पटनामें 'भारतमेंअध्यात्मएवंविज्ञानकीउज्ज्वलपरंपरा' विषयकसंगोष्ठीमेंवक्ताओंनेकहा-
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उज्ज्वलरहीहैभारतमेंअध्यात्मऔरविज्ञानकीपरम्परा
भारतमेंअध्यात्मएवंविज्ञानसाथ–साथचलतारहाहै।भारतकाअर्थहीहैज्ञानमेंरतरहना।–मधुभाईकुलकर्णी, सदस्य, अ.भा.कार्यकारीमंडल, रा.स्व.संघ
शेषदुनियामेंविज्ञानकेबढ़तेप्रवाहमेंलोगमनुष्यताभूलरहेहैंपरंतुभारतमेंअध्यात्मकेसाथविज्ञानकीभीप्रगतिहोरहीहै।–डा. सदानंदसप्रे, राष्ट्रीयसंयोजक, प्रज्ञाप्रवाह
पटना (बिहार) स्थित विधान परिषद सभागार में गत 1 जुलाई को 'भारत में अध्यात्म एवं विज्ञान की उज्ज्वल परंपरा' विषयक संगोष्ठी संपन्न हुई। प्रज्ञा प्रवाह (चिति) एवं स्वामी विवेकानंद सार्द्धशती समारोह समिति के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुई संगोष्ठी को रा.स्व.संघ के अ.भा. कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री मधुभाई कुलकर्णी, प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक डा. सदानंद सप्रे आदि ने संबोधित किया कार्यक्रम में उपस्थित विधान पार्षद डा. किरण घई ने मानवता की रक्षा के लिए अध्यात्म को अनिवार्य बताया। प्रज्ञा प्रवाह के प्रांतीय संयोजक श्री नंदकिशोर ने मंच संचालन किया एवं अध्यक्षता अ.भा. आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डा. गिरीश कुमार सिंह ने की। अतिथियों का परिचय प्रज्ञा प्रवाह के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री रामाशीष सिंह ने कराया।
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