July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

 

by
Apr 27, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

टूट गया तीस्ता का तिलिस्म

दिंनाक: 27 Apr 2013 12:51:01

आपने  तीस्ता जावेद सीतलवाड का नाम जरूर सुना होगा। वही तीस्ता, जिन्होंने एक हल्ला, एक ढोंग और गुजरात के दंगा पीड़ितों की आड़ में एक मायाजाल रचा था। लेकिन छद्म सेकुलरवाद का वह गढ़ दरकने लगा है। तीस्ता का झूठ बाहर आने लगा है। न्यायालय से उन्हें डांट भी पड़ी है।

तीस्ता ने  अपने आपको देश – विदेश में यह बताने की कोशिश की है कि वह बड़ी सामाजिक कार्यकर्ता हैं और गुजरात के दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए काम कर रही हैं। किन्तु अब उनकी पोल उनके अपने लोग ही खोल  रहे हैं। यही नहीं तीस्ता  जिनको  न्याय दिलाने का  दंभ भरती हैं  वे लोग ही अब उन्हें अपने घर में घुसने तक नहीं देते हैं। वे लोग तीस्ता से उन 75 लाख रुपए का हिसाब भी मांग रहे हैं जो  दंगा पीड़ितों की मदद के नाम पर दुनिया भर से इकट्ठे  किये गए हैं।

तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद  'सिटीजन ऑफ जस्टिस एंड पीस' नाम से एक गैर-सरकारी संस्था चलाते हैं। ये दोनों 'कम्युनल काम्बेट' नामक एक अंग्रेजी  मासिक पत्रिका का संपादन भी करते हैं। गौरतलब है कि 1999 के आम चुनाव के दौरान एक अभियान भाजपा और राष्ट्रवादी शक्तियों को निशाना बनाते हुए इसी बैनर तले चलाया गया था। अपनी संस्था के लिए ये दोनों जमकर विदेशी चन्दा जमा करते हैं। कुछ समय पहले यह भी खुलासा हुआ है कि ये दोनों  कांग्रेस, माकपा, भाकपा आदि राजनीतिक दलों से पैसे लेकर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा और अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के खिलाफ  लेख और विज्ञापन प्रकाशित करते हैं। 1999 के आम चुनाव से पहले कांग्रेस, माकपा और भाकपा से कम्युनल काम्बेट को एक करोड़ 50 लाख रु. सिर्फ इसलिए मिले थे कि भाजपा के खिलाफ पूरे देश में  मुहिम चलाओ।

 

 

यूं कूटा जाता है माल

2002  के दंगों के बाद गुजरात में गैर–सरकारी संगठनों की बाढ़ आ गई थी। अपने को सेकुलर और प्रगतिशील मानने वाले अनेक लोगों ने एन.जी.ओ. बनाकर पीड़ितों की मदद करने का ढोंग रचा। इन्हें देश की कथित सेकुलर सरकारों और राजनीतिक दलों से पैसा तो मिला ही, विदेशों से भी पैसा खूब मिल रहा है। तीस्ता की संस्था 'सिटीजन ऑफ जस्टिस एण्ड पीस' को नीदरलैण्ड की एक संस्था एच.आई.वी.ओ.एस. से 23 नवम्बर 2009 को लगभग 7 लाख रुपए मिले थे। इसके अलावा तीस्ता के वकील मिहिर देसाई को नवम्बर 2009 में ही पहली बार 45 हजार और दूसरी बार 75 हजार रुपए मिले थे।

 

जैसे-जैसे सच सामने आ रहे हैं तीस्ता का तिलिस्म टूट रहा है। गत 28 फरवरी को अमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में तीस्ता को वहां के लोगों ने घुसने तक नहीं दिया। मालूम हो कि हर साल 28 फरवरी को दंगा पीड़ितों की याद में गुलबर्ग सोसायटी में एक कार्यक्रम होता है और लोग फातिहा पढ़ते हैं। जब तीस्ता को गुलबर्ग सोसायटी में नहीं जाने दिया गया तब उन्होंने दंगा-पीड़ितों की एक अन्य बस्ती सिटीजन नगर में मृतकों की याद में फातिहा पढ़ा। इस बार गुलबर्ग सोसायटी के लोगों ने तीस्ता पर यह आरोप लगाया कि उन्होंने दंगा पीड़ितों की आड़ में देश- विदेश से करोड़ों रुपए जमा किये पर लोगों के बीच एक पैसा नहीं बांटा गया।

