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'धर्मबी' सिर्फप्रतियोगिताओंकेजरिएपदकप्राप्तकरनेभरतककाकार्यक्रमनहींहै।बल्किइसकेजरिएबच्चोंकोभगवद्गीताकेसंदेशकोसमझनेऔरजीवनमेंउतारनेकारास्तामिलाहै।यहसबबच्चोंकोमाता–पिताकेकहनेसेनहींमिला, बल्किउन्होंनेस्वयंभगवद्गीताकाअध्ययनकियाऔरइसकीअनुभूतिकी।बच्चोंकोभगवानश्रीकृष्णकेशब्दोंमेंज्ञानमिलाहै।जोकिखुशहालजीवनकीकुंजीहै।–तुलसीगबार्ड,सदस्य, अमरीकीसंसद
बच्चोंमेंस्वामीविवेकानंदऔरहिन्दूमान्यताओंकेज्ञानकोबढ़ानेकेलिएहिन्दूस्वयंसेवकसंघनेपूरेअमरीकामें 'धर्मबी' कार्यक्रमकाआयोजनकिया।इसकेजरिएअमरीकामेंअनेकस्थानोंपरलिखितपरीक्षा, मौखिकप्रस्तुतिऔरसंयुक्तप्रस्तुतियोंकाआयोजनहुआ।पूरेअमरीकासेतीनहजारसेअधिकबच्चोंनेइसकार्यक्रममेंभागलिया।
स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में गत दिनों अमरीका में 'धर्म बी' नामक कार्यक्रम का समापन समारोह धूमधाम से मनाया गया। हिन्दू स्वयंसेवक संघ और ग्रेटर शिकागो के हिन्दू टेम्पल के संयुक्त तत्वावधान में शिकागो में संपन्न हुए कार्यक्रम में अमरीका के करीब तीन हजार बच्चों सहित अनेक प्रसिद्ध लोगों ने भाग लिया।
हिन्दू स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित 'धर्म बी' कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों में स्वामी विवेकानंद और हिन्दू मान्यताओं के ज्ञान को परखा गया। इसके लिए अमरीका में जगह-जगह लिखित परीक्षा, मौखिक प्रस्तुति और संयुक्त प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया। स्थानीय स्तर पर हुई प्रतियोगिताओं में से 130 से अधिक बच्चों को अंतिम चरण की प्रतियोगिता के लिए बुलाया गया। अंतिम चरण की प्रतियोगिता कार्यक्रम के समापन समारोह में ही हुई। प्रतियोगिता का मूल्यांकन शिकागो और अमरीका के अन्य शहरों के प्रसिद्ध निर्णायक मंडल के सदस्यों ने किया।
'धर्म बी' कार्यक्रम के समापन समारोह के बाद प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को सम्मानित करने के लिए ग्रेटर शिकागो के हिन्दू टेम्पल में पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इसमें अमरीकी संसद की पहली हिन्दू सदस्य सुश्री तुलसी गबार्ड और वेदांत सोसाइटी, शिकागो के स्वामी ईशात्मानंद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
सुश्री तुलसी गबार्ड ने अपने उद्बोधन में कहा कि 'धर्म बी' सिर्फ प्रतियोगिताओं के जरिए पदक प्राप्त करने भर तक का कार्यक्रम नहीं है। बल्कि इसके जरिए बच्चों को भगवद्गीता के संदेश को समझने और जीवन में उतारने का रास्ता मिला है। यह सब बच्चों को माता-पिता के कहने से नहीं मिला, बल्कि उन्होंने स्वयं भगवद्गीता का अध्ययन किया और इसकी अनुभूति की। बच्चों को भगवान श्रीकृष्ण के शब्दों में ज्ञान मिला है। जोकि खुशहाल जीवन की कुंजी है।
स्वामी ईशात्मानंद ने कहा कि 'धर्म बी' अच्छे कार्यों का आयोजन करता है। ठीक उसी तरह, जिस तरह अच्छे फूलों से शहद निकाला जाता है। उन्होंने कहा कि हिन्दू स्वयंसेवक संघ ने अपनी 150 इकाइयों के जरिए मूल्य आधारित शिक्षा के कार्यक्रम तैयार किए हैं। ताकि हिन्दू-अमरीकी समुदाय में मजबूत चरित्र, नेतृत्व क्षमता का निर्माण हो सके।
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