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हरियाणा की हुड्डा सरकार पर लगातार सवालिया निशान लगते रहे हैं। राबर्ट वाड्रा भूमि मामले में आई ए एस अधिकारी अशोक खेमका की रपट से सरकार उबर नहीं पाई थी कि विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मुख्य विपक्षी दल इनेलो ने 9 सीडी जारी कर सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। जारी की गईं सीडी में कांग्रेस नेता व विधायकों को नियम और कानून को दरकिनार करते दिखाया गया है। विपक्ष के नेताओं ने भौंहें तान कर कहा है कि रसूख का फायदा उठाकर कांग्रेस के लोग जनता का पैसा लूट रहे हैं और अपनी जेब भरने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि जो दिखाया गया है वह साफ बताता है कि यह मामला घूस लेने का है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। हम इसे जनता के सामने लाकर रहेंगे। सीडी में नेताओं पर सीएलयू अधिग्रहण की धारा-6 हटाने और सर्व शिक्षा अभियान के टेंडर दिलाने के नाम पर पैसे मांगने का आरोप लगा है। उधर सकपकाई हुड्डा सरकार को कुछ सूझ नहींे रहा है। आनन-फानन में सरकार ने लोकायुक्त को जांच का जिम्मा सौंपा है। लेकिन विपक्षी दलों ने इस जांच पर असहमति जताते हुए कहा कि इससे निष्पक्ष जांच होना संभव नहीं होगा। यह महज खानापूर्ति है। सरकार बचना चाहती है और आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है। उधर सीडी सामने आने के बाद प्रदेश में जगह-जगह लोगों ने प्रदर्शन कर सरकार को हकीकत सामने लाने की चेतावनी दी।सीडी के इस खुलासे में रामकिशन फौजी, हांसी के विधायक व मुख्य संसदीय सचिव विनोद भयाना, बरवाला के कांग्रेस विधायक रामनिवास घोडेला, रतिया के कांग्रेस विधायक जरनैल सिंंह, उकलाना के कांग्रेस विधायक नरेश सेलवाल, नलवा के कांग्रेस विधायक संपत सिंह के बेटे गौरव सिंह, मुख्य संसदीय सचिव जलेब खान के बेटे साजिद खान और युवा कांग्रेस नेता संजय छोक्कर को सी़एल़यू़ दिलाने और काम कराने के बदले पैसे मांगते हुए दिखाया गया है। सीडी खुलासे के बाद प्रदेश के राजनीतिक दलों इनेलो, भाजपा, हजकां आदि ने सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि सुशासन का दावा करने वाली हुड्डा सरकार के दामन पर भ्रष्टाचार के अनेक दाग हैं। उन्होंने कहा कि कई बातें सामने आ चुकी हैं, लेकिन अभी भी कई ऐसे खुलासे हैं जो सरकार की नींद हराम कर देंगे। इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने कहा कि हुड्डा सरकार के कार्यकाल में 22 हजार एकड़ भूमि के सीएलयू दिये जा चुके हैं जिन पर सवालिया निशान पहले ही लगे हैं।विपक्षी नेताओं का कहना है कि हुड्डा सरकार ने लोकायुक्त को जांच का जिम्मा सौंप तो दिया है, लेकिन सरकार ने कई मामलों में पिछले 6 सालों में लोकायुक्त की रपट और जवाबदेही को उचित नहीं समझा है और न ही कोई कदम उठाया है। वे मामले अधर में लटके हैं। ऐसे में इस गंभीर मामले, जिसमें सरकार के लोग फंसे हैं, पर जांच शीघ्र व निष्पक्ष होगी, कहना मुश्किल है। भाजपा के अनिल विज और प्रदेशाध्यक्ष रामविलास शर्मा, वीर कुमार यादव ने भी इस मामले को सरकार की मिलीभगत करार देते हुए सच्चाई जनता के सामने लाने की मांग की। उन्होंने कहा कि लोकायुक्त इसे गंभीरता से लें और जनता को हकीकत बताएं। डा. गणेश दत्त वत्स
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