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Mar 16, 2013, 12:00 am IST
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सेवा से प्रभावित होकर दिए डेढ़ लाख

दिंनाक: 16 Mar 2013 14:13:27

'सेवा सदन' में गणेश पूजा

सेवा मनुष्य जीवन की सहज प्रवृति है, वह किसी को दुखी नहीं देख सकता। इसलिए सेवा की भावना उसके मन में जाग्रत होती है। सेवा संवेदना का विषय है और समाज के प्रति हमारे मन में संवेदना होनी चाहिए। हम भारतवासी हैं, इस राष्ट्रीय आत्मबोध को वैश्विक आत्मबोध में परिवर्तित कर सेवा का संकल्प लेना चाहिए।

–मोहनराव भागवत, सरसंघचालक, रा.स्व.संघ

सेवा भारती समिति, राजस्थान के निर्माणाधीन भवन 'सेवा सदन' का गत 9 मार्च को गणेश पूजन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। यह भवन जयपुर में स्थित है। कार्यक्रम में रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत विशेष रूप से उपस्थित थे।  इस अवसर पर दानदाताओं का सम्मान भी किया गया। 

श्री भागवत ने अपने उद्बोधन में कहा कि सेवा मनुष्य जीवन की सहज प्रवृति है, वह किसी को दुखी नहीं देख सकता। इसलिए सेवा की भावना उसके मन में जाग्रत होती है। किसी के आग्रह पर की गई सेवा को 'सर्विस' कहते हैं। सेवा संवेदना का विषय है और समाज के प्रति हमारे मन में संवेदना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज व्यक्ति का आत्मबोध संकुचित होता जा रहा है, वह सबसे पहले अपने और परिवार के बारे में सोचता है। हमें परिवार के दायरे से बाहर निकलकर देश और समाज की भी चिंता करनी चाहिए। हम भारतवासी हैं, इस राष्ट्रीय आत्मबोध को वैश्विक आत्मबोध में परिवर्तित कर सेवा का संकल्प लेना चाहिए।

श्री भागवत ने कहा कि भारत में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति हमारा अपना है, इसलिए नि:स्वार्थ भाव से सेवा करनी चाहिए। जीवन का प्रत्येक क्षण परोपकार के लिए होना चाहिए। यदि कोई यह सोचता है कि मैं सेवा का काम करता हूं तो यह विचार अहंकार को जन्म देता है। हमें यह सोचना चाहिए कि जिसकी सेवा हम कर रहे हैं उसने हमें यह अवसर दिया है। उन्होंने कहा कि जो सेवा धर्म, जाति, मजहब को आधार मानकर एवं प्रलोभन देकर की जाती है वह सेवा नहीं व्यापार और स्वार्थ है। यह हमारे देश की परम्परा नहीं है, हमारे यहां तो हर उस व्यक्ति की सेवा की जाती है जिसको सेवा की आवश्यकता है। उससे जाति और धर्म पूछकर सेवा नहीं की जाती। हमारे देश में सेवा व्यापार नहीं है। मनुष्यता का बोध होने पर हम स्व:प्रेरणा से सेवा करते हैं, जिसकी सेवा करते हैं उसे भगवान मानते हैं। कार्यक्रम में रा.स्व.संघ के सरकार्यवाह श्री सुरेशराव उपाख्य भैयाजी जोशी, क्षेत्र प्रचारक श्री दुर्गादास, क्षेत्र सह सम्पर्क प्रमुख श्री प्रकाश एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों सहित सेवा भारती के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे। प्रतिनिधि

 

सेवा से प्रभावित होकर दिए डेढ़ लाख

रेल हादसे के दौरान की गई सेवा से प्रभावित होकर कोलकाता के अभियंता श्री सुबुध कर्मकार ने फतेहपुर (उ.प्र.) के सरस्वती विद्या मंदिर कालेज को डेढ़ लाख रुपए दान के रूप दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि 10 जुलाई, 2011 को दिल्ली-हावड़ा कालका एक्सप्रेस मलवां (फतेहपुर) में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। हादसे में करीब 35 लोग मारे गए थे, जबकि बड़ी संख्या में घायल हुए। हादसे की जानकारी मिलते ही रा.स्व.संघ के कार्यकर्ता श्री नरेन्द्र मिश्रा अन्य स्वयंसेवकों को साथ लेकर मौके पर सहायता के लिए पहुंच गए। श्री मिश्रा सरस्वती विद्या मंदिर कालेज, फतेहपुर के प्रधानाचार्य भी हैं। स्वयंसेवकों एवं विद्यार्थियों ने मिलकर हादसे में मारे गए लोगों के शरीर शव गृह पहुंचाने से लेकर घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने में सहायता की थी।

इस हादसे में श्री सुबुध कर्मकार के माता-पिता मधुसूदन कर्मकार एवं कमला कर्मकार की मृत्यु हो गई थी। सिर्फ उनकी नानी ही जीवित बची थीं। अपने माता-पिता की स्मृति एवं स्वयंसेवकों द्वारा हादसे के दौरान की गई सेवा से प्रभावित होकर ही पिछले दिनों श्री सुबुद्ध कर्मकार ने सरस्वती विद्या मंदिर कालेज पहुंचकर कालेज के प्रधानाचार्य श्री नरेन्द्र मिश्रा को डेढ़ लाख रुपए का चेक भेंट किया। इस संबंध में श्री नरेन्द्र मिश्रा ने कहा कि इस पैसे का उपयोग गरीब मेधावी छात्रों की सहायता करने में किया जाएगा। प्रतिनिधि

प्रेमजीभाई आसर को याद किया

पूर्व स्वतंत्रता सेनानी एवं जनसंघ के सांसद स्व. प्रेमजीभाई आसर की जन्मशताब्दी के उपलक्ष्य में गत दिनों चिपलूण (महाराष्ट्र) में जन्मशताब्दी समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में स्व. आसर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को याद किया गया। कार्यक्रम का आयोजन प्रेमजीभाई आसर स्मृति समिति, चिपलूण ने किया।          

कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री राम नाइक ने की। मंच पर स्व. आसर के निकट मित्र डा. किनरे, विवेक साप्ताहिक के पूर्व संपादक श्री बालासाहब जोग, पूर्व सांसद श्री बापूसाहब परुलेकर भी आसीन थे।

श्री राम नाइक ने अपने संबोधन में कहा कि सन् 1957 में भारतीय जनसंघ ने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा। इन चुनावों में भारतीय जनसंघ के कुल चार उम्मीदवार जीते, जिनमें दो उत्तर प्रदेश और दो महाराष्ट्र से थे। महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले से मतदाताओं ने स्व. प्रेमजीभाई आसर को भारी मतों से विजयी बनाया। स्व. आसर का जीवन हम सबके लिए प्रेरणादाई है।

कार्यकर्ताओं ने की कार्य की समीक्षा

विश्व हिन्दू परिषद, पूर्व आंध्र प्रांत का दो दिवसीय प्रांतीय अधिवेशन गत दिनों  विजयवाड़ा में सम्पन्न हो गया। इसमें 27

जिलों के 153 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया तथा गत वर्ष के कार्य की समीक्षा करने के साथ-साथ आगामी कायक्रमों पर विस्तार से चर्चा की।

कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महामंत्री श्री राघवेलू ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए 'श्रीराम, जय राम, जय जय राम' का जाप घर-घर में करना आवश्यक है। इसके लिए हमें  गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करना होगा।

प्रांतीय अधिवेशन के अलावा विहिप द्वारा संचालित सेवा प्रकल्प श्री विवेकानंद विद्या निकेतन में स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में विभिन्न कार्यक्रम सम्पन्न हुए। विद्यालय द्वारा शोभायात्रा एवं सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम किए गए। इनमें छात्रों एवं स्थानीय लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। प्रतिनिधि

पर्यावरण की रक्षा हेतु पेड़ लगाए

स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में गत दिनों पर्यावरण भारती के तत्वावधान में पटना (बिहार) स्थित धनवंतरी आयुर्वेदिक कालेज छात्रावास परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। परिसर में कालेज के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने विभिन्न प्रकार- आम, जामुन, नीम आदि के कुल 150 वृक्ष लगाए। इस अवसर पर पर्यावरण भारती के संरक्षक श्री राम बिलास शांडिल्य विशेष रूप से उपस्थित थे। श्री शांडिल्य ने इस अवसर पर कहा कि पर्यावरण की रक्षा का एक ही उपाय है अधिक से अधिक वृक्ष लगाना। हर व्यक्ति को जीवन में कम से कम पांच पेड़ अवश्य लगाने चाहिए। इससे पर्यावरण की रक्षा तो होगी ही, हमारा स्वास्थ्य भी अच्छा ®ú½äþMÉÉ*  |ÉÊiÉÊxÉÊvÉ

संस्कार शिविर में सांस्कृतिक कार्यक्रम

अजमेर (राजस्थान) स्थित शहीद अविनाश माहेश्वरी माध्यमिक आदर्श विद्या निकेतन विद्यालय में गत दिनों तीन दिवसीय 'स्वामी विवेकानंद संस्कार शिविर' सम्पन्न हुआ। शिविर में 5 विद्यालयों के 568 छात्रों एवं 84 शिक्षकों ने भाग लिया। यहां छात्रों के बीच विभिन्न प्रकार के भारतीय खेलों की प्रतियोगिताएं सम्पन्न हुईं। साथ ही विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी हुआ।

शिविर के दौरान छात्रों द्वारा अजमेर के प्रसिद्ध जवाहर रंगमंच पर 'भारतीयम' नामक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में रा.स्व.संघ के राजस्थान क्षेत्र के क्षेत्र कार्यवाह श्री हनुमान राठौड़ थे, जबकि अध्यक्षता श्री सुरेश चंद्र शर्मा ने की। प्रतिनिधि

