सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले से दागियों के लिए संसद या विधानसभा के दरवाजे बंद कर दिए। इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस निर्णय से लोकतंत्र के मंदिर (संसद और विधानसभा) की पवित्रता बढ़ेगी। अब तक तो हो यह रहा था कि मामला यदि उच्च न्यायालय में लटका होता था तो जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(4) दोषी जन प्रतिनिधियों की अयोग्यता ढक लेती थी। इस कारण वर्तमान लोकसभा में 162 सांसद ऐसे हैं जिन पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। इनमें 76 सांसद ऐसे हैं जिन्हें कम से कम पांच साल तक की सजा हो सकती है। फिर भी ये संसद में 'माननीय' बनकर बैठे हैं। मगर अब संसद सदस्य या विधायक दोषी होने की तारीख से ही अयोग्य माने जाएंगे। सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि सरकार को कानून बनाकर सदस्य की अयोग्यता टालने का अधिकार नहीं है। संसद ने ऐसा कानून बनाकर संविधान में दिए गए कानून बनाने के अधिकार का अतिक्रमण किया है। इसलिए जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(4) को असंवैधानिक घोषित कर दिया गया है।
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सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले से दागियों के लिए संसद या विधानसभा के दरवाजे बंद कर दिए। इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस निर्णय से लोकतंत्र के मंदिर (संसद और विधानसभा) की पवित्रता बढ़ेगी। अब तक तो हो यह रहा था कि मामला यदि उच्च न्यायालय में लटका होता था तो जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(4) दोषी जन प्रतिनिधियों की अयोग्यता ढक लेती थी। इस कारण वर्तमान लोकसभा में 162 सांसद ऐसे हैं जिन पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। इनमें 76 सांसद ऐसे हैं जिन्हें कम से कम पांच साल तक की सजा हो सकती है। फिर भी ये संसद में 'माननीय' बनकर बैठे हैं। मगर अब संसद सदस्य या विधायक दोषी होने की तारीख से ही अयोग्य माने जाएंगे। सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि सरकार को कानून बनाकर सदस्य की अयोग्यता टालने का अधिकार नहीं है। संसद ने ऐसा कानून बनाकर संविधान में दिए गए कानून बनाने के अधिकार का अतिक्रमण किया है। इसलिए जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(4) को असंवैधानिक घोषित कर दिया गया है।

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Jul 13, 2013, 12:00 am IST
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दागियों के लिए दरवाजे बन्द

दिंनाक: 13 Jul 2013 14:11:39

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