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चीन के सिंक्यांग प्रांत में वहां के अल्पसंख्यक, पर उस प्रान्त में बहुसंख्यक, उइगर मुस्लिमों ने पिछले दिनों जो कोहराम मचाया था और चीन ने जिसे सख्ती से दबाया था उस बाबत पिछले अंक में इसी स्तम्भ में हमने जानकारी ही दी थी। अब ताजा खबर यह है कि वहां के कुछ कट्टर उइगरों को पाकिस्तान में चल रहे आतंकी शिविरों में जिहादी प्रशिक्षण देकर सीरिया में असद की फौजों से लोहा लेने भेजा जा रहा है। यह जानकारी और किसी ने नहीं, बीजिंग में बैठे सीरिया के राजदूत इमाद मुस्तफा ने खुद दी है। ऐसे 30 तैयार जिहादी उइगरों को तुर्की भेजा जा चुका है। वहां से उनके सीरिया जाने का कयास है। देखने की बात यह भी है कि मुस्तफा ने यह जानकारी इस समय क्यों सामने की? वजह यह है कि 4 जुलाई को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ 5 दिन के चीन के सरकारी दौरे पर वहां पहुंचे थे। 2 जुलाई को मुस्तफा का वह बयान आया। हो न हो, मुद्दा गर्माने का मतलब साफ था कि नवाज से चीनी इस मामले पर जिरह करें। सीरिया में लड़ कर लौटा एक उइगर जिहादी मेमेती एइली हाल ही में धर लिया गया था जिससे कई और खुलासे हुए। उससे सिंक्यांग के अलगाववादी गुट ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ई.टी.आई.एम.) के मकसद का खुलासा हुआ कि प्रान्त में एक इस्लामी राज्य खड़ा करना है।
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