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आवरण कथा 'शिंदे को बर्खास्त करो' में जनभावना की अभिव्यक्ति हुई है। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सिर्फ मुस्लिम ईसाई वोट बैंक के लिए कहा कि भाजपा एवं संघ के शिविरों में आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। इस तरह के बयानों से शिंदे भारत विरोधी तत्वों की ही मदद कर रहे हैं। उनका बयान राष्ट्र-विरोधी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में देशभक्ति का पाठ पढ़ाया जाता है, न कि राष्ट्रद्रोह का।
–ठाकुर सूर्यप्रताप सिंह सोनगरा
कांडरवासा, रतलाम-457222 (म.प्र.)
कांग्रेसी नेता मुस्लिम वोट के लिए इतने विक्षिप्त हो गए हैं कि वे राष्ट्रभक्त संगठनों को ही लांछित करने में अपनी बुद्धिमानी समझते हैं। ये लोग अपने निराधार बयानों से आतंकवाद को पोषित कर रहे हैं। आतंकवादी सरगनाओं को 'जी' और 'साहब' लगाकर सम्बोधित करना उनकी मुस्लिम तुष्टीकरण की पराकाष्ठा है। यदि कांग्रेसी नेता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महत्व को समझते तो शायद देश से अब तक साम्प्रदायिकता और आतंकवाद का खात्मा हो गया होता।
–वंशीधर चतुर्वेदी
एल-1506, शास्त्री नगर, मेरठ -250004 (उ.प्र.)
कांग्रेस के लोग यदा-कदा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर उल्टे-सीधे आरोप लगाकर इसे प्रतिबंधित करने का प्रयास करते रहे हैं। गृहमंत्री शिंदे का बयान भी संघ-द्वेष का एक नमूना है। वोट के लिए ये कांग्रेसी किसी भी हद तक गिर सकते हैं।
–वीरेन्द्र सिंह जरयाल
28-ए, शिवपुरी विस्तार, कृष्ण नगर, दिल्ली-110051
शिंदे का बयान घोर आपत्तिजनक है। उन्होंने यह बयान कांग्रेसी करतूतों से जनता का ध्यान हटाने के लिए दिया है। निरन्तर हो रहे घोटालों से कांग्रेस बदनाम हो रही है। कांग्रेस का जन-सरोकारों से नाता कभी नहीं रहा। वह चुनाव जीतने के लिए देश को साम्प्रदायिकता के चश्मे से देखती है। यह कहना शायद कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि 'कांग्रेस का हाथ, कट्टरवादियों के साथ है।'
–अमित कुमार त्रेहन
653, गली सं. 3, नेहरू कालोनी
मजीठा रोड, अमृतसर-143001 (पंजाब)
कांग्रेसी कुशासन से जनता पहले से ही परेशान है। अब शिंदे के बयान ने लोगों को अपमानित भी किया है। कांग्रेस परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे। राहुल गांधी पहले भी बेअसर रहे हैं, आगे भी रहेंगे।
–सत्यपाल बंसल
ए-47, गुरुनानक कालोनी
संगरूर-148001 (पंजाब)
शिंदे के बेबुनियाद बयान से न केवल एक समग्र सनातन संस्कृति का अपमान हुआ है, बल्कि पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को भी बल मिला है। यदि सरकार के पास भाजपा और संघ के खिलाफ कोई प्रमाण है तो अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? कांग्रेस का यह स्वभाव है कि वह अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए भावनात्मक मुद्दों के सहारे लोगों को भ्रमित करती है। पंथनिरपेक्षता के नाम पर पाखण्ड रचकर कांग्रेस जो नीति चलाती है, उससे देश की सनातन संस्कृति पर प्रहार ही होता है।
–मनोहर 'मंजुल'
पिपल्या–बुजुर्ग, प. निमाड़-451225 (म.प्र.)
