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28 मार्च को मुम्बई में अपनी कांग्रेसी सांसद बहन प्रिया दत्त के बाजू में बैठकर संजय दत्त 'मुन्ना' ने मीडिया के सामने बार-बार आंखें पोंछते हुए कहा कि वह सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हुए तय समय सीमा के अंदर खुद को अदालत के सामने पेश कर देंगे, सजा भुगतेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह अदालत से माफी नहीं मांगेंगे। बहन प्रिया दत्त के कंधे पर बार-बार गिरते हुए संजू रुंआसे होकर बोले कि उनके पास वक्त कम है और बहुत-सा काम यानी शूटिंग पूरी करनी है। हां, उठते उठते उन्होंने सनद के लिए यह भी कह दिया कि, 'आई लव माई कंट्री'।
संजू ने अभी बात खत्म की होगी कि नई दिल्ली में भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष और संजू को माफी दिलाने को खम ठोंककर अड़े मार्कंडेय काटजू बोले कि वह भले ही न चाहें, पर मैं तो उन्हें माफी दिलाकर ही रहूंगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति को उन्होंने चिठ्ठी लिखकर संजू और लगे हाथों एक अन्य दोषी जैबुन्निसा काजी को भी माफी देने की पैरवी की है। राष्ट्रपति को लिखा है कि संविधान की धारा 72 के तहत संजय ने पहले ही काफी सजा भुगत ली है। वह भले 5 साल के लिए जेल में बंद नहीं रहा पर इतना सहा है कि जो उस सजा के बराबर ही है। काटजू ने कहा कि उस पर बस प्रतिबंधित हथियार रखने का ही तो आरोप है, जो उसने 'आत्मरक्षा' के लिए रखा था। संजू के मुरीद काटजू इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने मासूमियत भरे अंदाज में कहा कि संजय भले माफी के लिए न लिखें, पर धारा 72 के तहत दूसरा कोई भी उनको माफी देने की अपील कर सकता है। काटजू ने जैबुन्निसा को माफी की पैरवी करने के लिए राष्ट्रपति को अलग से चिठ्ठी लिखी है।
विडंबना देखिए, यह वही काटजू हैं जो मीडिया को पानी पी पीकर कोसते थे कि वह देश के दूसरे जरूरी मुद्दों की बजाय 'सेलेब्रिटीज' यानी नामी-गिरामी लोगों के बारे में ही छापता रहता है।
'मैं व्यक्तिगत रूप से संजय को नहीं जानता, न तो मैं उनका प्रशंसक हूं और न ही फिल्में देखता हूं। मैं उनका मित्र या रिश्तेदार भी नहीं हूं। लेकिन संजय और जैबुन्निसा, दोनों मानवता के आधार पर सजा माफी के हकदार हैं।'
–मार्कण्डेय काटजू
अध्यक्ष, भारतीय प्रेस परिषद
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