बंगलादेश में इतिहास करवट ले रहा है। जमाते-इस्लामी ने हिन्दू दमन का जो बर्बर चक्र शुरू किया था उसके विरुद्ध बंगभूमि में आया उबाल अब चरम पर पहुंच गया है। उधर बौखलाए जमातियों ने ढाका, चटगांव, खुलना जैसे शहरों में आगजनी और हत्याओं का दौर चलाया हुआ है। इस हिंसा में अल्पसंख्यकों और उदारवादियों की हत्या का आंकड़ा सौ को छू रहा है। जमाते इस्लामी को पोसने वालीं पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया ने पैंतरा बदलते हुए हिन्दुओं के दमन पर 'दु:ख' जताया और जांच की मांग की। उम्मीद है इस भीषण मंथन से कुछ सुभीता निकलेगा। यहां हम बंगलादेश में पिछले एक महीने से ज्यादा से चल रहे जनांदोलन की एक झलक पेश कर रहे हैं।
यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
टिप्पणियाँ