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है यह टेलीविजन रंगीला।
सुंदर-सुंदर खूब सजीला।
दें रंगीन चित्र दिखलाई।
आंखों को लगते सुखदाई।
फिल्म देखना कितना भाता।
मधुर-मधुर संगीत सुहाता।
होते अच्छे-अच्छे गाने।
पड़ें सुनाई मधुर ताने।
खबरें दूर-दूर की आतीं।
हैं कहानियां मन बहलातीं।
मन यह सबका हर लेता है।
सबको ही खुश कर देता है।
विनोद चन्द्र पांडेय ह्यविनोदह्ण
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