पंचगव्य से होगी चिकित्सा

गाय के प्राप्त पंचगव्य (दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर) से अब अस्थमा और गठिया जैसे रोगों का इलाज भी होगा। इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद की प्रेरणा से संचालित भारतीय गोवंश रक्षण संवर्धन परिषद ने गत 10 मार्च को दिल्ली के राणा प्रताप बाग स्थित प्राचीन शिव मंदिर में पहले पंचगव्य चिकित्सालय का शुभारम्भ किया। 'गो-वरदान पंचगव्य आयुर्वेदिक धर्मार्थ चिकित्सालय' नाम से शुरू किए गए इस चिकित्सालय में दो चिकित्सक नियमित रूप से सेवाएं देंगे।

चिकित्सालय का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रांत संघचालक डा. श्याम सुन्दर अग्रवाल ने किया।

दिल्ली के इस पंचगव्य चिकित्सालय से पहले नागपुर, अकोला, मथुरा, इंदौर, आगरा, वर्धा, झांसी तथा लखनऊ आदि स्थानों पर भी ऐसे चिकित्सालय खोले जा चुके हैं। n प्रतिनिधि

युवाओं के प्रेरणापुंज विवेकानंद

'भारत विश्व का सबसे युवा देश है जिसकी कुल आबादी के 55 से 60 प्रतिशत युवा हैं। स्वामी विवेकानंद न केवल भारतीय युवाओं, बल्कि समूचे विश्व के युवाओं के लिए प्रेरणापुंज हैं'। उक्त विचार स्वामी विवेकानंद सार्द्ध शती समारोह समिति, हरियाणा के प्रांत संयोजक श्री अनिल कुमार ने गत दिनों फरीदाबाद (हरियाणा) स्थित अग्रवाल कालेज में सम्पन्न हुए 'स्वामी विवेकानंद इन कैम्पस' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता अग्रवाल कालेज के प्रधानाचार्य डा. के.के. गुप्ता ने की। इस अवसर पर कालेज के छात्र एवं शिक्षक बड़ी संख्या में उपस्थित lÉä*

प्रतिनिधि

स्वयं सहायता के अनुभवों का आदान–प्रदान

राष्ट्रीय सेवा भारती,  झारखंड के तत्वावधन में गत दिनों स्वयं सहायता समूहों की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला  रांची में सम्पन्न हुई। इसमें 16 राज्यों के 51 स्वयं सहायता समूहों के 76 पुरुष एवं 81 महिला प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यहां स्वयं सहायता समूहों की समस्याओं एवं उनके समाधानों पर विभिन्न सत्रों में विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही कार्य के विस्तार के लिए अनुभवों का आदान-प्रदान भी हुआ। 

सम्मेलन का विधिवत् उद्घाटन रा.स्व.संघ के अ.भा. सेवा प्रमुख मुख्य श्री सुहासराव हिरेमठ, वरिष्ठ प्रचारक श्री प्रेमचंद गोयल एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. नरेन्द्र भाई देसाई ने भारतमाता के चित्र पर पुष्पार्चन कर किया।

डा. देसाई ने इस अवसर पर कहा कि आज भारत में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जो कार्य चल रहा है उसका साकारात्मक परिणाम यह हुआ है कि हजारों परिवार आज आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनकर परिवार और समाज को सम्मानित जीवन प्रदान कर रहें हैं।  इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा भारती के श्री सुन्दर लक्ष्मण, श्री गुरुशरण प्रसाद, श्रीमती चन्द्रिका चौहान आदि ने भी अपने विचार रखे।

सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए श्री सुहासराव हिरेमठ ने कहा कि हर व्यक्ति सुख प्राप्ति के लिए दौड़ता है परन्तु सच्चा सुख धन-दौलत या भौतिक संसाधन में ही नही हैं, वरन् सेवा, सहयोग, समर्पण, ईश्वरीय कार्य से आत्मसंतुष्टि के साथ-साथ आनन्द की अनुभूति में है। प्रतिनिधि

यमुना रक्षा के लिए जागरूक किया

सामाजिक संगठन जलाधिकार द्वारा गत दिनों नोएडा में यमुना रक्षा पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का उद्देश्य यमुना की रक्षा के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करना था। गोष्ठी को संबोधित करते हुए यमुना बचाओ आंदोलन के संयोजक श्री दिवान सिंह ने कहा कि पानी के संरक्षण में यमुना खादर का विशेष योगदान है। शहरीकरण के कारण संसाधनों का दुरुपयोग हो रहा है। संसाधनों के सीमित उपयोग से ही इनका संरक्षण होगा। जलाधिकार के अध्यक्ष श्री गोपाल अग्रवाल ने कहा कि नदी केवल पानी का बहाव नहीं, बल्कि उसकी विविधता है। चिन्मय मिशन नोएडा के प्रमुख स्वामी श्री चिदरूपानंद ने भी अपने विचार इस अवसर पर व्यक्त किए। प्रतिनिधि

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