गुवाहाटी (असम) में विश्व हिन्दू परिषद की केन्द्रीय प्रबन्ध समिति की बैठक में मांग
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विश्व हिन्दू परिषद की केन्द्रीय प्रबन्ध समिति की दो दिवसीय बैठक गत 26-27 जुलाई को गुवाहाटी (असम) स्थित हरियाणा भवन में संपन्न हुई। यहां श्रीराम मंदिर, चीन समस्या, उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा, असम आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा के बाद प्रस्ताव पारित किए गए।
केन्द्रीय प्रबन्ध समिति द्वारा 'अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण' पर पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि पुण्य नगरी अयोध्या में विराजित भगवान श्रीरामलला का तबुंओं द्वारा निर्मित मंदिर संतों के साथ-साथ संपूर्ण हिन्दू समाज को व्यथित कर रहा है। जनसमाज यथाशीघ्र भगवान के दर्शन भव्य मंदिर में करना चाहता है।
केन्द्रीय प्रबन्ध समिति का यह मत है कि न्यायालयों की लम्बी प्रक्रिया से शीघ्र निर्णय नहीं आ सकेगा। हिन्दू समाज रामलला को शीघ्रातिशीघ्र भव्य मंदिर में विराजित देखना चाहता है, इसलिए भारत सरकार से प्रबन्ध समिति आग्रह करती है कि जिस प्रकार सोमनाथ मंदिर के संबंध में केन्द्रीय मंत्रिमण्डल ने अपनी भूमिका निर्वाह की और सोमनाथ मंदिर का निर्माण हुआ, ठीक उसी प्रकार श्रीराम जन्मभूमि के विषय में भी संसद के मानसून सत्र में ही कानून बनाकर अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के भव्य मंदिर निर्माण की सभी कानूनी बाधाएं दूर की जायें अन्यथा हिन्दू समाज निर्णायक आन्दोलन करने को बाध्य होगा।
'उत्तराखण्ड दैवीय आपदा' के संबंधी प्रस्ताव में कहा गया है कि उत्तराखण्ड में पिछले दिनों आई प्राकृतिक आपदा में जिस संवेदनशीलता, अदम्य साहस और अपने जीवन को जोखिम में डालकर सुरक्षा बलों के जवानों ने एक लाख से भी अधिक लोगों की जान बचाई और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहंुचाया उनके इस पराक्रम की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम ही है।
केन्द्रीय प्रबंध समिति उत्तराखण्ड सरकार को सचेत करती है कि मात्र पनबिजली उत्पादन व प्रकृति के निर्दयतापूर्वक दोहन को ही विकास नहीं समझना चाहिए। केन्द्र और राज्य सरकार सभी प्रस्तावित परियोजनाओं को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर भगवती धारी देवी को उसके मूलस्थान पर पुन: प्रतिष्ठापित करे। साथ ही सरकार को यहां की आस्था व जल-जंगल-जमीन और राज्य के देवभूमि स्वरूप को संरक्षित करते हुए विकास की दिशा निर्धारित करनी चाहिए।
राज्य का बहुत बड़ा भूभाग सीमान्त क्षेत्र है। इस घटना के पश्चात् लोग भयभीत और सहमे हुए हैं। सीमान्त क्षेत्रों से लोग पलायन करने को बाध्य हैं। जीवनयापन का संकट भी उनके सामने मुंहबाए खड़ा है। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह सड़कों, पुलों और संचार के माध्यमों को शीघ्रातिशीघ्र दुरुस्त कर चारधाम की यात्रा पुन: प्रारंभ कर राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाकर लोगों का विश्वास बहाल करे।
'भारत पर चीन का कसता शिकंजा' प्रस्ताव में कहा गया है कि चीन भारत की आन्तरिक एवं बाह्य सुरक्षा तथा अर्थव्यवस्था के लिए एक खतरनाक चुनौती बन गया है। परन्तु दुर्भाग्य है कि देश के कई चिंतकों, सुरक्षा विशेषज्ञों और सैन्य सलाहकारों की चेतावनी और चीन की हरकतों के बावजूद केन्द्र सरकार न केवल इस खतरे की अनदेखी कर रही है अपितु इस दिशा में आपराधिक लापरवाही बरत रही है। पिछले दो महीने में चीनी सेना ने चार बार घुसपैठ की, परन्तु भारत सरकार ने जिस प्रकार इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त की उससे चीनी सरकार के इरादे और भारत सरकार की लापरवाही दोनों ही स्पष्ट हो जाते हैं।
