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26 मई,2013
आवरण कथा 'दलीलें और करतूत' में पाकिस्तान, पाकिस्तानी हुक्मरानों और पाकिस्तान के प्रति नरम रुख अपनाने वाली संप्रग सरकार की अच्छी खबर ली गई है। नवाज शरीफ हों, परवेज मुशर्रफ हों या कोई और किसी भी पाकिस्तानी नेता पर विश्वास नहीं किया जा सकता। नवाज शरीफ ने वाजपेयी जी की लाहौर बस यात्रा का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया था, किन्तु उसके दो महीने बाद ही कारगिल में पाकिस्तानी सेना आ बैठी थी। उन्हें मारकर भगाना पड़ा था। अब भी नवाज की मीठी बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
–ब्रजेश कुमार
गली सं.- 5, आर्य समाज रोड मोतीहारी, जिला–पूर्वी चम्पारण-845401 (बिहार)
n{ÉÉÊEòºiÉÉxÉ जब तक भारत के साथ स्वस्थ संबंधों का परिचय नहीं देता है तब तक उससे दूरी बनाने में ही भारत की भलाई है। दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद जैसे भारत के दुश्मनों को पाकिस्तान पाल रहा है, उन्हें हर तरह से मदद भी दे रहा है, फिर उससे दोस्ती करने का क्या मतलब है?
–हरिओम जोशी
चतुर्वेदी नगर, भिण्ड (म.प्र.)
n पाकिस्तान का जन्म ही भारत-द्वेष पर हुआ है। वह द्वेष दिनों-दिन घटने के बजाय बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तानियों को भारत विरोध की शिक्षा दी जाती है। वह भारत की घेराबंदी करने में भी लगा है। पाकिस्तानी शासक कुछ भी कहें उन पर आंख मूंदकर यकीन करना अपने को ही धोखा देना है।
–लक्ष्मी चन्द
गांव–बांध, डाक–कसौली
जिला–सोलन (हि.प्र.)
nʨɪÉÉÆ नवाज शरीफ कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं। उन्होंने कहा कि वे भारत के साथ अच्छे संबंध बनाएंगे। क्या ऐसा हो सकता है? यह सवाल यूं ही नहीं उठता है नवाज की पार्टी 'पाकिस्तान मुस्लिम लीग' कट्टरवादियों की वकालत करती है। क्या ये कट्टरवादी उन्हें भारत के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाने देंगे?
–विकास कुमार
शिवाजी नगर, वडा, जिला–थाणे (महा.)
औरंगजेब को मात
'ध्वस्त हुआ मुलायम का मुस्लिम एजेण्डा' रपट से मन को थोड़ी शान्ति मिली। वोट के लिए उ.प्र. की समाजवादी सरकार वह काम कर रही है, जो शायद औरंगजेब ने भी नहीं किया होगा। न्यायालय ने ठीक कहा है कि किसी आतंकवादी को छोड़ने का अधिकार किसी सरकार को नहीं है। उसका फैसला अदालत ही कर सकती है।
–प्रमोद प्रभाकर वालसंगकर
1-10-81, रोड नं. 8 बी, द्वारकापुरम दिलसुखनगर, हैदराबाद-500060 (आं.प्र.)
n मजहब के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करने वाली सपा सरकार ने न्यायालय में जो अपील दाखिल की थी उसमें जनहित का वास्ता देकर आतंकियों से मुकदमा लेने की बात कही थी। आतंकियों को जो भी सजा दी जाए वह कम है। मुस्लिम वोट को अपनी झोली में डालने के लिए सपा सरकार ने आतंकियों को छोड़ने का मन बनाया था।
–निमित जायसवाल
ग-39, ई.डब्ल्यू.एस., रामगंगा विहार
फेस प्रथम, मुरादाबाद-244001 (उ.प्र.)
गलत विदेश नीति
लेह के पूर्व सांसद थुप्स्तान छेवांग का साक्षात्कार पढ़ा। मालूम हुआ कि आक्रामक और सबल दुश्मन चीन के खिलाफ हम किस कदर कमजोर बने हुये हैं। हमारी गलत विदेश नीति और कुछ अनावश्यक बयानों और फैसलों से चीन को इतनी छूट मिली कि आज वह हमारी सीमाओं में चढ़कर हमें ही डांट रहा है।
–मनीष
तिलकामांझी, भागलपुर (बिहार)
पानी बना कमाई का जरिया
गहराते जल संकट पर आधारित रपट 'रीतता जा रहा धरती का पानी' अच्छी लगी। बिना पानी कोई जीव जिन्दा नहीं रह सकता है। इसलिए प्रकृति ने जीव को नि:शुल्क पानी उपलब्ध कराया है। पर यह देखकर और सुनकर बड़ा दु:ख होता है कि कुछ लोगों ने पानी को कमाई का जरिया बना लिया है।
–रामावतार
अलकनन्दा अपार्ट, कालकाजी
नई दिल्ली
हमारा पाञ्चजन्य
मैं 80 वर्षीय अवकाश प्राप्त सरकारी कर्मचारी हूं। सुदूर देहात में रहता हूं, फिर भी पाञ्चजन्य मंगाता हूं और आदरपूर्वक पढ़ता हूं। मेरे मन में पाञ्चजन्य के प्रति इतना सम्मान है कि मैं उसको शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। पाञ्चजन्य अच्छा निकले, लोगों को वैचारिक दृष्टि से सबल बनाए, यही कामना है।
–हरेकृष्ण सिंह
ग्रा. व पो.-बबुरा
जिला–भोजपुर-802172 (बिहार)
तोड़ो नहीं जोड़ो
'मुसलमान समझें कि उनका हित कौन कर रहा है' शीर्षक से प्रकाशित लेख हर मुसलमान को पढ़ना चाहिए। उन्हें भी यह लेख जरूर पढ़ना चाहिए जो सेकुलरवाद और अल्पसंख्यकवाद की रट लगाते हैं। यही लोग समाज में नफरत के बीज बो रहे हैं। इन नफरतवादियों को आइना दिखाना होगा। उन्हें बताना होगा कि तुम्हारी स्वार्थ की राजनीति ने समाज को बांट दिया है। समाज को जोड़ने का काम करो, तोड़ने का नहीं।
–हरिहर सिंह चौहान
जंवरीबाग नसिया
इन्दौर-452001 (म.प्र.)
nºÉɨÉÉÊVÉEò समरसता के सन्देश को समझा जाना चाहिए। सत्ता और वोट के लालच में जाति और मजहब के आधार पर समाज को बांटना देश के हित में नहीं है। मुसलमानों की सामाजिक समरसता में ही उनकी और देश की खुशहाली है।
–मनोहर 'मंजुल'
पिपल्या–बुजुर्ग
प. निमाड़-451225 (म.प्र.)
कांग्रेस की जेब में सीबीआई
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के सन्दर्भ में प्रकाशित आलेख 'सरकारी तोते और कुर्सी की ठसक' अच्छा लगा। सीबीआई कांग्रेस की जेब में है। जिस तरह कोई व्यक्ति अपनी जेब से पैसा निकालकर कुछ भी कर सकता है, उसी तरह कांग्रेस जब चाहती है तब अपनी जेब से सीबीआई को बाहर निकालकर किसी का भी हलाल कर देती है। सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई के बारे में जो कहा है वह बात तो विपक्षी दल अरसे से कह रहे हैं। आज आवश्यकता है सीबीआई को स्वतंत्र बनाने की।
–राममोहन चंद्रवंशी
'अभिलाषा निवास', विट्ठल नगर, टिमरनी
जिला–हरदा (म.प्र.)
वन्देमातरम् और क्रांतिकारी
पिछले दिनों वन्देमातरम् का अपमान किया गया। बड़ा दु:ख होता है जब राष्ट्र के मान-बिन्दुओं का अपमान होता है। वन्देमातरम् कोई साधारण गान नहीं है। इसी वन्देमातरम् से प्रेरित होकर क्रांतिकारी अंग्रेजों से लड़ने के लिए मचल पड़ते थे। अशफाक उल्ला खां, सुखदेव, राजगुरु जैसे क्रांतिकारियों ने वन्देमातरम् की गूंज के साथ काकोरी में अंग्रेजों का खजाना लूटा था। अनेक सपूत वन्देमातरम् से प्रेरित होकर क्रांतिकारी बने थे। यह हमें नहीं भूलना चाहिए कि उन्हीं क्रांतिकारियों की शहादत पर हमें आजादी मिली।
–हरेन्द्र प्रसाद साहा
नया टोला, कटिहार-854105 (बिहार)
ऐसी है हमारी परम्परा
पाञ्चजन्य में यह पढ़कर बड़ा खराब लगा कि देश में करोड़ों रुपए का पानी का व्यापार चल रहा है। ऐसे में मुझे एक प्रसंग याद आ गया। करीब 10 साल पहले मैं फिरोजाबाद के एक गांव में गया था। बस से उतरकर लगभग 3 कि.मी. पैदल जाना था। गर्मी के दिन थे। रास्ते में एक गांव मिला। गांव के बाहर एक बड़ा-सा कुंआ है। कुछ लोग स्नान कर रहे थे। महिलाएं पानी भर रही थीं। मुझे प्यास लगी थी तो कुंए के पास गया। पानी मांगा तो बगल में चारपाई पर बैठे एक बुजुर्ग ने कहा कुछ देर बैठो, फिर पानी पीना। इसके बाद एक बच्चा गुड़ का एक टुकड़ा और पानी लेकर आया। उस बुजुर्ग ने कहा पहले गुड़ खाओ, फिर पानी पीयो। मैंने मना किया तो कहा कि यह हमारी परम्परा रही है कि किसी को भी खाली पानी नहीं पिलाना चाहिए। चाहे वह राहगीर ही क्यों न हो। उस क्षण को मैं कभी नहीं भूलता। जहां भी जाता हूं, उसकी चर्चा जरूर करता हूं। फिरोजाबाद से लौटने के बाद मैंने अपने घर में कहा कि किसी को केवल पानी नहीं देना। उसके साथ कुछ जरूर देना। अब मेरे घर की भी यह परम्परा बन गई है। इसके बाद अपने नाते-रिश्तेदारों से भी ऐसा करने का अनुरोध किया। वे लोग भी इस परम्परा का यथा-योग्य पालन कर रहे हैं। जो लोग प्रकृति प्रदत्त पानी के व्यापार में लगे हैं उन्हें उन लोगों से कुछ सीखना चाहिए, जो चीड़ियों के लिए भी पानी से भरे बर्तन जगह-जगह रखते हैं।
–सुबोध भटनागर
1सी/बी-5, धवलगिरि अपार्ट, सेक्टर-34, नोएडा (उ.प्र.)
किस भारत का निर्माण?
मनमोहन सरकार आजकल टीवी के हर चैनल पर भारत का निर्माण कर रही है। सब जानते हैं कि यह सरकार पिछले नौ साल से किस प्रकार के भारत का निर्माण करती रही है और यह निर्माण भारत को कहां तक ले आया है। विकास दर को पिछले नौ वर्ष के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा दिया है। इस सरकार ने महंगाई, भ्रष्टाचार, बलात्कार, आंतरिक और बाहरी असुरक्षा और घोटालों पर घोटाले भरे भारत का निर्माण किया है। नक्सलवादियों और आतंकवादियों से भरे भारत का निर्माण किया है। मुट्ठी भर पूंजीपतियों और गरीबी से त्रस्त विशाल वर्ग, आत्महत्या करते किसानों का निर्माण किया है। इस निर्माण की बानगी तो देश की राजधानी दिल्ली में भी देखी जा सकती है। एक अरसे से लोगों को गंदा पानी पीने पर मजबूर किया जा रहा है- बिजली कटौती से लोगों को परेशान किया जा रहा है। राहत के नाम पर रोज बिजली, पानी की दरें बढ़ाई जा रही हैं। अब इस प्रकार के भारत निर्माण पर मौनी बाबा की सरकार ही गर्व कर सकती है।
–अरुण मित्र
24, रामनगर, दिल्ली-110051
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