July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

 

by
May 18, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

जिहादी साए में रहेंगे नवाज?

दिंनाक: 18 May 2013 12:48:43

कट्टरवादियों, आई.एस.आई. और फौज पर कितना काबू रख पाएंगे नवाज?

11 मई को पाकिस्तान में सम्पन्न हुए आम चुनाव में भले ही नवाज शरीफ प्रधानमंत्री की कुर्सी के दावेदार बने हैं और जीत के फौरन बाद से भारत से 'दोस्ती' के कसीदे पढ़ रहे हैं। लेकिन सच यह है कि नवाज शरीफ किसी उदारवादी राजनीतिक दल या उदार पाकिस्तानी तबके का प्रतिनिधित्व नहीं करते। फिर भारत की पाकिस्तान से रिश्तों में बेहतरी की अपेक्षा क्यों?

 पाकिस्तान में इस आम चुनाव को लेकर सामान्य तौर पर  यह धारणा बनायी गयी कि वहां की जनता के समक्ष केवल दो विकल्प थे। एक यह कि वह खतरे अथवा भय के विकल्प को चुने अथवा अवज्ञा (तालिबानियों की) को। उसने अवज्ञा को चुना। लेकिन सवाल यह उठता कि क्या वास्तव में ऐसा ही हुआ है? आखिर इसकी वजह तो पता करनी चाहिए कि पाकिस्तान का 70 से 80 प्रतिशत युवा, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था से कहीं अधिक मजहबी संस्थाओं और इस्लामी कानूनों (शरिया) पर भरोसा करता है, उसने  लोकतंत्र की इस प्रक्रिया में भाग क्यों लिया? उल्लेखनीय है कि चुनाव से ठीक पहले ब्रिटिश काउंसिल की एक सर्वे रपट 'नेक्स्ट जनरेशन गोज टू द बैलेट बॉक्स' ने माना था कि पाकिस्तान का 71 प्रतिशत युवा पाकिस्तान की सरकार, 67 प्रतिशत राष्ट्रीय संसद और 69 प्रतिशत राजनीतिक दलों में विश्वास नहीं रखता, जबकि 74 प्रतिशत युवा मजहबी व्यवस्था यानी शरिया का और 77 प्रतिशत सेना का समर्थक है। अब अगर इस विशाल युवा समूह ने मतदान किया भी होगा, तो किसके पक्ष में? स्वाभाविक रूप से उदार दलों के पक्ष में तो नहीं। फिर तो जिहादियों का वरद हस्त प्राप्त करने वाले दल ही शेष बचे। ध्यान से देखें तो स्पष्ट हो जाएगा कि यह शायद जिहादियों की तरकीब थी, जिसके जरिए चुनाव से उदारवादी दलों को बाहर रखा गया, जिसमें वे सफल भी हो गये। कहते हैं वहां तालिबानी इस कदर खिलाफ रहे कि बिलावल जैसे युवा नेताओं को देश छोड़कर जाना पड़ा। नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ जैसे अनुदार दलों को सफलता हासिल हुयी, जो मजहब को राजनीति का हिस्सा मानते हैं।

क्या इस कार्य-कारण सम्बंध को देखने के बाद भी भारतीय राजनय यह मानेगा कि पाकिस्तान का यह चुनाव एक निर्णायक मोड़ है? अगर है तो हमें यह मान लेना चाहिए कि पाकिस्तान का समाज और अधिक उग्र होने के लिए तैयार हो रहा है।

नवाज शरीफ के साथ कई ऐसे पहलू रहे जो उन्हें सत्ता तक पहुंचाने में सहायक बने। पहला और महत्वपूर्ण पहलू रहा उनका पंजाब से सम्बंध, जहां से नवाज शरीफ को व्यापक समर्थन मिला है। दूसरा यह कि नवाज की पैठ उद्यमियों, परम्परागत वर्गों और रूढ़िवादियों में भी बहुत अच्छी है। ऐसे में इस बात की सम्भावना अधिक है कि नवाज शरीफ पर कट्टरवादियों का दबाव कायम रहेगा। सेना और आईएसआई भी अपनी लीक नहीं छोड़ेंगी। 15 मई को इस्लामाबाद में यूनाइटेड जिहाद काउंसिल और हिज्बुल मुजाहिदीन के नेता सैयद सलाहुद्दीन ने नवाज की 'मीठी-मीठी' बातों पर जिहादी बोलों से चोट करते हुए कहा कि 'नवाज किसी मुगालते में न रहें। दिल्ली से दोस्ती बढ़ाने की कोशिश करेंगे तो इस्लामाबाद में बैठने नहीं दिए जाएंगे।'

बहरहाल, एक मिनट के लिए मान भी लें कि नवाज शरीफ भारत के 'हितैषी' दिख रहे हैं। यहां दो बातों पर ध्यान देना जरूरी होगा। पहली यह कि पिछले नवाज मंत्रिमण्डल में विदेश मंत्री रहे सरताज अजीज की आत्मकथा बताती है कि परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ के मंत्रिमंडल को भरोसा दिलाया था कि वे 'एक हफ्ते में श्रीनगर को हासिल कर लेंगे' और इस पर नवाज शरीफ ने उन्हें आगे बढ़ने को कहा था। दूसरी यह कि नवाज शरीफ स्वयं भी कभी 'टेस्ट ट्यूब बेबी ऑफ जिया' कहे जाते थे। इसलिए नवाज को पहले स्वयं को बदलना होगा, फिर कट्टरवादियों की नकेल कसनी होगी और फिर सेना की, साथ ही आईएसआई व न्यायपालिका के साथ तालमेल बिठाना होगा। यदि ऐसा हो सका तो नवाज भारत की ओर मित्रता का हाथ बढ़ाने में समर्थ हो पाएंगे अन्यथा नहीं। डा. रहीस सिंह

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

Voter ID Card: जानें घर बैठे ऑनलाइन वोटर आईडी कार्ड बनवाने का प्रोसेस

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

Voter ID Card: जानें घर बैठे ऑनलाइन वोटर आईडी कार्ड बनवाने का प्रोसेस

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त

Ahmedabad Plane Crash: उड़ान के चंद सेकंड बाद दोनों इंजन बंद, जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

पुलिस की गिरफ्त में अशराफुल

फर्जी आधार कार्ड बनवाने वाला अशराफुल गिरफ्तार

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

अहमदाबाद विमान हादसा

Ahmedabad plane crash : विमान के दोनों इंजन अचानक हो गए बंद, अहमदाबाद विमान हादसे पर AAIB ने जारी की प्रारंभिक रिपोर्ट

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies