बंगाल का ये घिनौना योग शिविर की आड़ मे आंतकवाद का प्रशिक्षण
|
सीमा पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चल रहे आतंकवादी प्रशिक्षण केन्द्रों को ध्वस्त करने की मांग इस सरकार से करने का कोई अर्थ नहीं। क्योंकि भारत और कांग्रेस के द्वारा ही सत्तारूढ केरल राज्य मे ही आतंकवादी प्रशिक्षण केन्द्र चल रहे हैं। ऐसे ही एक प्रशिक्षण केन्द्र पर छापा मारकर पुलिस ने वहां हथियार चलाने और बम बनाने का प्रशिक्षण ले रहे 21 संदिग्ध तत्वों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार युवकों मे अब्दुल अजीज नामक वह आरोपी भी है जिस पर मार्च, 2005 मे संघ कार्यकर्ता टी. अश्विनी कुमार की हत्या करने का मामला भी चल रहा है। इस प्रशिक्षण केन्द्र में दो बम, आठ तलवारें, बम बनाने का सामान और गोला-बारूद मिला है। केरल के कन्नूर जिला केन्द्र से 18 कि. मी. दूर नारथ में गत 23 अप्रैल को मारे गए छापे में एक ईरानी व्यक्ति का परिचय पत्र भी मिला है और ढेरों ऐसे प्रपत्र और दस्तावेज मिले हैं जिससे साफ होता है कि यह प्रशिक्षण केन्द्र पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पी.एफ.आई.) द्वारा आयोजित किया गया था। कन्नूर के पुलिस उपाधीक्षक पी. सुकुमारन को पुष्ट सूत्रों से खबर मिली थी कि नारथ के एक मकान मे कुछ संदिग्ध गतिविधि चल रही है। उन्होंने टीम बनाकर छापा मारा तो उस भवन के द्वार पर तैनात 2 संदिग्ध तत्व भाग निकले। अन्दर पकडे गए 21 लोगों ने बताया कि वे वहां योग व प्राणायाम का प्रशिक्षण लेने के लिए एकत्र हुए थे। पर जिसे गुरू बताया उस अब्दुल अजीज को एक भी योग नहीं आता था और वह एक हत्या के मामले में जमानत पर है।
मौके पर से हथियार और गोला बारूद ही नही मिला बल्कि एक मानव आकृति, जिसे 'डमी' कहा जाता है, भी मिली, जिसे निशाना लगाने के लिए प्रयोग किया गया था। ईरानी मूल के एक व्यक्ति का परिचय पत्र मिलने से पुलिस ने इस प्रशिक्षण शिविर के अन्तरराष्ट्रीय तार खोजने की कोशिश शुरू कर दी है। हालांकि पी. एफ.आई. ने स्वीकार कर लिया है कि पकड़े गए सभी 21 लोग उसके सदस्य हैं और वे वहां योगासन का प्रशिक्षण ले रहे थे, लेकिन मौके पर से बरामद हथियारों और गोला-बारूद के बारे में पी. एफ. आई. और पकड़े गए लोगों ने अनभिज्ञता जताई है।
पर पुलिस ने भी गहरी छानबीन शुरू कर दी है। इसी क्रम मे 29अप्रैल को पुलिस ने पकड़े गए लोगों में से 7 को पूछताछ के लिए 'रिमाण्ड' पर लिया। पुलिस 7-7 करके पकड़े गए सभी लोगों को 'रिमाण्ड' पर लेगी और पूछताछ करेगी। इस बीच बेंगलुरू में भाजपा मुख्यालय के पास बम विस्फोट की जांच कर रही एन.आई.ए. और बेंगलुरू पुलिस की टीम ने भी उस स्थान की छानबीन की, जहां यह प्रशिक्षण शिविर चल रहा था। दरअसल केरल मे इन दिनों कांग्रेस की सरकार है और उसे समर्थन दे रही है इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग। लीग के समर्थन पर टिकी सरकार के कारण केरल मे इस्लामी कटटरवादियों के हौसले बुलंद हैं। पी. एफ.आई. योग शिविर व अध्ययन शिविर की आड़ मे हथियार चलाने का प्रशिक्षण दे रहा है। दिमाग मे नफरत का जहर भर रहा है। इस प्रशिक्षण की सच्चाई सामने आने के बाद राज्य सरकार ने पी. एफ.आई. और उसकी राजनीतिक शाखा एस.डी.पी. आई. की जांच एन.आई.ए. से कराने के लिए केन्द्र सरकार को अनुरोध पत्र भेजा है। केरल पुलिस को आशंका है कि इस प्रकार के और भी गुप्त प्रशिक्षण केन्द्र आयोजित हुए होंगे और इन्हें सीमा पार से आर्थिक सहायता मिली होगी। इस बीच एन. आई.ए. के न्यायालय ने गत 17 अप्रैल को उन 29 आरोपियों पर आरोप निर्धारित कर दिए है जिन्हें 4 जूलाई, 2010 को टी. जोसफ का हाथ काटने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हजरत मुहम्मद साहब से संबधित एक आपत्तिजनक सवाल प्रश्न पत्र मे पूछने की सजा के तौर पर टी. जोसफ का हाथ इन असामाजिक तत्वों ने काट दिया था। इस मामले मे अभी 8 आरोपी फरार हैं। केरल से प्रदीप कृष्णन
तमिलनाडु सरकार ने भी कहा–
रामसेतु को तोड़ने पर आमादा केन्द्र सरकार को तमिलनाडु सरकार के एक कदम से तगड़ा झटका लगा है। राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में शपथ पत्र दाखिल कर रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग की है। साथ ही केन्द्र सरकार की सेतु समुद्रम परियोजना का विरोध करते हुए रामसेतु को नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी गतिविधि को रोकने की मांग की है। न्यायालय ने केंद्र सरकार को इस हलफनामे का जवाब देने के लिए तीन महीने का समय दिया है।
तमिलनाडु सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में शपथपत्र दाखिल कर मांग की है कि केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह आर.के. पचौरी की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति के निष्कर्ष को स्वीकार करे। राज्य सरकार ने न्यायालय से कहा कि वर्तमान सेतु समुद्रम परियोजना जनहित में नहीं है। तमिलनाडु सरकार इस रूख से जहां एक ओर हिनदुत्वनिष्ठ संगठन हर्पित हैं वहीं केन्द्र सरकार सकते में है। केन्द्र सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने तीन महीने का समय मांगा। अब अगस्त माह में इस मामले की सुनवाई प्रतिदिन होने की संभावना है। व्यापार कब रुकेगा?
नरक के कई दरवाजे हैं, उनमे से एक दरवाजा पश्चिम बंगाल में भी खुलता है। यहां यह नरक का दरवाजा सिर्फ और सिर्फ महिलाओं के लिए खोला गया है। इस दरवाजे को खोलने वाले हैं वे इंसान के रूप में घूम रहे भूखे भेड़िये, जिनकी नजर में स्त्री सिर्फ भोग की वस्तु है। इसलिए उनका भी व्यापार किया जा सकता है, जैसे सामान और पशुओं का किया जाता है। सूत्रों के अनुसार पश्चिम बंगाल से हर साल 25 से 30 हजार महिलाओं की तस्करी होती है, ताकि उन्हें देह व्यापार के घिंनौने धंधे में धकेला जा सके। इस शर्मनाक सच पर गंभीर चिंतन किया पश्चिम बंगाल के कुछ गैरसरकारी संगठनों ने, और उसमें बुलाया पुलिस अधिकारियों को। 'शक्तिवाहिनी' नामक गैरसरकारी स्वयंसेवी संस्था ने पिछले दिनों कूच बिहार में दो दिन की एक कार्यशाला का आयोजन किया था। इस कार्यशाला में इस संस्था के सदस्य तो शामिल हुए ही, कूच बिहार जिला पुलिस के 70 से अधिक जवानों के साथ जिला पुलिस अधीक्षक अनूप जयसवाल भी एक सत्र को संबोधित करने आये। इस कार्यशाला में जिला बाल कल्याण अधिकारी, मानवाधिकारवादी और स्त्रियों और बच्चों के विकास में जुटी अन्य दो संस्थाओं के कार्यकर्ता भी शामिल हुए।
'शक्तिवाहिनी' के संयोजक निशिकांत ने अपनी प्रस्तावना में विषय की गंभीरता को सामने रखते हुए बताया कि सिर्फ और सिर्फ उत्तर बंगाल से हर साल 9 से 10 हजार युवतियां बाहर भेजी जा रही हैं। कहा तो यह जाता है कि वे काम की तलाश में दिल्ली, मुंबई या बनारस, बंगलौर जा रही हैं, पर सचाई यह है कि इनमें से 90 प्रतिशत युवतियां इन शहरों की बदनाम गलियों में धकेल दी जाती हैं, नरक के कोठों पर पाई जाती हैं, इनका असली काम लोगों की काम-वासना शांत करना ही रह जाता है। देह व्यापार के इस घिनौने धंधे को संचालित करने वालों तक तो किसी के हाथ तक नहीं पहुँचते और यहां उनके दलाल को पकड़ने से कुछ हासिल नहीं होता है। बंगलादेश की सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के 6 जिलों में यह धंधा बहुत तेजी से फल-फूल रहा है। न्यू जलपाईगुड़ी, कूच बिहार, मालदा, दार्जिलिंग में तो ऐसे दलालों को कई बार पकड़ा गया जो अच्छी नौकरी और मोटी तनख्वाह का लालच देकर युवतियों को फंसाने का काम कर रहे थे।
पुलिस अधीक्षक अनूप जयसवाल ने कहा कि हम इस विषय को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। बच्चों और युवतियों के इस गंदे धंधे को रोकने के लिए पुलिसकर्मियों को विशेष प्रकार का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। लेकिन यह तभी रुक सकेगा जब जनता जागरूक हो, उसकी भागीदारी हो। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस सम्बंध में जनता की ओर से दी जाने वाली जानकारी को गुप्त रखा जायेगा। जानकारी देने वाले को बार-बार पुलिस थाने नहीं बुलाया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि उत्तर 24 परगना के बसीरहाट और बनगां की सीमा चौकियों पर तैनात सुरक्षाबलों की आंख में धूल झोंककर कुछ दलाल बंगलादेश की लड़कियों को सीमा पार कराकर पहले बंगाल के इन जिलों में ले आते हैं। फिर यहां की युवतियों के साथ मिलाकर इन्हें दूर दराज के बड़े शहरों में भेज देते हैं। वहां इन गिरोहों के दलाल नौकरी के बहाने इन्हें वेश्यावृत्ति में धकेल देते हैं और कुछ तो ज्यादा पैसे के लालच में अरब देशों तक पहुंचा दी जाती हैं।
हाल ही में बंगलादेश के फरीदपुर की दो युवतियों को लेकर एक दलाल इदरीश गाजी जब हुस्नाबाद पैसेंजर ट्रेन में सवार हुआ तो साथ बैठे यात्रियों को शक हुआ। सजग यात्रियों ने ट्रेन में चल रही पुलिस को सूचना दी, पुलिसकर्मियों ने तीनों को बसीरहाट स्टेशन पर उतरा तो शक सही निकला। वे दोनों लड़कियां देह व्यापार के लिए ही ले जाई जा रहीं थीं। इदरीश के विरुद्ध देह व्यापार और महिलाओं की तस्करी का मामला दर्ज कर लिया गया है। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने कई जगहों पर छापे मारे 3 और दलालों को गिरफ्तार किया। बंगाल से बासुदेब पाल
टिप्पणियाँ