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दक्षिण भारत की एक गैर सरकारी संस्था द्वारा सिलीगुड़ी (प.बंगाल) में संचालित बाल कल्याण केन्द्र के दो शिक्षकों पर वहां रहने वाली 16 वर्षीय छात्रा से दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। छात्रा जनजातीय समाज से संबंधित है। छात्रा का आरोप है कि दोनों शिक्षक पिछले कई दिनों से उसके साथ दुष्कर्म कर रहे थे। छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने दोनों आरोपियों- जॉर्ज सैम्युल और जॉनसन ईडी को गिरफ्तार करके न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। घटना के बाद से ही क्षेत्र में तनाव व्याप्त है। माना जा रहा है कि यह केन्द्र ईसाई संगठनों द्वारा संचालित है।
जानकारी के अनुसार पीड़ित छात्रा के माता-पिता का तलाक हो चुका है और वह पिछले 8 साल से केन्द्र में रही है। पिछले दिनों जब छात्रा की बुआ उससे मिलने केन्द्र में पहुंची तो छात्रा ने आपबीती बुआ को बताई। बुआ ने भतीजी पर हो रहे अत्याचार की जानकारी स्थानीय लोगों को दी। इसके बाद शिशु कल्याण समिति के कार्यकर्ता और स्थानीय लोग पुलिस के साथ केन्द्र पर जा पहुंचे। इस तरह दुष्कर्मी शिक्षकों का भांडा फूटा। पीड़ित छात्रा के बयान पर पुलिस ने आरोपी शिक्षकों को हिरासत में लेकर छात्रा को चिकित्सकीय परीक्षण के लिए उत्तरबंग के अस्पताल भेज दिया।
केन्द्र में इस समय कुल 10 लड़कियां हैं, जिनमें से 7 लड़कियों की आयु 6-8 वर्ष है, जबकि 2 की 17 वर्ष। केन्द्र पिछले 8 साल से सिलीगुड़ी में चल रहा है। हैरानी की बात है कि केन्द्र के पास लाइसेंस भी नहीं है। मामला सामने आने के बाद पुलिस इस बात का पता लगाने में जुट गई है कि अन्य लड़कियों के साथ भी ऐसी कोई घटना तो घटित नहीं हुई। वहीं केन्द्र की प्रमुख सारा चाको ने दुष्कर्म की बात को सिरे से नकार दिया है।
घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दाजिर्लिंग जिला अधिकारी सौमित्र मोहन ने कहा कि मामले की जांच के लिए एक अधिकारी को नियुक्त किया गया है। आरोपियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। शिशु कल्याण समिति, सिलीगुड़ी के अध्यक्ष मृणाल घोष ने बताया कि समिति ने पुलिस से मामले की गंभीरता से जांच करने की मांग की है।
n बासुदेब पाल
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