July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

 

by
Jun 8, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

नवाज आए, मीडिया ने अलापा 'राग कश्मीरी'

दिंनाक: 08 Jun 2013 12:59:36

 

5 जून को आखिरकार नवाज शरीफ ने तीसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाल ली। नवाज खांटी पंजाबी माने जाते हैं। अभी पाकिस्तान के लाहौर शहर के मॉडल टाउन इलाके में रहकर ही उन्होंने पूरी चुनावी जंग चलाई थी। दिलचस्प बात यह है कि चुनावों के दौरान न नवाज ने, न उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) ने कश्मीर मसले पर कोई टीका-टिप्पणी की थी, न इस मुद्दे पर कोई वादा वगैरह किया था। जबकि सब जानते हैं पाकिस्तान की सियासी तकरीरें कश्मीर के गिर्द ही मंडराती हैं। अब जबकि नवाज ने कमान संभाल ली है, तो यकायक कश्मीर की गूंज सुनाई देने लगी है। हालांकि यह गूंज अभी मद्धम है, पर कब तेज हो जाएगी, कोई नहीं कह सकता।

मीडिया के तत्व सक्रिय हो गए हैं, उस पार के भी और यहां के भी। अखबारों में रपटें छापी जा रही हैं कि कैसे नवाज और उनके इर्द-गिर्द बनी नई टीम के खासमखासों की जड़ें कश्मीर में हैं। नई सरकार 'कश्मीरियों' को खास ओहदों पर बैठाने जा रही है। ऐसी 'जानकारी' की शुरुआत खुद नवाज शरीफ से की जा रही है। बताया जा रहा है कि नवाज उस कुनबे से हैं जो पिछली सदी की शुरुआत में दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले से अमृतसर (भारत) जा बसा था। उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के आला नेता इश्हाक और नवाज के सिपहसालार ख्वाजा आसिफ की जड़ें भी कश्मीर में हैं। दोनों को नई सरकार में बड़ा ऊंचा ओहदा मिलने की चर्चा जोरों पर है। नवाज की जुबानी मीडिया छाप रहा है कि-'मेरे अब्बू हमेशा कहा करते थे कि हम अनंतनाग से हैं। कारोबार करने को हम अमृतसर जा बसे थे। अम्मी-अब्बू अक्सर कश्मीर के बारे में बात करते थे। हमेशा से मेरा वहां जाने का मन करता था।' अमृतसर के जती उमरा गांव से नवाज का परिवार लाहौर चला गया जहां कारोबार में बेतहाशा तरक्की हुई। बाद में नवाज राजनीति से जुड़ गए। इश्हाक भी कश्मीरी हैं। नवाज के समधी इश्हाक का पाकिस्तान का अगला वित्त मंत्री बनना तय है। 1999 में मुशर्रफ के कुर्सी छीन लेने से पहले भी वे वित्त मंत्री ही थे। 64 साल के ख्वाजा आसिफ भी कश्मीर से सियालकोट जा बसे थे। 1981 में मुल्क के कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे उनके पिता ख्वाजा मोहम्मद सफदर ने पाकिस्तान के गठन में बढ़-चढ़कर भाग लिया था।

मुद्दा यह है कि कश्मीर पर अब तक चुप्पी ओढ़े रखने वाले नवाज अचानक अपनी जड़ों को क्यों याद कर रहे हैं या उनसे याद करवाया जा रहा है? मीडिया के जरिए हवा सी बनवाई जा रही है ताकि कुछ दिनों पहले भारत को लेकर दोस्ताना बातें करने वाले नवाज कहीं बहक न जाएं और कश्मीर पर पाकिस्तानी हुक्मरानों के अब तक के 'किए-धरे' को भुला न दें।

आतंक से जुड़ी सूचनाएं देगा नेपाल

अभी 1 जून को भारत के गृह सचिव आर.के. सिंह काठमांडू में थे। वहां उन्होंने नेपाल के गृह सचिव नवीन कुमार घिमिरे से दिन भर लंबी बात की। कई अहम मसले उठे और उन पर, सिंह की मानें तो, बड़े काम की बातें हुईं। इस मौके पर नेपाल में भारत के राजदूत जयंत प्रसाद भी मौजूद थे। बातचीत में आए अहम मसलों में सीमा प्रबंधन, सुरक्षा और सीमा के दोनों तरफ रहने वालों को पेश आने वाली दिक्कतें शामिल थीं। दोनों पक्षों ने मानव और मादक पदार्थों की तस्करी, भारत की जाली मुद्रा की तस्करी और गैरकानूनी चीजों के कारोबार से निपटने की हामी भरी। भारत तो पहले से ही नेपाल के रास्ते भारत में घुसपैठ का मामला उठा चुका है।

बताते हैं, सिंह ने आपसी सहयोग जारी रखने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। वैसे सिंह उसी सरकार के नुमाइंदे के तौर पर वहां गए थे जिसने नेपाल क्या, तमाम पड़ोसी देशों के प्रति एक बेपरवाह रवैया अपनाया हुआ है, और जिसकी बदौलत नेपाल में चीन को दखल देने की गुंजाइश दिखाई दी और वहां के माओवादियों ने भारत-नेपाल के बीच रोटी-बेटी के सदियों पुराने रिश्तों को पलीता लगाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। बहरहाल, बैठक में अहम बात यह हुई कि दोनों पक्ष आतंकवाद से निपटने के लिए सूचनाओं को साझा करने को राजी हो गए। यह बात छुपी नहीं है कि पाकिस्तानी आईएसआई ने अपने भाड़े के जिहादियों को बरास्ते नेपाल भारत में दाखिल कराने का रास्ता बना लिया है। भारत के सरहदी इलाकों में जिहादी-अलगाववादी तत्व वहीं से आकर सक्रिय हो जाते हैं। नेपाल में सालों से चली आ रही राजनीतिक अस्थिरता उन्हें सुभीता माहौल दे रही है। आईएसआई नहीं चाहेगी कि वहां कभी कोई मजबूत और स्थिर शासन आए और उसको फिलहाल मिली खुली 'छूट' पर आंच आए। लेकिन अगर नेपाल आतंक से जुड़ी सूचनाएं ईमानदारी के साथ भारत को देता है तो यह एक बड़ी बात होगी और तब भारत की मुस्तैदी कसौटी पर होगी कि वह कितनी जल्दी उस रास्ते से हो रहीं भारत विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाता है। 

मोंसांटो के खिलाफ बढ़ी लामबंदी

25 मई को अमरीका और दूसरे 52 देशों में संकरित बीज कंपनी मोंसांटो के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन हुए। कुल मिलाकर दुनिया के 250 बड़े देशों में लाखों लोगों ने एकजुट होकर जमीन को जहरीला बनाकर लोगों की सेहत और पर्यावरण से खिलवाड़ करने वाली इस कंपनी पर लगाम लगाने की मांग की। 'मोंसांटो के खिलाफ मार्च' के झण्डे तले हुए इन प्रदर्शनों ने इस बात को मुखर करने और लोगों को आगाह करने की कोशिश की कि जीन प्रसंस्करित खाद्य इंसानी सेहत पर घातक असर डालते हैं। इन प्रदर्शनों की ही वजह से मोंसांटो पर ऐसा जबरदस्त दबाव पड़ा है कि पश्चिमी यूरोप के ज्यादातर हिस्सों में इस कंपनी ने नए प्लांट खोलने के लाइसेंस हासिल करने की कोशिशें रोक दी हैं। इसके बनाए जीएम बीजों के इन इलाके के खेतों में नए प्रयोगों पर भी गाज गिरेगी। जनवरी 2013 में यूरोपीय संघ के 8 देशों ने जीएम फसलें उगाने पर पाबंदी लगा दी थी। जबकि कंपनी ने अमरीका के नेताओं को अपने पाले में करने के लिए पिछले साल 60 लाख डालर खर्च किए थे। शायद यही वजह है कि अमरीका में कंपनी के पैर जमते जा रहे हैं।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप को नसों की बीमारी, अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों में आने लगी सूजन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies