सम्पादकीय: सहन नहीं सौहार्द
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

सम्पादकीय: सहन नहीं सौहार्द

by
Sep 7, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 07 Sep 2013 15:24:46

भारतीय मूल के विश्वविख्यात संगीतकार जुबिन मेहता का कश्मीर के शालीमार बाग में कार्यक्रम हर लिहाज से एक बढि़या पहल थी मगर कोई भी अच्छी बात जम्मू-कश्मीर में जिहाद के सपने बुनने वालों को तो बुरी लगनी ही है।
वैसे, कलई खुलने की आशंका में अलगाववादियों की यह बौखलाहट स्वाभाविक ही है। इस राज्य की विडंबना है कि देश के पढ़े-लिखे लोग भी गढ़े हुए तथ्यों के आईने में ही समस्या का सच तलाशते हैं और मजहबी कट्टरपंथियों द्वारा बरगलाए जाते हैं।
कश्मीरी लोक संगीत को समर्पित ह्यअहसास-ए-कश्मीरह्ण आयोजन के विरोध में अलगाववादियों का तर्क यह था कि जम्मू-कश्मीर स्वामित्व की दृष्टि से विवादित क्षेत्र है और यहां पर ह्यभारतह्ण में स्थित जर्मन दूतावास के सहयोग से कोई कार्यक्रम नहीं किया जा सकता।
दरअसल यही वह सबसे बड़ा झूठ है जिस पर देशद्रोह का किला खड़ा किया गया है। तथ्य यह है कि इस क्षेत्र के भारतीय स्वामित्व को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई विवाद ही नहीं है। यदि दस्तावेज पलटें तो पाएंगे कि संयुक्त राष्ट्र संघ से लेकर खुद पाकिस्तान के न्यायालयों तक कहीं भी भ्रम नहीं है कि यह भू-भाग किसका है। ऐसे में अपने ही देश के लिए नागरिकों का यह अज्ञान, राजनैतिक नेतृत्व की चुप्पी और अलगाववादियों के प्रति नरमी खलती है।
ज्यादातर लोग शायद नहीं जानते कि जम्मू-कश्मीर उसी तरह भारतीय गणराज्य का हिस्सा है जिस तरह उत्तर प्रदेश, दिल्ली या अन्य राज्य। संविधान में घटक राज्यों का उल्लेख करने वाली सूची में बाकी राज्यों की तरह इस राज्य का भी नाम है। जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे या अधूरे विलय की बात उठाने वालों के पास भी इस बात का जवाब नहीं है कि जब रियासत का विलयपत्र ही बाकी राज्यों के समान था, फिर इसका दर्जा जरा भी अलग क्यों हो सकता है? अलगाववादियों के मुंह बंद करने के लिए यह भी जानने वाली बात है कि जम्मू-कश्मीर के 4 प्रतिनिधि भारतीय संविधान सभा तक के सदस्य रहे हैं।
सूचना क्रांति के युग में भी जम्मू-कश्मीर का शेष दुनिया से छिपा सच यह है कि पांच जिलों के मुठ्ठीभर लोग घिर-घिर कर मीडिया के सामने आते हैं और ऐसी तस्वीर बनाते हैं मानो उनके मोहल्ले का ऊधम, जोकि वस्तुत: उन्हीं का रचा खेल है, पूरे राज्य का सच है।
दरअसल घाटी, जोकि पूरे राज्य का सिर्फ 7 प्रतिशत हिस्सा है, को पूरे राज्य के तौर पर पेश करने, यहां से सुन्नी मुसलमानों के अलावा बाकी समुदायों को खदेड़ने, और प्रांत के अन्य हिस्सों पर ह्यइस्लामह्ण का दबदबा बैठाने का एक सोचा-समझा षड्यंत्र है जिसने मीडिया और बुद्धिजीवियों तक की आंखों पर पर्दा डाला हुआ है। हाल की ऐसी पुष्ट सूचनाएं हैं कि मतदाता सूचियों में भारी हेर-फेर के जरिए शेष राज्य के मुकाबले घाटी का राजनैतिक कद बढ़ाया जा रहा है।
तथ्य यह है कि ह्यअत्याचारह्ण का झूठ लहराकर सेना हटाने की मांग करते मानवाधिकारवादी उन तीन लाख हिंदू परिवारों के अधिकारों पर मौन हैं जिन्हें गले पर तलवार रखकर घाटी से बाहर कर दिया गया और जिनकी जबरन कब्जाई संपत्तियों पर कुंडली मारकर आतंकियों के पैरोकार बैठे हैं।
ह्यफ्राइडे-गेमह्ण के नाम पर, नमाज के बाद दिहाड़ी मजदूरों और बच्चों के हाथों सुरक्षाबलों पर पत्थर बरसाने वाले असल में पीडि़त हैं अथवा असंख्य कश्मीरी हिन्दुओं के हत्यारे? मीडिया को बहस चलाकर देश का मानस जानना चाहिए।
वैसे, भारत को काटने-कमजोर करने के लिए हल्ले और झूठ से रची धंुध में एक महत्वपूर्ण पहलू हमेशा खो जाता है, वह है राज्य का पाकिस्तानी कब्जे वाला हिस्सा (पीओके) वापस लेना। बुद्धिजीवियों की बहस और राजनीतिक प्रयासों की दिशा पाकिस्तान से अपना हिस्सा वापस लेने की होनी चाहिए मगर घाटी वजह-बेवजह उत्पात मचाने के बाद इस तरह बिलबिलाती है कि सबकी नजर और चिंताएं वहां से आगे बढ़ ही नहीं पातीं।
वैसे, कभी हथगोलों के शोर से गूंजती वादी में ऑर्केस्ट्रा के सुरों की कल्पना तक कोई नहीं कर सकता था, सेना और ग्राम रक्षा समितियों (वीडीएस) की बदौलत अब हालात बदले हैं। केन्द्र सरकार की राजनैतिक पंगुता, राज्य सरकार की मजहबी पैंतरेबाजी और पाकिस्तान पोषित अलगाववादियों के संगठित विरोधों की आंच झेलते हुए लंबी लड़ाई लड़ी गई है और इसी कारण कश्मीर घाटी से आतंकी विषबेल को कुचला जा सका है। कहते हैं, जब जागे तभी सवेरा। बेशक, जुबिन मेहता के बहाने ही सही, अलगाववादियों ने देश को जगा दिया है। अब वक्त तथ्यों की रोशनी में आगे बढ़ने, विस्थापितों को उनका हक दिलाने और पीओके की बात करने का है।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

