शरीफ का बुलावा सिर्फ एक छलाव
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

शरीफ का बुलावा सिर्फ एक छलाव

by
Aug 19, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 19 Aug 2013 11:20:35

पाकिस्तान की बातों को नहीं, कामों को देखे भारत सरकार

पाकिस्तान में शरीफ सरकार ने आते ही जिस तरह से भारत की मनमोहन सरकार के सामने ह्यरिश्ते सुधारनेह्ण के नाम पर जो मुलम्मेदार भाषा बोलनी शुरू की है, और भारत के नीति-निर्माताओं में अमरीका परस्त सोच ने उस ओर कान देने और सकारात्मक संकेत भेजने शुरू किए हैं, उसके आलोक में भारत के सुरक्षा- विशेषज्ञों में सार्थक बहस चलनी ही थी, सो चली। भारत-पाकिस्तान संबंधों की आज के संदर्भों में समीक्षा करने और भविष्य की रणनीति पर मंथन करने के लिए अभी 5-6 अगस्त को राजधानी दिल्ली में देश के जाने-माने रक्षा विशेषज्ञों, पूर्व लोकसेवकों, पूर्व सेनाध्यक्षों और विदेश नीति के विशेशज्ञों ने भारत-पाकिस्तान संबंधों की वर्तमान स्थिति, खटास के बिन्दु, पाकिस्तान की शरारती सोच और आगे की दिशा पर गहन चिंतन किया।
इस चर्चा में जिन विशेषज्ञों ने भाग लिया, उनमें प्रमुख थे आईबी के पूर्व निदेशक अजित डोवल, पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सतीश चंद्रा, पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त रहे जी़ पार्थसारथी, पूर्व थलसेनाध्यक्ष जनरल एऩ सी़ विज, सीमा सुरक्षा बल के पूर्व महानिदेशक प्रकाश सिंह, पूर्व गृह सचिव अनिल बैजल, पूर्व एयर चीफ मार्शल एस. कृष्णास्वामी, पूर्व विदेश सचिव एम़ रसगोत्रा, कंवल सिब्बल, पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल शंकर राय चौधरी और जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल ले. जनरल एस. के़ सिन्हा। स्ट्रेटेजिक सिक्योरिटी समूह के नाम से एकजुट हुए इन विशेषज्ञों ने दो दिन की बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी किया। 9 अगस्त को नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में एक पत्रकार वार्ता में ये सारे विशेषज्ञ उपस्थित थे। उन्होंने बैठक में उभरे मुद्दों और भारत की विदेश नीति पर अपने अध्ययन के आधार पर भारत सरकार को दिए सुझावों की जानकारी दी।
सबसे पहले अजित डोवल ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जनवरी 2013 में भारत के जवान का सिर का काटे जाने की घटना के बाद से रुकी बातचीत को फिर से शुरू करने की तैयारी की खबरें चिंता पैदा करती हैं। किसी भी तरह की बातचीत से पहले भारत सरकार को पाकिस्तान को साफ जता देना चाहिए कि भारत की जनता की इस संबंध में क्या भावना है, उसकी चिंताएं क्या हैं और पाकिस्तान से क्या अपेक्षाएं हैं। उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान की तरफ से कोई भारत विरोधी घटना देखने में आती है उसके कुछ दिन बात तक को तेवर तीखे रहते हैं लेकिन फिर सब कुछ भुला दिया जाता है। 6 अगस्त को पुंछ सीमा पर हमारे 5 जवानों को पाकिस्तान सेना द्वारा शहीद कर दिए जाने के बाद भारत सरकार के नरम रवैए पर सभी विशेषज्ञों ने हैरानी जताई। उनका कहना था कि उसी वक्त यूपीए सरकार को कुछ ऐसे कदम उठाने चाहिए थे कि जिनसे पाकिस्तान को कड़ा संकेत जाता। लेकिन हमारे नेता सिर्फ बयान देकर चुप हो गए। डोवल ने कहा कि अगर हम अतीत से सबक नहीं लेंगे तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा। उन्होंने हैरानी जताई कि रिश्ते सुधारने को आतुर नवाज शरीफ जून 2013 में ही कुर्सी पर बैठे हैं और जुलाई 2013 में सीमा पार से सबसे ज्यादा भारत विरोधी घटनाएं हुईं। आएदिन पाकिस्तान संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक आम सहमति बननी चाहिए।
