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मेवात हरियाणा का एक मुस्लिम-बहुल क्षेत्र है। अब यह क्षेत्र कश्मीर बनने की राह पर बढ़ चुका है। 1990 के दशक में जिस तरह कश्मीर में हिन्दुओं की हत्या का दौर शुरू हुआ था और आखिर में उन्हें वहां से भगा दिया गया था कुछ वैसा ही मेवात में हो रहा है। मेवात में एक गहरी साजिश के तहत चुन-चुन कर हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है। कभी किसी हिन्दू लड़की का अपहरण कर उसका किसी मुस्लिम लड़के से जबरन निकाह कराया जाता है, तो कभी किसी हिन्दू को मुसलमान बनाया जाता है। कभी किसी हिन्दू की जमीन पर कब्जा कर लिया जाता है। हिन्दू व्यापारियों से जबरन धन वसूला जाता है। उद्देश्य एक ही हिन्दुओं को वहां से खदेड़ना, उन्हें भागने के लिए मजबूर करना।
देश के किसी भी हिस्से में दो समुदायों के बीच छोटी-सी झड़प होती है तो इसकी प्रतिक्रिया मेवात में तुरन्त होती है। गत 28 जुलाई को गुड़गांव जिले के सोहना के एक गांव हरियाहेड़ा में असगर (पुत्र फिरोज) के घर गायें काटी जा रही थीं। जब उसी गांव के नरेन्द्र को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने पुलिस को इसकी खबर दी। पुलिस आने पर गोहत्यारों ने उन पर गोली चला दी। इसके बावजूद पुलिस ने तीन गोहत्यारों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया और अन्य तीन भागने में सफल रहे। किन्तु जब पुलिस गांव से चली गई तो भागे गोहत्यारे हथियार के साथ नरेन्द्र के घर पहुंच गए। उन लोगों ने उनके साथ मारपीट की, उनकी स्कार्पियो गाड़ी भी तोड़ दी। नरेन्द्र को निशाना बनाकर गोहत्यारों ने गोलियां भी चलाईं। इसके बाद कई हिन्दू संगठनों ने गोहत्यारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सोहना-गुड़गांव सड़क पर जाम लगा दिया। पुलिस-प्रशासन से कार्रवाई का आश्वासन मिलने पर लोग मान गए और जाम खत्म कर दिया गया।
किन्तु उसी दिन इस घटना की प्रतिक्रिया मेवात में हुई। अनेक जगहों पर चक्का जाम किया गया। भारी संख्या में मुस्लिम सड़कों पर उतर आए और राष्ट्र-विरोधी नारे लगाने लगे। प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को समझकर पूरे मेवात में रातोंरात पुलिस बल को तैनात कर दिया। इस वजह से कोई बड़ी घटना तो नहीं हुई,पर स्थानीय हिन्दुओं में एक बार फिर डर समा गया। हिन्दुओं ने कई दिन तक अपने बच्चों को स्कूल-कालेज नहीं भेजा, उनकी दुकानें बंद रहीं। समाचार लिखे जाने तक मेवात में भारी संख्या में पुलिस तैनात थी।
नाम न छापने की शर्त पर मेवात के एक दर्जन से अधिक हिन्दुओं ने पाञ्चजन्य को बताया कि जब भी देश में कुछ होता है तो मेवात के हिन्दुओं को निशाना बनाया जाता है। इसलिए हिन्दू मेवात छोड़कर जा रहे हैं। मेवात से पलायन करने वाले हिन्दुओं की संख्या रोजाना बढ़ती जा रही है। हिन्दुओं का कहना है कि यहां उनकी कोई नहीं सुनता है। पुलिस और सरकार भी मुस्लिमों के साथ खड़ी रहती है। हिन्दुओं को मारने वाला अपराधी खुलेआम घूमता है,किन्तु पुलिस उसको नहीं पकड़ती है। पिछली होली के समय की एक घटना है। नूंह के एक दबंग मुस्लिम ने होलिका दहन की जमीन पर कब्जा कर लिया था। उस जमीन के पास रहने वाले प्रदीप ने जब इसका विरोध किया तो मुस्लिमों के एक गुट ने उस पर हमला कर दिया। अपनी जान बचाने के लिए प्रदीप ने उनसे मुकाबला भी किया पर अन्त में उसे गोली मार दी गई। सैकड़ों लोगों के सामने उसकी हत्या की गई। हत्यारों के विरुध्द धारा 302 के तहत मामला भी दर्ज हुआ पड़ा है,पर अभी तक किसी भी हत्यारे की गिरफ्तारी नहीं हुई है। सभी हत्यारे खुलेआम घूम रहे हैं। पुलिस भी उन्हें पहचानती है किन्तु उन पर हाथ नहीं डालती है। लोगों का कहना है कि उन हत्यारों को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है। उन हत्यारों के निशाने से बचने के लिए कोई हिन्दू भी इस मामले को नहीं उठाता है।
मेवात में पुलिस पर हमले की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। आये दिन कहीं न कहीं पुलिस की पिटाई हो रही है। हिन्दुओं का कहना है कि जब मेवात में पुलिस भी सुरक्षित नहीं है तो फिर आम आदमी कैसे सुरक्षित रह सकता है?
मेवात प्रदेश की मांग
अनेक लोगों का कहना है कि मुस्लिम वोट की खातिर मेवात को कट्टरवादियों के हवाले किया जा रहा है। इन्हीं कट्टरवादियों की मांग पर 2004 में गुड़गांव जिले को काटकर एक सम्प्रदाय विशेष के लिए मेवात को जिला बनाया गया। अब ये कट्टरवादी हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ मुस्लिम-बहुल क्षेत्रों को मिलाकर मेवात राज्य की मांग करने लगे हैं। आशंका है कि आने वाले चुनावों के समय यह मांग जोर पकड़ेगी। हिन्दुओं को डर है कि यदि वोट के लालची मेवात प्रदेश की मांग मान लेंगे तो फिर यहां हिन्दुओं का रहना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा।
कांवड़ यात्रा का मार्ग बदला
राजस्थान के जो कांवड़ यात्री हरिद्वार से जल लेकर दिल्ली-गुड़गांव-मेवात होते हुए अलवर, भरतपुर जाते हैं उन्हें मेवात जाने से रोक दिया गया है। इन यात्रियों को गुड़गांव से धारूहेड़ा-भिवाड़ी होते हुए राजस्थान भेजा जा रहा है। जो कांवड़ यात्री मेवात क्षेत्र के हैं उन्हें सोहना तक जाने दिया जाता है और उसके आगे पुलिस की सुरक्षा में उन्हें गन्तव्य स्थान तक पहुंचाया जाता है। पहले प्रशासन ने कहा था कि कांवड़ यात्रियों को पुलिस की गाड़ी में बैठाकर मेवात पार कराया जाएगा किन्तु लोगों ने पुलिस की बात नहीं मानी यह कहकर कि इससे तो कट्टरवादियों के हौंसले ही बढ़ेंगे।
मेवात में गूंजा पाञ्चजन्य
पाठकों को याद होगा कि 25 नवम्बर 2012 के अंक में मेवात के सन्दर्भ में एक बड़ी रपट प्रकाशित हुई थी। इसकी काफी प्रतिक्रिया हुई और केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने हरियाणा सरकार से इसकी जांच कराने को कहा था। इसके बाद हरियाणा के मुख्य सचिव के आदेश पर मेवात के पुन्हाना और कुछ अन्य जगहों पर पुलिस द्वारा इस सन्दर्भ में खोजबीन की गयी। स्थानीय लोगों से इस रपट के बारे में राय ली गयी। अब उस जांच रपट का इंतजार है।
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