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आवरण कथा ह्यप्रकृति में परमेश्वर की तलाशह्ण बहुत ही सामयिक लगी। श्रावण माह में भारत के हर कोने में छोटी-बड़ी काँवड़ यात्राएं होती हैं। यह सदियों पुरानी परम्परा है। एक प्रसंग आता है कि एक बार आद्य शंकराचार्य पवित्र गंगा जल लेकर रामेश्वरम् जा रहे थे। रामेश्वरम् पहुंचने ही वाले थे कि रास्ते में कोई प्यासा आदमी मिल गया। उन्होंने वह जल बिना हिचक उस प्यासे को पिला दिया। वह प्यासा और कोई नहीं भोले शंकर ही थे। भोले की कृपा से ही आद्य शंकराचार्य ने पूरे भारत को एक सूत्र में पिरोने का काम किया।
-गोपाल
विवेकानन्द मिशन,गाँधीग्राम
जिला-गोड्डा(झारखण्ड)
० बिल्कुल सही लिखा गया है कि सावन के महीने में भारत में होती है दुनिया की सबसे कड़ी और बड़ी तीर्थयात्रा। भोले के भक्त सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल कर भोले को जल अर्पित करते हैं। सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलना आसान नहीं है। अवश्य ही इन भक्तों पर भगवान का आशीर्वाद है। कहा भी गया है यदि भगवान का आशीर्वाद हो तो कोई लंगड़ा भी पहाड़ चढ़ सकता है।
-रामावतार महतो
कालकाजी,नई दिल्ली
० झारखण्ड के देवघर में द्वादश ज्योतिलिंर्गों में से एक ज्योतिलिंर्ग है। बिहार के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज से गंगा जल लेकर श्रद्घालु करीब 100 किलो मीटर नंगे पांव पैदल चलकर भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं। सुल्तानगंज से लेकर देवघर तक पूरे सावन मेला लगता है। सावन तक पूरा इलाका शिवमय हो जाता है। सावन की अन्तिम सोमवारी के बाद भीड़ थोड़ी कम होने लगती है,पर मेला चलता रहता है। भादो महीने में भी लाखों श्रद्घालु सुल्तानगंज से जल लेकर देवघर जाते हैं। लगभग दो महीने तक शायद ही और कहीं मेला लगता होगा।
-गणेश कुमार
कंकड़बाग,पटना (बिहार)
हमाम में सभी नंगे हैं
ह्यदागियों पर एक हो गए सभी दलह्य इस लेख में राजनीतिक दलों की अच्छी खबर ली गई है। राजनीतिक दल न तो सूचना के अधिकार के तहत रहना चाहते हैं और न ही आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अपने नेताओं को छोड़ना चाहते हैं। दागियों के सन्दर्भ में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय बहुत अच्छा था। किन्तु इस निर्णय का सभी राजनीतिक दलों ने विरोध किया और अब इस निर्णय को ही बदलने की प्रक्रिया चल रही है।
-डॉ. हैदर अली खां
ग्राम व डाक-देवैठा
जिला-गाजीपुर(उ.प्र.)
० लोकसभा में 162 सांसद और राज्यसभा में 41 सांसद ऐसे हैं जिन पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। कुछ ऐसे ही बिन्दुओं को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि सजायाफ्ता नेता चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। न्यायालय ने यह भी कहा कि कोई भी आदमी जेल से चुनाव नहीं लड़ सकता है। राजनीतिक दलों को सर्वोच्च न्यायालय की ये अच्छी बातें भी पसन्द नहीं आईं। बहुत ही निराशा के साथ कहना पड़ रहा है कि इस हमाम में सभी राजनीतिक दल नंगे हैं।
-निमित्त जायसवाल
ग-39, ई डब्ल्यू एस
रामगंगा विहार, फेस प्रथम
मुरादाबाद-244001(उ.प्र.)
तालीम और तरक्की से दूरी
इस लेख ह्यपाकिस्तान में पढ़ाया जा रहा प्रतिशोध का पाठह्ण में व्यक्त विचारों से सहमत हूँ। छोटे-छोटे बच्चों में प्रतिशोध की भावना भरने से ही मुसलमानों में कट्टरता और उन्माद बढ़ रहा है। कट्टरवादियों ने तालीम और तरक्की की बुनियादी जरूरत को हमेशा खारिज किया है। कट्टरवादियों ने अपना आदर्श उन लोगों को नहीं माना,जिन्होंने सामाजिक समरसता को बढ़ाने का काम किया,बल्कि उन्हें माना जिन्होंने अलगाववाद को हवा दी। जैसा पेड़ लगाओगे वैसा ही फल मिलेगा। आज पाकिस्तान में हो क्या रहा है,यह पूरी दुनिया जानती है। रोजाना वहां बम फिस्फोट हो रहे हैं,निर्दोष मारे जा रहे हैं। हद तो यह हो गई है कि ये उन्मादी नमाज पढ़ते हुए लोगों को भी मार रहे हैं।
-मनोहर ह्यमंजुलह्ण
पिपल्या-बुजुर्ग
जिला-पश्चिम निमाड़-451225(म.प्र.)
यह पत्र मेवात के एक हिन्दू ने भेजा है,जो जिहादी तत्वों के निशाने पर हैं। मेवात में जारी जिहादी उन्माद की वजह से इनका पूरा परिवार मेवात छोड़ चुका है। सुरक्षा कारणों से उनका नाम और पता नहीं दिया जा रहा है।
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