चाहे सुशील कुमार शिंदे हों या दिग्विजय सिंह या फिर राहुल गांधी- ये सब तथाकथित 'हिन्दू आतंकवाद' का हौवा खड़ा कर रहे हैं। जिन जिहादियों ने कश्मीर घाटी को हिन्दूविहीन किया; अयोध्या, जम्मू, वाराणसी, अमदाबाद के प्रसिद्ध मन्दिरों पर हमला किया, दिल्ली, मुम्बई, जयपुर आदि नगरों में बम विस्फोट किए, उनके खिलाफ तो इन कांग्रेसियों ने कभी एक शब्द भी नहीं कहा। जिहादी आतंकवाद इन्हें सबसे बड़ा खतरा क्यों महसूस नहीं होता है?
–आर.के. गुप्ता
बी-1238, शास्त्री नगर, दिल्ली-110052
शिंदे का 'बेसुरा राग' उसी मनोवृत्ति का परिचायक है जो गृहमंत्री रहते चिदम्बरम ने गाया था। अगर शिंदे या दूसरे कांग्रेसी यह सोचते हैं कि इससे मुस्लिम वोट उनकी झोली में आ गिरेंगे तो वे अपनी अल्पज्ञता का ही परिचय दे रहे हैं, क्योंकि मुस्लिम वोटों की सौदागर केवल कांग्रेस ही नहीं रह गई है, कई और दल भी मुस्लिम वोट पर लार टपका रहे हैं।
–अरुण मित्र
324, राम नगर, दिल्ली-110051
हिन्दू यदि उदारता का पोषक न होकर, कट्टरवादी होता तो न मुम्बई पर हमला होता, न ही पाकिस्तान इतना दु:स्साहस कर पाता कि हमारे सैनिकों का निर्ममता से सिर काट सके। गृहमंत्री शिन्दे ने हिन्दू के साथ आतंकवाद शब्द जोड़कर पूरे समाज और संस्कृति का घोर अपमान किया है। संप्रग सरकार वोट बैंक के लालच में मुस्लिमों को रिझाने के लिए राष्ट्रद्रोहियों के प्रति कठोर नहीं है तथा मनमाने, निकृष्ट वक्तव्य देकर आतंकवाद को प्रोत्साहित कर रही है।
–धर्मेन्द्र गोयल
59, बीच पट्टी, पिलखुवा
हापुड़-245304 (उ.प्र.)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करोड़ों स्वयंसेवक हैं। इनमें से बहुत से स्वयंसेवक बिना किसी व्यक्तिगत लाभ और दुर्भावना के अनेक कार्य करते हैं, जिनसे समाज का भला हो रहा है। ऐसे संगठन को बदनाम करना कांग्रेस की पुरानी नीति रही है। पर कांग्रेस कभी भी संघ के विरुद्ध कोई सबूत सामने नहीं ला सकी है। इसका अर्थ तो यही है कि कांग्रेस की मंशा ठीक नहीं है।
–सुहासिनी प्रमोद वालसंगकर
द्वारकापुरम, दिलसुखनगर
हैदराबाद-60 (आं.प्र.)
संप्रग सरकार हिन्दू समाज को बदनाम करने के लिए प्रयासरत है। इसलिए वह कभी अनर्गल प्रलाप करती है तो कभी झूठे आरोपों के आधार पर संतों-संन्यासियों को पकड़कर जेल में बन्द करती है। आतंकवाद के नाम पर अब तक जिन हिन्दुओं और संतों-साध्वियों को पकड़ा गया है, उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। फिर भी उन्हें जेल में बन्द रखा जा रहा है।
–पवन कुमार जैन
किशन बाग कालोनी, संगरूर (पंजाब)
'भगवा आतंकवाद' शब्द का प्रयोग अपने पूर्वजों को गाली देने के समतुल्य है। भगवा हमारी राष्ट्रीयता का प्रतीक है। महाभारत में अर्जुन के रथ पर 'भगवा ध्वज' था। शिवाजी महाराज का ध्वज भी 'भगवा' ही था। समर्थ गुरु रामदास भी भगवा वस्त्रधारी थे। भगवा देश एवं समाज के प्रति समर्पण का प्रतीक है। भगवा रंग हमारे राष्ट्रध्वज में सबसे ऊपरी भाग में रखा गया है। भगवा धारण कर देश के हजारों-हजार लोगों ने अपने को धर्म एवं देश के लिए न्योछावर कर दिया था।
