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बार–बार साफ हो रहा है कि प.बंगाल का मालदा जिला नकली नोटों और अवैध हथियारों का अड्डा बनता जा रहा है, पर पुलिस-प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। गत 11 अप्रैल की रात भी मालदा शहर के खीलू भवन के पास से तीन 7.6 एम.एम. की पिस्तौल, 12 जिंदा कारतूस, दो कारतूस भरी मैग्जीन तथा एक लाख नकली भारतीय नोट के साथ लुत्फर रहमान को पकड़ा गया। पुलिस छानबीन करने में जुटी है कि गैरकानूनी हथियार एवं जाली नोट लुत्फर को कहां से मिले और वह उसे कहां भेजने वाला था। लुत्फर इन दिनों न्यायालय के आदेश पर पुलिस हिरासत में है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार पिछले तीन माह में जाली नोटों एवं अवैध हथियार से जुड़े मामलों में इसी जिले से 152 लोगों को गिरफ्तर किया गया है। कुल मिलाकर 33 लाख, 64 हजार, 500 रुपये की नकली भारतीय मुद्रा बरामद हुई है। इसके अलावा छोटे-बड़े 89 हथियार, 149 जिंदा कारतूस भी जब्त किये गये हैं। लुत्फर रहमान का मामला इसलिए अधिक चिंता में डालने वाला है क्योंकि इस बार एक ही आदमी के पास से विदेश निर्मित गैरकानूनी हथियार और जाली नोट एक साथ बरामद हुए हैं। रहमान पहले केवल जाली नोटों का ही कारोबार करता था। कुछ मामलों में पुलिस उसे पहले से ही तलाश कर रही थी। लेकिन जाली नोटों के साथ उसके पास से अवैध अत्याधुनिक हथियार मिलने से पुलिस सकते में है। पुलिस को शक है कि पंचायत चुनाव के पूर्व वह जाली नोट एवं हथियार किसी राजनीतिक दल की छतरी के नीचे पल रहे असामाजिक तत्वों को पहुंचाने वाला था। संकेत मिल रहे हैं कि किसी पाकिस्तानी एजेंट ने बंगलादेश के रास्ते उस तक यह सब पहुंचाया है।
हाल ही में मालदा के ही रहने वाले दो लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू की एक अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है। इसमें बताया गया है कि अत्याधुनिक हथियार बंगलादेश से मालदा लाया जाता, फिर दिल्ली भेजा जाता। दिल्ली से जम्मू पहुंचाया जाता है। जिस प्रकार के नकली नोट पकड़े गये हैं, उनका असली नोटों से अंतर करना काफी मुश्किल है। दूसरे किसी देश की मदद के बिना यह संभव नहीं है। बताते हैं कि हिजबुल मुजाहिदीन के दो गुर्गों-कश्मीर के रहने वाले मुबारक अहमद बट्ट और सफाकत महीउद्दीन ने मालदा के बादल शेख से सम्पर्क किया था। बादल मालदा के भारत-बंगलादेश सीमा पर गौ-तस्करी का काम करता था। वह बंगलादेश आता-जाता रहता था। महीउद्दीन ने बादल शेख को बंगलादेश के बगुड़ा के सफिकुल शेख से मिलने को कहा। सफिकुल ने बादल शेख को नकली नोटों के कारोबार का लालच दिया और वह सीमा तक जाली नोटों की खेप पहुंचाता रहा। बादल शेख उस नकली नोट को शाहिद शेख, जाकिर हुसैन, सलीम खान के जरिये जम्मू कश्मीर, हैदराबाद, चेन्नै, महाराष्ट्र सहित पूरे भारत में भेजता था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अनुसार इस पूरे नेटवर्क को देखकर साफ पता चलता है कि कश्मीर का आतंकवाद बंगाल को भी प्रभावित कर रहा है और आतंकवादियों के तार पाकिस्तान से बंगलादेश तक जुड़े हुए हैं।
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