fenugreek water benefits

सुबह खाली पेट मेथी का पानी पीने से दूर रहती हैं ये बीमारियां

Pakistan UNSC Open debate

पाकिस्तान की UNSC में खुली बहस: कश्मीर से दूरी, भारत की कूटनीतिक जीत

Karnataka Sanatan Dharma Russian women

सनातन धर्म की खोज: रूसी महिला की कर्नाटक की गुफा में भगवान रूद्र के साथ जिंदगी

Iran Issues image of nuclear attack on Israel

इजरायल पर परमाणु हमला! ईरानी सलाहकार ने शेयर की तस्वीर, मच गया हड़कंप

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

fenugreek water benefits

सुबह खाली पेट मेथी का पानी पीने से दूर रहती हैं ये बीमारियां

Pakistan UNSC Open debate

पाकिस्तान की UNSC में खुली बहस: कश्मीर से दूरी, भारत की कूटनीतिक जीत

Karnataka Sanatan Dharma Russian women

सनातन धर्म की खोज: रूसी महिला की कर्नाटक की गुफा में भगवान रूद्र के साथ जिंदगी

Iran Issues image of nuclear attack on Israel

इजरायल पर परमाणु हमला! ईरानी सलाहकार ने शेयर की तस्वीर, मच गया हड़कंप

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies