दागियों के चंगुल से कैसे निकलें भारतीय खेल?
July 17, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

दागियों के चंगुल से कैसे निकलें भारतीय खेल?

by
Aug 30, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 30 Aug 2013 15:52:10

दागियों और भ्रष्टों को बचाने के लिए किस हद तक जाया जा सकता है, इसकी ए क मिसाल है भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए)। जहां कुछ दिन पहले दागदार खेल पदाधिकारियों को बचाने के लिए अजीबोगरीब तर्क दिये गये और भारतीय खेलों को दांव पर लगा दिया गया। भारतीय खेलों की सर्वोच्च संस्था आईओए पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ (आईओसी) ने आठ महीनों से प्रतिबंध लगाया हुआ है। भारत को अगर प्रतिबंध से बाहर निकलना है तो न केवल दागियों की सफाई करनी होगी बल्कि बेहतर प्रशासन की शर्त भी लागू करनी होगी। लेकिन चूंकि भारतीय ओलंपिक संघ में दागदार छवि वालों की ही भरमार है, लिहाजा उन्हें बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी गई है। ऐसे में न केवल प्रतिबंध के जारी रहने की पूरी आशंका है बल्कि दुनिया में भारतीय खेलों और खिलाडि़यों के अलग-थलग पड़ने का संकट भी गहरा रहा है।
पिछले साल दिसंबर के पहले हफ्ते में भारतीय ओलंपिक संघ के चुनावों में अभय चौटाला की अध्यक्ष पद पर और ललित भनोट की महासचिव के रूप में हुई थी। बड़े पैमाने पर वोटों के लिए जोड़-तोड़ का खेल हुआ। नियमों को तोड़ा-मरोड़ा गया। अभय चौटाला पर अदालत में कई तरह के मुकदमे चल रहे हैं तो भनोट राष्ट्रमंडल खेलों में घोटाले के गंभीर आरोपों में नौ महीने जेल में बिता चुके हैं, उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल है। इस चुनाव को अंतरराष्ट्रीय संस्था ने अमान्य करार देकर भारत की अंतरराष्ट्रीय खेलों में हिस्सेदारी पर प्रतिबंध लगा दिया। ये बड़ा झटका था। साख पर बट्टा तो लगा ही, किरकिरी भी हुई।
फिर शुरू हुई प्रतिबंध हटाने की कोशिशें। आईओसी ने शर्त रखी कि भारतीय ओलंपिक संघ अपने संविधान में ओलंपिक चार्टर के अनुसार बदलाव करे, सभी दागियों और भ्रष्टाचार के आरोपियों के लिए दरवाजे बंद करे। गौरतलब है कि भारत में खेल संघों पर काबिज आधे से ज्यादा लोगों के दामन पर तमाम तरह के आरोपों के छींटे हैं, और उनमें ज्यादातर देश के सियासी दलों से जुड़े हुए हैं। भारतीय खेलों में बने रहने के उनके अपने तर्क हैं। विचारणीय ये है कि क्या वाकई इस जमात ने भारतीय खेलों का हित किया या आगे बढ़ाया?
25 अगस्त को जब भारतीय ओलंपिक संघ में संविधान में बदलाव के लिए बैठक हुई तो एक असरदार लॉबी ने दागियों को बचाने के लिए नियमों को मनमाने तरीके से तोड़ा-मरोड़ा। कुछेक सदस्यों ने जब आईओसी के संविधान की पैरवी की तो उन्हें आंखें दिखाकर चुप करा दिया गया। बैठक में बहुमत से प्रस्ताव पास किया गया कि केवल दागी या आरोपी होने से कुछ नहीं होता बल्कि दोष साबित भी होना चाहिए। तर्क दिया गया कि भारतीय कानून कहता है कि जब तक दोष साबित न हो जाये, कोई भी पद पर बना रह सकता है, लिहाजा आईओए देश के कानूनों से बंधा है। हां, अगर दो साल तक के लिए कोई जेल में रहा हो तो उसे पद पर नहीं रहने दिया जायेगा, गंभीर आरोपों का निपटारा आईओए का नैतिक आयोग करेगा।
अब चूंकि आईओए ने बहुमत से आईओसी के संविधान संशोधन के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, लिहाजा देखना होगा कि आईओसी का क्या रुख होगा। अंतरराष्ट्रीय संस्था का ये संविधान केवल भारत नहीं बल्कि दुनिया के सभी देशों के लिए है। सभी सदस्य देशों ने इस पर रजामंदी दी हुई है। भारतीय खेल मंत्रालय भी लंबे समय से भारतीय खेल संघों के कामकाज में पारदर्शिता, जिम्मेदारी व जवाबदेही की बात कहता रहा है। जब भी खेल मंत्रालय देश में खेलों की सफाई और असरदार प्रशासन के लिए संघों पर जरा सा दबाव बनाता है तो विरोध शुरू हो जाता है, दुहाई दी जाने लगती है कि ये तो ओलंपिक चार्टर का उल्लंघन है। अब जब ओलंपिक चार्टर ही दागियों की सफाई की बात कह रहा है तो खेल आका देश के कानूनों की आड़ लेने की कोशिश में लग गये।  दागियों, भ्रष्ट और नाकारा खेल अधिकारियों को आगे रखकर भारतीय ओलंपिक संघ क्या संदेश देना चाहता है? आईओए को नहीं भूलना चाहिए कि खेल संघ राजनीति का मैदान नहीं हैं और न ही येन-केन-प्रकारेण कुर्सी से चिपके रहने की जगह बल्कि ये जगह, खेल के विकास और माहौल में सर्वोपरी भूमिका निभाने के लिए है। दुर्भाग्य से देश की आजादी के बाद छह दशकों में आमतौर पर खेल संघों ने कोई ऐसा आचरण पेश नहीं किया जिसे मिसाल बनाकर रखा जा सके।   
आईओए की बैठक के निश्कषोंर् से आमतौर पर भारतीय खेल जगत में निराशा और बढ़ी है। पूर्व खिलाड़ी और मौजूदा खिलाड़ी इससे खुश नहींं। हाल के बरसों में ओलंपिक खेलों में हमारे खिलाडि़यों ने अच्छे प्रदर्शन से कुछ पदक जीतने शुरू किये थे। इससे उनके उत्साह, मनोबल और तैयारियों सभी पर असर पड़ेगा। ये बात सही है  कि आईओसी की बैठक में अंतरराष्ट्रीय संस्था के तमाम और दूसरे प्रस्तावों पर मुहर लगा दी गई,जिसमें खेल प्रशासकों की आयु और कार्यकाल का मुद्दा भी था। लेकिन सवाल वही है कि हमें खेलों की तरक्की से प्यार है या उन्हें चलाने वाले दागियों से?  कुछ समय पहले देश के दिग्गज पूर्व खिलाडि़यों ने खेलों को साफ-सुथरा करने का बीड़ा उठाया था। इस अभियान को खेल मंत्रालय का समर्थन भी हासिल था। अब समय आ गया है कि ऐसा अभियान फिर जोर-शोर से छेड़ा जाये। अपनी बात इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी तक पहुंचाकर दूसरे विकल्पों पर विचार के लिए कहा जाये। भारतीय खेलों के आकाओं के मौजूदा व्यवहार और आचरण से साफ हो चुका है कि खेल से ज्यादा उनकी प्राथमिकता है कुर्सी और हित।  संजय श्रीवास्तव

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

बोरोप्लस के भ्रामक विज्ञापन को लेकर इमामी कंपनी पर लगा जुर्माना

‘विश्व की नंबर वन क्रीम’ बताना बोरोप्लस को पड़ा महंगा, लगा 30 हजार का जुर्माना

एयर डिफेंस सिस्टम आकाश

चीन सीमा पर “आकाश” का परीक्षण, ऑपरेशन सिंदूर में दिखाई थी भारत की ताकत

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

10 लाख लोगों को मिलेगा मुफ्त AI प्रशिक्षण, गांवों को वरीयता, डिजिटल इंडिया के लिए बड़ा कदम

केंद्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ को मंज़ूरी दी है।

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंज़ूरी, कम उत्पादन वाले 100 जिलों में होगी लागू

PM मोदी का मिशन : ग्लोबल साउथ के नेतृत्व के लिए तैयार भारत

अमृतसर : हथियारों और ड्रग्स तस्करी में 2 युवक गिरफ्तार, तालिबान से डरकर भारत में ली थी शरण

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बोरोप्लस के भ्रामक विज्ञापन को लेकर इमामी कंपनी पर लगा जुर्माना

‘विश्व की नंबर वन क्रीम’ बताना बोरोप्लस को पड़ा महंगा, लगा 30 हजार का जुर्माना

एयर डिफेंस सिस्टम आकाश

चीन सीमा पर “आकाश” का परीक्षण, ऑपरेशन सिंदूर में दिखाई थी भारत की ताकत

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

10 लाख लोगों को मिलेगा मुफ्त AI प्रशिक्षण, गांवों को वरीयता, डिजिटल इंडिया के लिए बड़ा कदम

केंद्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ को मंज़ूरी दी है।

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंज़ूरी, कम उत्पादन वाले 100 जिलों में होगी लागू

PM मोदी का मिशन : ग्लोबल साउथ के नेतृत्व के लिए तैयार भारत

अमृतसर : हथियारों और ड्रग्स तस्करी में 2 युवक गिरफ्तार, तालिबान से डरकर भारत में ली थी शरण

पंजाब : पाकिस्तानी जासूस की निशानदेही पर एक और जासूस आरोपित गिरफ्तार

छांगुर का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बेनकाब : विदेशों में भी 5 बैंक अकाउंट का खुलासा, शारजाह से दुबई तक, हर जगह फैले एजेंट

Exclusive: क्यों हो रही है कन्हैयालाल हत्याकांड की सच्चाई दबाने की साजिश? केंद्र सरकार से फिल्म रिलीज की अपील

एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था  (File Photo)

अमदाबाद Boing दुर्घटना की रिपोर्ट ने कई देशों को चिंता में डाला, UAE और S. Korea ने दिए खास निर्देश

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies