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इटली ने ही पिछले दिनों अगस्ता-वेस्टलैंड हेलीकाप्टर सौदै में दलाली की खोजबीन करने गए सीबीआई के अधिकारियों को बैरंग वापस लौटा दिया था। भारत के साथ इस मामले में सहयोग से इनकार करने वाले इटली की अदालत ने बड़ा बेरुखा-सा जवाब देकर भारत को आगे कुछ समय तक के लिए जैसे झुनझुना थमा दिया। इसकी जानकारी खुद रक्षा मंत्री ए. के. एंटोनी ने 11 मार्च को लोकसभा में दी। एंटोनी ने बताया कि 13 फरवरी को रक्षा मंत्रालय ने रोम में भारत के उच्चायोग से इस मामले में तथ्याधारित रपट भेजने को कहा था जिसके बाद उच्चायोग ने 15 फरवरी को लिख भेजा कि मामले की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश ने कहा है कि चूंकि जांच अभी शुरू ही हुई है और दंड संहिता की धारा 329 के अंतर्गत ये सारी सूचनाएं गोपनीय हैं, इसलिए साझा नहीं की जा सकती हैं।
दिलचस्प बात है कि उच्चायोग की रपट से साफ था कि इटली कुछ जानकारी दे नहीं रहा है तब भी सीबीआई की टीम इटली गई। वहां से लौटने के बाद पहले से मौजूद दस्तावेजों के आधार पर मामला तैयार कर लिया, फिर उसके बाद रक्षा और विदेश मंत्रालयों की एक साझी टीम इटली हो आई और उसने भी लौटकर कुछ सिफारिशें दे डालीं, जिनके आधार पर कुछ अहम कदम उठाए गए। हैरानी की बता है कि इटली महत्वपूर्ण जानकारियां दबाए बैठा है और यहां एक के बाद एक 'जरूरी' कदम उठाए जा रहे हैं।
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