विश्व हिन्दू परिषद इन सब खतरों के विषय में भारत सरकार को जागरूक करती रही है, परन्तु दुर्भाग्य से भारत के वामपंथी कम्युनिस्ट चीन के इन षड्यन्त्रों के लिए भारत सरकार को ही दोषी ठहरा रहे हैं। शायद वे 1962 के फिर से दोहराने की प्रतीक्षा कर रहे हैं जब उन्होंने चीनी सेनाओं का स्वागत करते हुए भारत को ही हमलावर बताया था। विश्व हिन्दू परिषद की प्रबन्ध समिति भारत सरकार से यह मांग करती है कि अब उसे चीन के अपवित्र इरादों का मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए। भारत सरकार को यह समझना चाहिए कि उसके इरादे कमजोर हो सकते हैं, परन्तु देश कमजोर नहीं है। हमारे देश में चीन की हर चुनौती का जवाब देने की भरपूर क्षमता है।
'असम' पर पारित प्रस्ताव में विश्व हिन्दू परिषद की केन्द्रीय प्रबन्ध समिति ने भारत सरकार से मांग की है कि बंगलादेश से आने वाले सभी हिन्दुओं को नागरिकता प्रदान की जाए। जो इसके साथ ही उत्तरपूर्वी भारत के मूल निवासियों की सुरक्षा का पर्याप्त प्रबन्ध हो।
सिलीगुड़ी में मेधावी छात्र सम्मानित
गत दिनों सिलीगुड़ी (प.बंगाल) में एक सम्मान समारोह में छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राज्य के 130 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया। इन छात्रों ने 8वीं तथा 12वीं की परीक्षा अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी। सम्मानित छात्रों को अभाविप की ओर से पदक, स्वामी विवेकानंद की पुस्तकें, प्रशस्ति पत्र भेंट स्वरूप दिए गए।
समारोह में पूरे सिलीगुड़ी में 12वीं कक्षा में प्रथम आने वाले सचिन अग्रवाल को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार श्री सोनी शर्मा, श्री सीताराम डालमिया, श्री सुशील रामपुरिया, अभाविप के प्रदेश सह सचिव श्री चंदन राउत, अभाविप सिलीगुड़ी के सचिव श्री गणेश कमती और अध्यक्ष श्री नरेश तिबरेवाल सहित सम्मानित हुए छात्रों के अभिभावक भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्री श्याम जायसवाल ने किया। अभाविप द्वारा मेधावी छात्रों को सम्मानित करने का यह दूसरा कार्यक्रम है।
वनवासी छात्रों के लिए नए छात्रावास का शुुभारम्भ
नवासी इलाकों में वनवासी बच्चों के लिए छात्रावास खोलकर वनवासी कल्याण आश्रम सराहनीय कार्य कर रहा है। आगामी दिनों में इन्हीं छात्रावासों से एकलव्य व बिरसा मुंडा जैसे महापुरुष निकलेंगे।' उक्त विचार ग्वालियर (म.प्र.) स्थित जीवाजीराव विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति तथा भारत विकास परिषद के कार्याध्यक्ष प्रो. सत्य प्रकाश तिवारी ने व्यक्त किए। वे गत दिनों भुवनेश्वर (उड़ीसा) के मंचेश्वर में वनवासी कल्याण आश्रम एवं सीमाद्रि मिश्र ट्रस्ट द्वारा संचालित वनवासी छात्रावास के उद्घाटन के समारोह को संबोधित कर रहे थे। अभी इस छात्रावास में 31 बच्चे हैं। ये बच्चे राज्य के 10 जिलों से आए हैं।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित स्वामी प्राणरूपानंद सरस्वती ने वनवासी बच्चों के लिए वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रा.स्व.संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री सुनीलपद गोस्वामी ने कहा कि वनवासी कल्याण आश्रम पूरे देश में वनवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्यरत है। वनवासी कल्याण आश्रम के प्रांत महामंत्री डा. लक्ष्मीकांत दास ने कहा कि आगामी दिनों में इस छात्रावास में दो सौ छात्रों के रहने की व्यवस्था करने का निर्णय किया गया है। कार्यक्रम के प्रारंभ में सीमाद्रि मिश्र ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री जगदीश प्रसाद मिश्र ने स्वागत भाषण दिया तथा छात्रावास की प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री प्रकाश बेताला ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। समन्वय नंद
केन्द्र और जम्मू–कश्मीर सरकार गिरा रही है सुरक्षा बलों का मनोबल
रतीय जनता युवा मोर्चा की जम्मू-कश्मीर इकाई ने केन्द्र सरकार और जम्मू-कश्मीर सरकार पर सुरक्षा बलों और देशभक्त नागरिकों का मनोबल गिराने का आरोप लगाया है। यह आरोप युवा मोर्चा ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को एक पत्र लिखकर लगाया है। पत्र में कहा गया है कि केन्द्र और राज्य सरकार सुरक्षा बलों और देशभक्त नागरिकों का मनोबल गिराने का कोई मौका नहीं छोड़ रहीं। प्रतिनिधि
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