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सर्वोच्च न्यायालय का केन्द्र सरकार और रिलायंस इंडस्ट्रीज को नोटिस
सरकार के प्राकृतिक गैस की कीमतें बढ़ाने के फैसले की समीक्षा होगी। इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय ने पेट्रोलियम मंत्री और रिलायंस इंडस्ट्रीज को नोटिस भेजा है। न्यायालय ने यह कार्रवाई गत 29 जुलाई को एक सांसद द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए की। याचिका पर अगली सुनवाई आगामी 6 सितंबर, 2013 को होगी।
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पी. सदाशिवम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने न्यायालय में दाखिल जनहित याचिका पर केन्द्र सरकार और रिलायंस इंडस्ट्रीज से जवाब-तलब किया है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्राकृतिक गैस की कीमतें बढ़ाते समय सरकार ने गंभीरता से गौर नहीं किया। न्यायालय ने कहा कि एक वरिष्ठ सांसद ने यह मामला उठाया है। इस पर विचार करने की जरूरत है। न्यायालय ने संबंधित पक्षों को 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए जनहित याचिका 6 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विज ने कहा कि गैस की कीमतें बढ़ाने के निर्णय की समीक्षा की जरूरत है, क्योंकि पेट्रोलियम मंत्रालय ने अपने पूर्ववर्ती मंत्री और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की सलाह को दरकिनार कर दिया है। वहीं याचिकाकर्ता सांसद गुरुदास दासगुप्ता का कहना है चूंकि उनकी शिकायत पर प्रधानमंत्री कार्रवाई करने में विफल रहे हैं इसलिए उन्होंने यह जनहित याचिका दायर की है।
सरकार द्वारा बढ़ाई गई कीमतें
सरकार ने 1 अप्रैल, 2014 से प्राकृतिक गैस की कीमत 4.2 अमरीकी डालर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमबीटीयू) से बढ़ाकर 8.4 एमबीटीयू करने का निर्णय किया है। गैस की नई कीमत 8.4 अमरीकी डालर की हर तीसरे महीने समीक्षा की जाएगी। यह मूल्य सभी गैस उत्पादकों पर एक समान रूप से लागू होगा। इसमें ऑयल इंडिया लिमिटेड और ओएनजीसी व रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसी निजी कंपनियां शामिल हैं। n पाञ्चजन्य ब्यूरो
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