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हाल ही में गुजरात, बिहार, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में चार लोकसभा और पांच विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हुए। इन चुनावों में सबसे बड़ी और शर्मनाक हार कांग्रेस पार्टी की हुई है। गुजरात में चार विधानसभा क्षेत्रों (लम्बाडी, मोरवा, हदफ और जेतपुर) और दो लोकसभा क्षेत्रों (पोरबंदर और बनासकांठा) में चुनाव हुए। इन सभी पर भाजपा ने जीत हासिल की है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले इन सभी क्षेत्रों से कांग्रेस के विधायक और सांसद थे। कांग्रेस की इस करारी हार पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि यह दिल्ली की संप्रग सरकार के विरुध्द लोगों की नाराजगी की झलक है। ये उपचुनाव यह भी संकेत कर रहे हैं कि अब कांग्रेस के लिए बोरिया बिस्तर बांधने का समय आ गया है। कांग्रेस को सिर्फ महाराष्ट्र में यवतमाल की सीट पर विजय मिली है। यहां कांग्रेस विधायक नीलेश परवेकर के निधन के कारण उपचुनाव हुआ था। नीलेश परवेकर की पत्नी को कांग्रेस ने टिकट दिया था। सहानुभूति लहर की वजह से वह जीत गईं। इसलिए कांग्रेस यह भी नहीं कह सकती है कि यह जीत स्वाभाविक है। उधर पश्चिम बंगाल के हावड़ा लोकसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस को विजय मिली है। इस जीत से यह संकेत मिल रहा है कि बंगाल में ममता बनर्जी का जादू अभी बरकरार है। बिहार में महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र में लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार ने सत्तारूढ़ जनता दल (यू) के प्रत्याशी को हरा दिया है। लालू के दल वाले भले कहते घूम रहे हों कि महाराजगंज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हार हुई है। पर चुनाव परिणाम आने के बाद नीतीश ने कहा कि बिहार में भाजपा और जनता दल (यू) के गठबंधन को कोई खतरा नहीं है। प्रतिनिधि
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