–हरिश्चन्द्र साहू
चट्टी रोड, बेगूसराय (बिहार)
गृहमंत्री को जब संघ की विचारधारा एवं कार्यशैली की जानकारी ही नहीं है तो उन पर दया ही की जा सकती है। छद्म सेकुलरवादियों ने जिस तरह 'भगवा आतंकवाद' का जुमला गढ़ा है, अगर बाबा साहब अम्बेडकर जीवित होते तो इनकी बोलती बन्द रहती। बाबा साहब भगवा के प्रति अपार श्रद्धा रखते थे। उन्होंने महाराष्ट्र के मराठा नेताओं को सलाह दी थी कि वे भगवा रंग के राष्ट्रीय ध्वज के लिए आन्दोलन करें, वे उनकी आवाज को बल देंगे।
–क्षत्रिय देवलाल
उज्जैन कुटीर, अड्डी बंगला, झुमरी तलैया कोडरमा-825409 (झारखण्ड)
विभिन्न मंत्रालयों में नकारा साबित होने के बाद शिंदे को गृहमंत्री बनाया गया। यहां भी उन्होंने सरकार की फजीहत ही कराई है। वे बिना सोचे-समझे कुछ भी बोल रहे हैं। उनके वक्तव्य का लाभ हाफिज सईद जैसा कुख्यात आतंकवादी उठा रहा है। ऐसे व्यक्ति को गृहमंत्री के पद पर रखना देशहित में नहीं है। उन्हें तुरन्त पद-मुक्त किया जाना चाहिए।
–राम सहाय जोशी
28, अहलूवालिया बिल्डिंग
अंबाला छावनी (हरियाणा)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और इसके अनेक समविचारी संगठन भारत को परम वैभव तक पहुंचाने और पुन: विश्व गुरु बनाने के लिए दिन-रात लगे हैं। संघ के शिविरों में महात्मा गांधी, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, डा.अम्बेडकर जैसे लोग भी पहुंच चुके हैं। तो फिर इन संघ शिविरों पर सन्देह क्यों? संघ की अनुशासित एवं श्रेष्ठ विशेषताओं को देखते हुए अनेक कांग्रेसी नेताओं ने कई बार कांग्रेस सेवा दल को संघ की तर्ज पर शाखा लगाने व कार्य करने की सलाह दी है। इसलिए राष्ट्रहित में संघ के खिलाफ कांग्रेसियों को अपना विलाप बन्द कर देना चाहिए।
–डा. सुशील गुप्ता
शालीमार बाग गार्डन कालोनी
बेहट बस स्टैण्ड, सहारनपुर (उ.प्र.)
कांग्रेस अभी भी उस खतरनाक खेल में जुटी है जिसका खामियाजा उसने गुजरात में एक नहीं दो बार भुगता है। नरेन्द्र मोदी को 'मौत का सौदागर' बताकर जो गलती सोनिया ने 2007-08 में की थी, उसी पर 'शिंदे एण्ड कंपनी' आकर टिक गयी है। वे भूल गये हैं कि देश के गृहमंत्री के नाते देश की जवाबदेही उनके ऊपर है और उनके बयान से देश की एकता-अखण्डता को खतरा हो सकता है। भारत की विश्वसनीयता समाप्त हो सकती है। अलगाववाद को परवान चढ़ाकर वोट बटोरना अलग बात है, पर देश की कीमत पर ऐसा करना राष्ट्रघाती सिद्ध होगा। सवाल उठता है कि यदि कांग्रेस आतंकवाद को लेकर वास्तव में गंभीर है तो उसने पोटा कानून को समाप्त कर उसे साम्प्रदायिक बताने की कोशिश क्यों की? यदि केन्द्र सरकार के पास कोई सबूत है तो उसे न्यायालय में पेश करने की बजाय चुनावी मुद्दा बनाकर वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए क्यों इस्तेमाल कर रही हे?
–भरतचंद्र नायक
ए-58, ई-6, अरेरा कालोनी
भोपाल (म.प्र.)
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