6 अगस्त की घटना के संदर्भ में एक सवाल के जवाब में जनरल विज ने कहा, हमारे सैनिकों पर हमला करने की उस हरकत का उचित जवाब दिया जाना चाहिए था, लेकिन नई दिल्ली में बैठी सरकार इतनी लचर और नियंत्रणहीन है कि कोई ठोस फैसला ही नहीं ले सकती।
पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने कहा, पाकिस्तान से बात हो या न हो, उस पर देश में एक सहमति बननी चाहिए। पाकिस्तान हमारी ढिलाई का फायदा उठाता है। हमें तय कर लेना चाहिए कि जब तक वह भारत के वांछित अपराधियों को कठघरे में नहीं खड़ा करेगा, हम उससे कोई बात नहीं करेंगे। पता चला है कि उसने कश्मीर को लेकर कोई नया एजेंडा बनाया है, सरकार को देखना चाहिए कि वह एजेंडा क्या है।
जी़ पार्थसारथी ने कहा कि कबाब और बिरयानी खाना-खिलाना अपनी जगह है, पर जब दो देशों के बीच संबंधों की बात हो तो वह साफ साफ होनी चाहिए। आखिर भारत के प्रधानमंत्री को पाकिस्तान के साथ शर्म अल शेख में बात शुरू करने की क्या जल्दी थी? क्या पाकिस्तान ने आतंकवादियों पर लगाम कसी थी? क्या 26-11 के अपराधियों पर कार्रवाई की थी? उन्होंने कहा कि सरकारों के बीच संबंधों पर आगे बढ़ने से पहले दूसरे तमाम माध्यमों से चर्चा-वार्ता चलाए रखने में हानि नहीं है, लेकिन देश से जुड़े सामरिक महत्व के मुद्दों पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सतीश चंद्रा ने कहा कि न जाने क्यों भारत सरकार ने हमेशा पाकिस्तान को लेकर नरमाई दिखाई है और उसका खामियाजा भुगता है। पाकिस्तान को तुष्ट करने की नीति छोड़कर भारत को  एक नई नीति बनानी होगी। एडमिरल नैयर का कहना था, हमने पाकिस्तान पर कभी दबाव नहीं बनाया, इसलिए वह हम पर बार बार चोट
करता गया।
इन्हीं कुछ बिन्दुओं को समेटने वाले संयुक्त बयान पर 40 रक्षा विशेषज्ञों के हस्ताक्षर हैं। लेकिन देखने वाली बात यह है कि देश की रक्षा चिंताओं को बारीकी से, साफ शब्दों में बयान करने वाले इन विशेषज्ञों की बात सरकार में बैठे ह्यनरमदिलह्ण नेताओं को कितनी हजम होती है। क्योंकि पाकिस्तान रोजाना सीमापार से गोले दाग रहा है, कश्मीर में फिर से आग भड़का रहा है और दिल्ली की सरकार वोटों के समीकरण बैठाने में वयस्त है।                       प्रतिनिधि

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

मतदाता सूची मामला: कुछ संगठन और याचिकाकर्ता कर रहे हैं भ्रमित और लोकतंत्र की जड़ों को खोखला

लव जिहाद : राजू नहीं था, निकला वसीम, सऊदी से बलरामपुर तक की कहानी

सऊदी में छांगुर ने खेला कन्वर्जन का खेल, बनवा दिया गंदा वीडियो : खुलासा करने पर हिन्दू युवती को दी जा रहीं धमकियां

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

पीले दांतों से ऐसे पाएं छुटकारा

इन घरेलू उपायों की मदद से पाएं पीले दांतों से छुटकारा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies