स्वागत नव संवत्सर
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यमुना के सूरघाट पर विक्रमी संवत् 2070 का रंगारंग अभिनंदन
नव संवत्सर पर संस्कार भारती का यमुना तट पर भव्य आयोजन
लोगों ने किया सूर्य को अर्घ्य देकर नववर्ष का स्वागत
विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मोहा लोगों का मन
संस्कार भारती, दिल्ली द्वारा गत 11 अप्रैल को यमुना तट पर बने सूरघाट पर हिन्दू नववर्ष (विक्रमी संवत 2070) के उपलक्ष्य में 'स्वागतम् नव संवत्सर' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों से परिपूर्ण इस आयोजन में दिल्ली के लोगों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर नववर्ष का स्वागत किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध चिकित्सक डा. अनिल जैन थे, जबकि वक्ता थे रा.स्व.संघ के अ.भा. प्रचार प्रमुख श्री मनमोहन वैद्य।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मंचस्थ अतिथियों ने भारतमाता, स्वामी विवेकानंद एवं मां सरस्वती के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इसके बाद प्रसिद्ध ध्रुपद गायक पंडित श्रीदत्त शर्मा के शिष्यों द्वारा प्रस्तुत वैदिक मंत्रोच्चार की संगीतमय प्रस्तुति के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। वैदिक मंत्रों के बाद पंडित श्रीदत्त शर्मा ने ध्रुपद की सुंदर प्रस्तुति दी। इस गंभीर प्रस्तुति का लोगों ने खूब आनंद लिया। इसके बाद हुई सुश्री अदिति शर्मा की शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति ने लोगों को भाव विभोर कर दिया। गायन के बोल 'विघ्न हरण गौरी के नंदन' लोगों को अंदर तक छू गए।
अंत में हुई सांस्कृतिक प्रस्तुति ने लोगों का खूब मनोरंजन किया। गुजरात के कलाकारों ने विभिन्न लोकगीतों पर सुंदर नृत्य किया। नृत्य इतना रोचक था कि लोग तालियां बजाए बिना रह न सके। कार्यक्रम की विधिवत् शुुरुआत से पहले बालक चमु शिवा शास्त्री ने वंशी का मधुर वादन किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान ही सूर्य के उदय हो जाने के चलते लोगों ने बीच में ही पूर्जा-अर्चना कर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर नववर्ष का अभिवादन किया। सूर्य को अर्घ्य देते समय ठाकुर अभिराम परमहंस सत्संग, उड़ीसा के कलाकारों ने संगीतमय प्रस्तुति देकर सूर्य का अभिवादन किया। एक तरफ सूर्य को अर्घ्य देते लोग और दूसरी तरफ सूर्य के अभिवादन की संगीतमय प्रस्तुति ने वातावरण को उल्लास से भर दिया।
कार्यक्रम में प्रसिद्ध वंशी वादक एवं संस्कार भारती के अ.भा. संगीत विधा संयोजक श्री चेतन जोशी, प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना एवं संस्कार भारती की अ.भा. नृत्य विधा संयोजिका श्रीमती सुमिता शर्मा, संस्कार भारती, दिल्ली के अध्यक्ष श्री दीनदयाल शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष श्री विजय वहल, महामंत्री श्री अनुपम भटनागर, मंत्री संगठन श्री जितेन्द्र मेहता, रा.स्व.संघ, दिल्ली के प्रांत सेवा प्रमुख श्री अजय कुमार, प्रसिद्ध समाजसेवी श्री बृजमोहन सेठी विशेष रूप से उपस्थित थे।
भारत की कालगणना प्राचीन ही नहीं, शास्त्रीय भी है। हिन्दू नववर्ष सिर्फ नववर्ष मनाने या शादी-विवाह का मुहूर्त निकालने तक सीमित न रह जाए। हम हिन्दू कालगणना को अपने जीवन का हिस्सा बनाने की कोशिश करें। बच्चों का जन्मदिन अथवा शादी की सालगिरह हिन्दी तिथि के अनुसार मनाने का प्रयास करें।
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