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पश्चिम बंगाल में हिंदुओं के विरोध के बावजूद बजरंगबली मंदिर को तोड़ने की तैयारी प्रशासन ने लोगों को मंदिर में पूजा करने से रोका, मंदिर को काली प्लास्टिक की चादर से ढकापश्चिम बंगाल की सेकुलर सरकार लगातार हिंदुओं की आस्था पर चोट कर रही है। कुछ मुसलमानों और पार्षदों की शिकायत पर सरकार ने वहां स्थित बजरंगबली मंदिर को तोड़ने की योजना बनाई है। हिंदुओं के विरोध के बाद भी लोगों को मंदिर में पूजा करने से रोक दिया गया है। ममता सरकार के इशारे पर प्रशासन ने हिंदुओं को मंदिर में पूजा करने से रोका है। यहां तक कि मंदिर के चारों तरफ काले रंग की प्लास्टिक की पन्नी लगा दी है। मंदिर में बरसों से पूजा करते आ रहे वहां के करीब 500 हिंदुओं ने खड़गपुर के एसडीओ को विरोध पत्र भेजा है। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ममता सरकार को इमामों और मुअज्जिनों को माहवार भत्ता दिए जाने से मना कर दिया था। इसके बाद खड़गपुर निगम क्षेत्र में स्थित बजरंगबली मंदिर के पास कुछ हिंदू इकट्ठे थे। वे वहां पर न्यायालय के फैसले पर चर्चा कर रहे थे। इस बीच वार्ड नंबर-4 से तृणमूल कांग्रेस की पार्षद मान्या चटर्जी अपने पार्षद पति बबला सेनगुप्ता और चार स्थानीय मुसलमानों के साथ थाने पहुंचीं और मंदिर को 'अवैध' बताकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जबकि उस इलाके में कई जगह मुसलमानों ने अवैध कब्जे करके कई मस्जिदें और मजारें बनाई हुई हैं। इसी के बाद पुलिस और प्रशासन ने उस मंदिर को तोड़ने की तैयारी कर ली। बजरंगबली मंदिर के पास रैपिड एक्शन फोर्स तैनात कर धारा-144 लगा दी गई। चार सितंबर की सुबह सैकड़ों हिंदुओं ने मंदिर में पूजा की और शांतिपूर्ण तरीके से वहां प्रदर्शन किया। स्थानीय लोगों का कहना है कि साजिश के चलते पुलिस और प्रशासन हिंदुओं की आस्था को चोट पहुंचाने के लिए मंदिर को ध्वस्त करने की साजिश में जुटे हैं।
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