अनिल दुबेगो-सेवा के लिए नौकरी छोड़ी
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

अनिल दुबेगो-सेवा के लिए नौकरी छोड़ी

by
Apr 6, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 06 Apr 2013 16:17:34

भोपाल के अनिल दुबे ने मेकैनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद नौकरी करनी शुरू की थी। लेकिन कुछ साल बीते नहीं कि रोजी-रोटी की आवश्यकता जुनून के आगे छोटी पड़ गई। एक अनाथ बछिया की पीड़ा ने उन्हें इतना उद्वेलित किया कि वे गो-भक्त से गो-सेवक बन गए। 38 वर्षीय अनिल दुबे गो-सेवा में अपना सब कुछ दांव पर लगा चुके हैं। गाय में अब इन्हें माता ही नहीं, परिवार, समाज और राष्ट्र सब कुछ दिखता है। वे हर समस्या का समाधान गाय में देखते हैं।

कौन नहीं जानता कि गाय सिर्फ दूध से ही नहीं, अपने मल-मूत्र से भी व्यक्ति-परिवार का भरण-पोषण करती है। वह खेत-खलिहान को आबाद रखती है। बीमार को स्वस्थ करती है और स्वस्थ को अनेक बीमारियों से बचाती है। अनिल गो-माता की उपेक्षा को राष्ट्रद्रोह मानते हैं।

वे सिर्फ बातों से गो-भक्ति का ज्ञान नहीं बघारते। वे गो-सेवा के लिए लोगों को बाध्य करते हैं। इनका तरीका बहुत नायाब है। चूंकि वे ज्योतिष के जानकार हैं, इसलिए समस्याग्रस्त लोग इनके पास आते ही हैं। इनमें अधिकांश ऐसे होते हैं जो अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए अनेक प्रयोग और प्रयास कर चुके होते हैं। थके और निराश लोगों को वे गो-माता के हवाले कर देते हैं। कुछ को गो-मूत्र, तो कुछ को गो-अर्क पीने की सलाह देते हैं। निराश लोग किडनी, हृदय, थायरायड, मधुमेह और माइग्रेन जैसी बीमारियों से निजात भी पा रहे हैं।

अनिल दुबे के प्रयास से गाय के गोबर से खास तरह के कंडे बनाने का प्रयोग चल रहा है। बकौल अनिल दुबे-इन कंडों की मांग इतनी है कि हम आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। अब अगला प्रयोग धूपबत्ती और अगरबत्ती का है। वे देशी गाय के घी, दूध और इससे बने उत्पादों की कमी भले ही हो, लेकिन ये अनेक बीमारियों की रामबाण दवाइयां हैं। वे श्री सत्यनारायण गो-जन कल्याण सेवा समिति के नाम से गो-सेवा को संस्थागत रूप देने की कोशिश कर रहे हैं।

अनिल दुबे का पूरा परिवार ही गो-सेवक है। उनकी पत्नी बछिया से ऐसे बातें करती हैं जैसे वह कोई जानवर न होकर उनकी पड़ोसन या सहेली हो। ऐसे समर्पण को कोई भी पागलपन कह देता है। लेकिन वे भक्ति और सेवा में इतनी बेपरवाह हैं कि लोगों की बातें उन्हें या तो सुनाई नहीं देतीं या वे अनसुनी कर देती हैं। उनका 10 वर्षीय छोटा बेटा युवराज बछड़े और बछिया के साथ ऐसे खेलता है मानो वे पशु न होकर उसके दोस्त हों। कभी गला पकड़ कर लटक जाता है, तो कभी उसके चारों पैरों के बीच से निकलता है।

उनकी पत्नी श्रीमती उमा दुबे शासकीय नौकरी से इतना वेतन पा लेती हैं कि घर चल जाए। आय का और कोई स्रोत नहीं है। कई बार वे अपने पति की आर्थिक मदद भी करती हैं। इतना होने पर भी उन्हें आर्थिक असुरक्षा महसूस नहीं होती। वे कहती हैं- नंदिनी है ना! जैसे नंदिनी कोई गाय न हुई, जादू की छड़ी हो गई। लेकिन भारत में आस्था, विश्वास और भगवत् कृपा यही तो है।

अनिल दुबे की कुछ बड़ी कल्पनाएं भी हैं। उनको पक्का विश्वास है कि एक दिन गो-माता की कृपा से उनकी सारी कल्पनाएं साकार हो जाएंगी। नए-नए प्रयोगों से युक्त विशाल और भव्य गोशाला उनकी आंखों के सामने तैयार हो जाएगी। श्री दुबे यह भी कहते हैं कि गाय की सेवा और संरक्षण मनुष्य जाति के अस्तित्व के लिए जरूरी है। यदि गाय नहीं बचेगी तो हम भी नहीं ¤ÉSÉåMÉä*q|ɺiÉÖÊiÉ: अनिल सौमित्र

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

मतदाता सूची मामला: कुछ संगठन और याचिकाकर्ता कर रहे हैं भ्रमित और लोकतंत्र की जड़ों को खोखला

लव जिहाद : राजू नहीं था, निकला वसीम, सऊदी से बलरामपुर तक की कहानी

सऊदी में छांगुर ने खेला कन्वर्जन का खेल, बनवा दिया गंदा वीडियो : खुलासा करने पर हिन्दू युवती को दी जा रहीं धमकियां

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies