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भारत–पाक सीमा पर लगभग हर रोज हो रही नशे की बरामदगी बताती है कि यह समस्या काफी गंभीर रूप ले चुकी है। सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी बताते हैं कि अफगानिस्तान में जहां अफीम की खेती होती है, से नशे का व्यापार शुरू होता है, जो पंजाब से नेपाल, पूर्वी एशियाई देशों व पश्चिमी देशों तक जड़ें फैलाए हुए है।
अब अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज विजेन्द्र का नाम इस व्यवसाय से जुड़ने पर इस नशीले कारोबार पर नए सिरे से चर्चा चल पड़ी है। पिछले दिनों मोहाली (चण्डीगढ़) की पुलिस ने अनूप सिंह कहलों नामक एक व्यक्ति से 130 करोड़ रु. की हेरोइन बरामद की, तब उसके तार ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज विजेन्द्र सिंह से जुड़ते दिखाई दिए। विजेन्द्र सिंह ने इस मामले में पूछताछ के दौरान अपने खून तथा बालों के नमूने देने से इन्कार कर दिया है। विजेन्द्र सिंह का नाम इस मामले में उसके साथी राम सिंह ने भी लिया, पर विजेन्द्र सिंह तो इस बात से इन्कार करता है कि उसने कभी हेरोइन या अन्य नशीले पदार्थ का सेवन किया हो। लेकिन विजेन्द्र सिंह के मोबाइल फोन की काल डिटेल में अनूप सिंह कहलों का नाम बार-बार आया है। उसकी कार भी कहलों के घर के बाहर से बरामद हुई।
मुक्केबाजी में विजेन्द्र सिंह की वही जगह है जो क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर की है। अगर वह दोषी पाया गया तो सारे पदक और अवार्ड छीने जा सकते हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का कहना है कि वे नहीं मानते कि इस मामले में विजेन्द्र सिंह का कुछ लेना-देना है। मुख्यमंत्री का यह कथन जांच पूरी होने से पहले ही आया है। बेहतर होता कि वे जांच रपट का इंतजार करते।
इस मामले में कई खिलाड़ियों के नाम सामने आए हैं। पुलिस जगदीश भोला की भी तलाश कर रही है। वह एक पहलवान है जो 'अर्जुन अवार्ड' से सम्मानित हो चुका है। वह पंजाब पुलिस में डीएसपी था, पर हेरोइन की तस्करी में लग गया। अब वह भगौड़ा है और उसके खिलाफ 'रेड कार्नर' नोटिस जारी हो चुका है। पंजाब से राकेश सैन
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