|
इन दिनों भाजपा और जनता दल (यू ) के बीच तनातनी चल रही है । दोनों दलों के नेता जुबानी जंग पर उतर आये हैं। सवाल उठने लगा है कि क्या राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) एक रह पाएगा? इस संबंध में भाजपा प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन कहते हैं कि भाजपा और जद(यू) का संबंध 17 साल पुराना है। हम दोनों के सामने चुनौती एक है। मिलकर चलने में ही भलाई है। इसके साथ ही सेकुलरवाद की निरर्थक बहस और पाकिस्तानी हिन्दुओं की दशा पर भी
अरुण कुमार सिंह ने उनसे बातचीत की। वार्ता के प्रमुख अंश-
थ् आम चुनाव में अब एक साल से भी कम का वक्त रह गया है । मुख्य विपक्षी पालेबंदी के तौर पर आपकी क्या तैयारी है?
द्ध श्री राजनाथ सिंह जब से भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बने हैं तब से अनेक प्रकार के नए काम शुरू किये गए हैं। उन्होंने अपनी नई टीम का ऐलान भी कर दिया है। बड़े-बड़े जो राज्य हैं वहां के नेताओं को बुलाकर वे विचार- विमर्श कर रहे हैं, स्थिति का जायजा ले रहे हैं। चुनाव की नजर से हर चीज देखी जा रही है। भाजपा जहां अपने दम पर चुनाव लड़ती है उम्मीद है कि वहां वक्त से पहले ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा भी कर देगी। और जहां भाजपा अपने सहयोगियों के साथ चुनाव लड़ती है वहां नए सहयोगी जोड़ने की कोशिश करेगी। गांव-गांव में भाजपा के कार्यकर्ता जायेंगे और लोगों को भ्रष्टाचार, महंगाई, जो कांग्रेस की देन है, के बारे में बतायेंगे। भाजपा भ्रष्टाचार और महंगाई के मुद्दे को जोर-शोर से उठाएगी। इन दोनों की वजह से आम आदमी काफी परेशान है। हालांकि कांग्रेस इस समय सेकुलरवाद की बहस शुरू करके लोगों को असली मुद्दे से भटकाना चाहती है किन्तु भाजपा ऐसा नहीं होने देगी। कांग्रेस फिर से साम्प्रदायिक राजनीति करना चाहती है। जबकि भाजपा मानती है कि व्यक्ति से बड़ा दल है और दल से बड़ा देश है। इस नजरिये से हम लोग काम कर रहे हैं। इस बार देश का सवाल है। इस बार देश में एक ऐसी सरकार लानी है जो देश को एक सही दिशा दे सके । इसलिए सभी राष्ट्रभक्त संगठनों की बड़ी जिम्मेदारी है कि इस बार सब मिलकर काम करें और कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करें।
0आप कह रहे हैं कि सभी मिल कर काम करें, पर आम लोगों में, यहां तक कि कार्यकर्ताओं में भी यह धारणा है कि पार्टी के अंदर ही खींचतान है। ऐसे में पार्टी कैसे दूसरे को चुनौती दे सकती है?
0 पार्टी के अंदर कोई खींचतान नहीं है। श्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में पार्टी बहुत अच्छी तरह काम कर रही है। हां, प्रधानमंत्री के नाम को लेकर हमसे सवाल जरूर पूछे जाते हैं। इस सवाल का जवाब पाने के लिए सही वक्त का इन्तजार है। अभी तो चुनाव का भी ऐलान नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री पद के लिए नाम का फैसला पार्टी का संसदीय बोर्ड करेगा। यह फैसला कब होगा मैं नहीं कह सकता।
0 आपके एक पुराने सहयोगी जनता दल (यू )ने तो कहा है कि इस साल दिसम्बर तक भाजपा प्रधानमंत्री पद के नाम की घोषणा करे, नहीं तो दोनों की राहें अलग हो सकती हैं। इसको आप किस रूप में देखते हैं ?
0 जनता दल (यू ) हमारा 17 साल पुराना साथी है। यह पार्टी उस समय भाजपा के साथ आई थी जब अन्य दल कथित साम्प्रदायिकता के नाम पर भाजपा के साथ नहीं आते थे। हम दोनों ने कई चुनाव मिल कर लड़े हैं और सफलता भी मिली है। हम आपस में लड़कर राजद को मौका नहीं देना चाहते हैं। जद (यू ) और भाजपा का रिश्ता बिहार के 10 करोड़ लोगों के हित में है क्योंकि हम बिहार का पुनर्निर्माण कर रहे हैं। हम अलग होंगे तो लालू यादव को फायदा होगा और बिहार का नुकसान। इसलिए यह रिश्ता बना रहे ऐसी कोशिश होगी ।
0 लोगों में भाजपा के बारे धारणा है कि वह सरकार चलाने के लिए अपने सहयोगियों के सामने झुक जाती है। बिहार में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की शाखा इसका उदाहरण है ।
0 लोगों को लगता है कि भाजपा लचीला रुख अपनाती है, पर ऐसा है नहीं। हम अपने मुद्दों पर मजबूती के साथ खड़े हैं। जैसा कि मैंने पहले कहा कि हमें बिहार के 10 करोड़ जनता की चिंता है। इसलिए बड़े होने के नाते कभी समझौते करने पड़ते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि भाजपा अपने मुद्दों को छोड़ देती है।
0अन्य दल भाजपा पर साम्प्रदायिकता का आरोप लगाते हैं। इस पर आपका क्या कहना है?
0 भाजपा और अन्य राष्ट्रवादी संगठनों पर साम्प्रदायिकता का आरोप लगाना एक 'फैशन' हो गया है। इफ्तार की पार्टी करने, मजारों पर जाने और इस्लामी टोपी पहन लेने से कोई सेकुलर नहीं हो जाता है। भाजपा कहती है कि सबको बराबरी के नजरिए से देखो, किसी की उपेक्षा मत करो। पर वोट बैंक की राजनीति करने वाले इस बात को मानते नहीं हैं। सांप्रदायिक राजनीति कांग्रेस करती है। इंडियन मुस्लिम लीग और मजलिसे इत्तेहादुल मुसलमिन जैसी सांप्रदायिक पार्टियों से कांग्रेस समझौता करती है, उनके साथ सरकार चलाती है, मजहब के आधार पर राजनीति करती है और उल्टे भाजपा को सांप्रदायिक कहती है। उनके लिए सेकुलर का मतलब है बहुसंख्यक समाज की उपेक्षा करना और सिर्फ शब्दों से अल्पसंख्यकों की मदद करना, जबकि भाजपा के लिए सेकुलर का अर्थ है सबके साथ न्याय करना।
0 पाकिस्तान में हिन्दुओं की हालत खराब हो रही है। बड़ी उम्मीद के साथ वे लोग भारत आ रहे हैं। उन हिन्दुओं पर भाजपा का क्या रुख है?
0 पाकिस्तान में हिन्दुओं की धार्मिक और सामाजिक आजादी खतरे में है। हिन्दू लड़कियों का जबरन मतान्तरण किया जा रहा है। भाजपा इस मुद्दे को कई बार उठा चुकी है। हमने सरकार से भी कहा कि पाकिस्तान से बात करिए और वहां के अल्पसंख्यकों के जान-माल की सुरक्षा का इन्तजाम कराइए। यदि ऐसा नहीं होता है और जो हिन्दू भारत आ रहे हैं, उनका पुनर्वास होना चाहिए। वे लोग अपने धर्म को बचाने के लिए भारत आ रहे हैं। पड़ोसी मुल्क के नाते भारत को पाकिस्तानी हिन्दुओं की रक्षा करनी चाहिए।
टिप्पणियाँ