July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

 

by
Aug 30, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

करजई की शरीफ से तालिबान को मनाने की अपील

दिंनाक: 30 Aug 2013 15:15:59

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई से बेहतर कौन जानता होगा कि अफगानिस्तान में उपद्रव मचाए रखने वाले तालिबानियों की चाबी उनकी सरहद के पार पाकिस्तान में मौजूद है। चाबी यहां से घूमती है और धमाके वहां हो जाते हैं। शायद इसीलिए करजई 26 अगस्त को इस्लामाबाद जाकर वहां के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिलकर यह कह आए कि भई, इन तालिबानियों को मनाओ, बातचीत की मेज पर बुलाओ, फसाद को निपटवाओ और मासूमों की जान बचाने में मदद करो। शरीफ ने भी छाती चौड़ी करके कहा होगा, जरूर जी, मुझसे जो बन पड़ेगा वह करूंगा। लेकिन सच्चाई शरीफ भी जानते हैं कि तालिबानी उनकी कहां सुनते हैं। वे अपने कट्टर इस्लामी आकाओं के फरमान पर चलते हैं, दुनिया में इस्लामी झण्डा फहराने के मंसूबे पाले हैं। पाकिस्तानी हुकूमत भी आईएसआई और कट्टरवादियों के सामने भीगी बिल्ली बनी रहती है। लेकिन, हो न हो, अमरीका के इशारे पर करजई को पाकिस्तान हो आना पड़ा होगा। क्योंकि यह पाकिस्तानी हुकूमत ही थी जिसने ’90 के दशक में अफगानिस्तान पर तालिबानी सत्ता कायम होने पर समर्थन दिया था। 2001 में सत्ता से बाहर होने पर तालिबानी इसी मुल्क में आ दुबके थे और तबसे इस्लामाबाद अमरीका और अफगानिस्तान की तालिबानियों से संपर्क की हर कोशिश के वक्त चीजों को अपने तराजू पर तोलकर ही कदम बढ़ाता है। पिछले साल अमरीका ने कुवैत में तालिबानियों से बातचीत का रास्ता खोलने की कोशिश की थी, पर तब काबुल ने खुद को इस सबसे अलग रखने पर एतराज किया था, लिहाजा बात आई-गई हो गई। अब 2014 के अंत तक अमरीकी सेनाओं के अफगानिस्तान से पूरी तरह कूच कर जाने के बाद हालात संभालने की तरज से करजई चाहते हैं इस्लामाबाद बीच में पड़कर तालिबानियों से बातचीत का माहौल बनाए।
विषेशज्ञों की मानें तो, पाकिस्तान इस बात से चिढ़ता है कि करजई भारत के ज्यादा पास हैं और अफगानिस्तान में भारत की बड़ी भूमिका मानते हैं। अमरीका का भी कुछ ऐसा ही ख्याल है। इसलिए करजई की बात को शरीफ बहुत ज्यादा तरजीह देंगे, इसकी संभावना कम ही दिखती है। इस्लामाबाद काबुल पर दिल्ली से ज्यादा पकड़ चाहता है।

बेशक, सीरिया ने रासायनिक हथियार दागे : जो

पिछले हफ्ते इस स्तम्भ में हमने सीरिया द्वारा अपने नागरिकों पर रासायनिक हथियार दागे जाने की खबर दी थी। उस हमले में तीन सौ से ज्यादा सीरियाई सोते में ही चल बसे और कितनों को सांस घुटने, आंखों से न दिखने और तमाम तरह के गंभीर नतीजे भुगतने पड़े हैं। राष्ट्रपति असद की इस कार्रवाई पर संयुक्त राष्ट्र के साथ ही अमरीका काफी तमतमाया था। लेकिन तब खबर की पुष्टि नहीं हुई थी। पर इधर तस्वीर साफ हो जाने के बाद न केवल संयुक्त राष्ट्र ने अपने विषेशज्ञों को जांच के लिए सीरिया भेजा है, बल्कि अमरीका के उपराष्ट्रपति जो बिडन ने भी साफ कर दिया है कि, बेशक सीरिया में नागरिकों पर रासायनिक हथियार छोड़े गए थे। इस बात को किसी तरह भी हल्के में नहीं लिया जा सकता। लेकिन सीरिया है कि मानता नहीं। बताते हैं, हमले के दिन, 21 अगस्त के बाद से राष्ट्रपति ओबामा 88 से ज्यादा बार विदेशी नेताओं से इस मामले में बात कर चुके हैं, दो बार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कैमरन से सलाह कर चुके हैं।
सीरिया की इस घटना से दुनिया भर में खलबली बढ़ गई है। अमरीकी कुमुक संभावित चढ़ाई करने के लिए तैयार है।  पश्चिम के इस तीखे रुख ने ईरान, रूस और चीन के कान खड़े कर दिए हैं, जिन्होंने सीरिया पर ऐसे किसी हमले से हालात बदतर होने की चेतावनी   दी है।

हिन्दू विश्वकोष ने जगाई उत्सुकता

26 अगस्त को अमरीका के दक्षिण कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में हिन्दू संतों-महंतों, सैकड़ों विद्वानों, छात्रों और आम नागरिकों की मौजूदगी में अंग्रेजी में छपा दुनिया के पहले हिन्दू विश्वकोष का अमरीकी संस्करण लोकार्पित हुआ। विश्वकोष को लेकर पिछले कई दिनों से लोगों में उत्सुकता बनी हुई थी। वे जानना चाहते थे कि 25 साल की कड़ी मेहनत से 11 खंडों में छपा यह ग्रंथ आखिर है कैसा। इसकी योजना, संकलन और निर्माण की जिम्मेदार संस्था है इंडिया हैरिटेज फाउंडेशन और प्रकाशन किया है मांडला प्रकाशन ने। भारत में ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द मुनि जी इंडिया हैरिटेज फाउंडेशन के संस्थापक और इस ग्रंथ की प्रेरणा जगाने वाले हैं। ग्रंथ के रूप में करीब एक हजार विद्वानों ने दुनिया की सबसे पुरानी और जीवंत परंपराओं में से एक का विषद दस्तावेज तैयार किया है। लोकार्पण कार्यक्रम में दक्षिण कैरोलिना की गवर्नर निक्की हेली, अटलांटा स्थित भारत के कोंसुल जनरल अजित कुमार और अण्णा हजारे मौजूद थे। इस कार्यक्रम के अवसर पर दो दिन के सम्मेलन में भारत के चोटी के विद्वानों ने भारतीय सभ्यता की उस महानता और विविधता की चर्चा की, जिसने दुनियाभर में एक अरब से ज्यादा लोगों को आपस में जोड़ा हुआ है। विश्वकोष की बात करें तो इसमें 7000 से ज्यादा आलेख हैं जो हिन्दू आध्यात्मिकता, रीति-रिवाजों और दर्शन का बखान करते हैं और भारत के इतिहास, सभ्यता, भाषा, वास्तुशिल्प, कला, संगीत और नृत्य के साथ ही चिकित्सा, विज्ञान और सामाजिक संस्थाओं के अलावा धर्म और हिन्दू स्त्री की   भूमिका पर रोशनी डालते हैं। भारतीय परंपराओं और संस्कृति को दर्शाने वाले 1000 से ज्यादा रंगीन चित्र भी हैं। विश्वकोष की प्रबंध संपादक और डिवाइन शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती की मानें तो यह ग्रंथ हिन्दू संस्कृति और सभ्यता के तमाम आयामों को समेटे है जो विद्वान शोधार्थियों के लिए बहुत मददगार रहेगा। शुरुआत में इसकी करीब 3000 प्रतियां तैयार की गई हैं। आलोक गोस्वामी

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप को नसों की बीमारी, अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों में आने लगी सूजन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies