा सरकार ने जिस तरह रैली को असफल बनाने का प्रयास किया उससे लोगों में भारीरोष दिखा। उनका कहना था कि रैली से पूर्व ही रात को प्रशासन ने बिजली नहीं दी, यही नहीं कई दिन पहले से ही सरकार के इशारे पर उनके लोगों ने भाजपा द्वारा लगाए गए बोर्डों को भी खराब करने और किराए के लोगों को धरने पर बिठाकर जो घिनौना कार्य किया उसका जवाब आगामी चुनावों में दिया जाएगा।
रेवाड़ी ऐतिहासिक ही नहीं आध्यात्मिक दृष्टि से भी अहम है। महाभारत और भागवतपुराण के अनुसार, 5100 वर्ष पूर्व तत्कालीन रेवत राजा ने अपनी बेटी रेवती की शादी भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम से की थी। शादी में दी गई जमीन ‘रेव वाड़ी’ कहलाई और बाद में यह रेवाड़ी के नाम से मशहूर हुई।
रैली का शुभारंभ वंदेमातरम्, वीर भूमि-सैनिकों की भूमि नमन और अग्नि-5 के सफल प्रक्षेपण के लिए वैज्ञानिकों को बधाई के साथ हुआ। नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र में बैठी कमजोर यूपीए सरकार के कारण चारों ओर निराशा का माहौल है। चीन, पाकिस्तान आंखे दिखा रहा है और सरकार को सांप सूंघ रहा है। उन्होंने कहा कि दिक्कत सीमा पर नहीं है, परेशानी तो दिल्ली में बैठी सरकार में है, जो हमेशा झूठे आश्वासन और निजी हित की पूर्ति के लिए और वोट बटोरने की खातिर ‘दूध में दरार’ डालने की नापाक कोशिश कर रही है। मोदी ने कहा कि जनता समझ चुकी है, छद्म सेकुलरवाद को भी जान चुकी है, ऐसे राजनीतिक दलों के लिए जनता के मन में कोई जगह नहीं है। मोदी ने सुझाया कि जो सेकुलरवाद को सही रूप में जानना चाहते हैं तो वे भारतीय सेना से सीखें, जो देश की सुरक्षा और राष्टÑीय सम्मान की रक्षा करती है। लेकिन कांग्रेस नीत सोनिया सरकार ने सेना में भी मुस्लिमों की गिनती करवाने का जो षड्यंत्र रचा था, वह देशघाती था और सेना के अधिकारियों ने उसे उचित ही क्रियान्वित नहीं होने दिया। मोदी ने आतंकवाद, माओवाद को विश्व के सामने एक चुनौती करार देते हुए कहा कि इसे कुचलना होगा और जनमानस की सुरक्षा का मार्ग सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने पाकिस्तान को भी अपनी भूमि से आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने को कहा।
इस अवसर पर पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने कहा, सैनिक कमजोर नहीं हैं। कमजोर नीति बनाने वालों को बाहर करना होगा। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री बी.सी. खंडूरी, कैप्टन अभिमन्यु, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रामविलास शर्मा, सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। अगले दिन 16 सितम्बर को छत्तीसगढ़ के विलासपुर शहर में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की अभूतपूर्व रैली हुई। श्री आडवाणी ने उस रैली में मोदी की कार्यशैली और व्यक्तित्व की जमकर तारीफ की। उनके उस भाषण के बाद उस सेकुलर मीडिया को सांप सूंघ गया जो आडवाणी और मोदी के बीच ख्याली दूरी पर लंबे-चौड़े लेख छाप रहे थे। वरिष्ठ भाजपा नेता आडवाणी ने पार्टी के मंच से नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करके संगठन की एकजुटता का स्पष्ट परिचय दिया था।
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