इधर तीस्ता के एक सहयोगी रहे रईस खान पठान ने भी तीस्ता पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। पठान ने अदालत में शपथपत्र देकर आरोप लगाया है कि तीस्ता ने  गुजरात दंगों के सिलसिले में बहुत सारे झूठे मामले दायर किये हैं। नरोदा पाटिया का मामला पूरी तरह मनगढ़ंत है। पठान के इस दावे के  बाद गुजरात उच्च न्यायालय ने 11 जुलाई 2011 को आदेश दिया था कि इस मामले की जांच की जाय। इस आदेश के खिलाफ तीस्ता सर्वोच्च न्यायालय पहुंचीं और 2 सितम्बर 2011 को न्यायमूर्ति आफताब आलम की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने इस जांच पर रोक लगा दी। इस साल अप्रैल के प्रथम सप्ताह में रईस खान पठान ने सर्वोच्च न्यायालय से निवेदन किया है कि जांच होने दी जाय नहीं तो यह मामला बिगड़ सकता है, गवाहों को भटकाया जा सकता है। ऐसा होने पर सच कभी सामने नहीं आएगा। पठान ने कुछ दिन पहले सर्वोच्च न्यायालय में एक और शपथपत्र दाखिल किया है जिसमें कहा गया है कि तीस्ता की संस्था को नीदरलैंड की एक संस्था एच.आई.वी.ओ.एस. से अनुदान मिलता है। उसी शपथपत्र में यह भी कहा गया है कि न्यायमूर्ति आफताब आलम की बेटी शाहरुख आलम को भी उसी संस्था से पैसा मिलता है। पठान ने अदालत से यह भी निवेदन किया है  कि  गुजरात दंगों से जुड़े मामलों से न्यायमूर्ति आलम को दूर रखा जाय। (हालांकि न्यायमूर्ति आलम अब सेवानिवृत्त हो गए हैं।)

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एस आई टी) ने भी अपनी रपट में तीस्ता के झूठों का पर्दाफाश किया है । एस आई टी ने लिखा है कि कौसर बानो नामक गर्भवती महिला के साथ सामूहिक बलात्कार नहीं हुआ है और न ही पेट फाड़कर उसका बच्चा निकालने की कोई घटना हुई है। नरोदा पाटिया में कुएं में लाशों को दफनाने की बात भी गलत है। जरीना मंसूरी नामक महिला, जिसे नरोदा पाटिया में जिन्दा जलाने की बात की गयी थी, कुछ महीने पहले ही टी बी से मर चुकी थी। एस आई टी ने यह भी कहा है कि  तीस्ता ने अदालत से भी झूठ बोला है।

अदालत से झूठ बोलने के मामले में न्यायालय ने भी तीस्ता को कई बार फटकार लगाई है। कुछ समय पहले विदेशी संस्थाओं के सामने गुजरात दंगों के मामले उठाने पर भी न्यायालय ने तीस्ता को डांट लगाई थी। इसके बावजूद तीस्ता गुजरात सरकार को बदनाम करने के लिए झूठ  बोलती   रहती हैं।

तीस्ता का जन्म एक  गुजराती हिन्दू परिवार में 1961 में हुआ था। मुंबई में पढ़ने के दौरान वह एक मुस्लिम युवक के प्यार में पड़ गईं। कुछ दिनों तक पति-पत्नी ने पत्रकारिता की। 1992 में बाबरी ढांचे के ढहने के बाद तथाकथित साम्प्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए इन दोनों ने अगस्त 1993 में कम्युनल काम्बेट की शुरुआत की। कम्युनल काम्बेट के प्राय: हर अंक में हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को गाली दी जाती है।  शायद इसीलिए सोनिया के निर्देश पर चलने वाली केंद्र सरकार ने तीस्ता को पद्मश्री से नवाजा है। तीस्ता राष्ट्रीय सलाहकार परिषद् की भी सदस्या हैं। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में इसी परिषद् ने साम्प्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक तैयार किया है। इस विधेयक में अनेक ऐसी बातें हैं, जो देश को साम्प्रदायिकता के आधार पर बांटती हैं। अरुण कुमार सिंह

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

अहमदाबाद विमान हादसा

Ahmedabad plane crash : विमान के दोनों इंजन अचानक हो गए बंद, अहमदाबाद विमान हादसे पर AAIB ने जारी की प्रारंभिक रिपोर्ट

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

आरोपी

उत्तराखंड: 125 क्विंटल विस्फोटक बरामद, हिमाचल ले जाया जा रहा था, जांच शुरू

रामनगर रेलवे की जमीन पर बनी अवैध मजार ध्वस्त, चला धामी सरकार का बुलडोजर

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

स्वामी दीपांकर

1 करोड़ हिंदू एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने की “भिक्षा”

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

अहमदाबाद विमान हादसा

Ahmedabad plane crash : विमान के दोनों इंजन अचानक हो गए बंद, अहमदाबाद विमान हादसे पर AAIB ने जारी की प्रारंभिक रिपोर्ट

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

आरोपी

उत्तराखंड: 125 क्विंटल विस्फोटक बरामद, हिमाचल ले जाया जा रहा था, जांच शुरू

रामनगर रेलवे की जमीन पर बनी अवैध मजार ध्वस्त, चला धामी सरकार का बुलडोजर

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

स्वामी दीपांकर

1 करोड़ हिंदू एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने की “भिक्षा”

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies