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सीमाजन कल्याण समिति की ओर से हर साल की तरह इस साल भी सीमा पर तैनात बहादुर जवानों को राखी बांधकर रक्षा बंधन का त्योहार मनाया गया। समिति की ओर से अनेक बहनें हाथों में पूजा की थाली ओर सुन्दर राखी लिए सीमा सुरक्षा बल के जवानों को राखी बांधने गईं तो चौकी का माहौल बहुत भावपूर्ण हो गया। यह एक प्रयास था जवानों को यह बताने का कि देश उनकी बहादुरी और निष्ठा पर नाज करता है। इस मौके पर समिति के सदस्यों के अलावा आस पास के गांवों के पंच-सरपंच और गांववासी भी उपस्थित थे। जवानों के चेहरों पर त्योहार का आनंद देखते ही बनता था। तभी तो उन्होंने कहा कि देश के आम नागरिकों द्वारा त्योहारों के इस तरह से मनाए जाने पर हमारा उत्साह बढ़ता है और हम अपने कर्तव्य को और दृढ़ता से निभाते हैं। पुंछ से कठुआ तक की सीमा पर दो दिन में समिति की ओर से सीमा सुरक्षा बल और सेना की करीब पचास सीमा चौकियों पर तैनात जवानों को राखी बांधी गई। मुख्य कार्यक्रम रामगढ़ सेक्टर में बाबा चमल्याल चौकी पर आयोजित किया गया था। समिति का मुख्य उद्देश्य है सौहार्द बढ़ाना और जवानों को यह सुनिश्चित करना कि वे चाहे जहां भी तैनात हों, अपने घरों से दूर नहीं हैं। इन कार्यक्रमों में समिति के राष्ट्रीय संयोजक श्री राकेष कुमार, संगठन मंत्री श्री अरविन्द कुमार सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। राखी बंधवाने के बाद जवानों ने सबके साथ मिलकर मिठाई का आनन्द लिया और खुशियां बांटीं।
भाजपा महिला मोर्चा ने भी सुचेतगढ़ सीमा पर जवानों को बांधी राखी
रक्षाबंधन के इस पावन अवसर पर भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष डा़ सरोज पाण्डेय और अन्य कार्यकर्ता बहनों ने भी जम्मू के पास सुचेतगढ़ सीमा पर तैनात जवानों को राखी बांधी। इनके वहां पहुंचने पर जवान प्रफुल्लित हो गये और उन्होंने अपनी बहनों का खुले दिल से स्वागत किया। सुश्री सरोज पाण्डेय ने कहा कि हमारे देश के वीर जवान सीमा पर तैनात रहते हैं और देश की सुरक्षा करते हैं। ये हमारे सैनिक भाई ही हैं जो सही मायने में देश की सभी बहनों की रक्षा करते है। ऐसे में हम बहनों का भी फर्ज बनता है कि भाइयों को रक्षाबंधन के पावन अवसर पर राखी बांधकर उन्हें यह बतायें कि हमारे मन में भी उनके प्रति कितना सम्मान और प्रेम है। सुश्री पाण्डेय अपनी अन्य साथी बहनों के साथ जब इन सैनिकों को राखी बांधने पहुंचीं तो वहां वातावरण भावुक हो गया था। कदाचित जवानों को भी अपने-घरों पर उनका इंतजार करती अपनी बहनों की याद आयी होगी।
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