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एक मौलवी की कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा रात के अंधेरे में लूट के इरादे से की गई हत्या की आड़ में प. बंगाल के आक्रामक मुस्लिम समुदाय ने जमकर उत्पात मचाया। पर राष्ट्रीय स्तर पर कोई खबर नहीं बनी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उनकी राज्य सरकार व केन्द्र सरकार सहित किसी भी सेकुलरवादी के पेट का पानी तक नहीं हिला। पीड़ित हिन्दुओं के आंसू पोंछने को किसी के हाथ नहीं बढ़े। क्योंकि पीड़ित हिन्दू थे और हमलावर मुस्लिम।
घटनाक्रम के अनुसार 18-19 फरवरी की रात जामतल्ला में आयोजित एक मजहबी आयोजन में शामिल होकर वापस अपने गांव बसंती लौट रहे मौलवी रऊफ कुद्दूस पर कुछ अज्ञात लोगों ने गोली चला दी। वे मोटरसाइकिल पर सवार थे और उन पर अंधेरे से फायर किया गया था। उनका मोटरसाइकिल चालक सहयोगी उन्हें वहीं छोड़कर पैदल भाग गया। 19 फरवरी की प्रात: 5 बजे मौलवी का शव सड़क पर पड़ा मिला, जिसे एक बस चालक ने देखा और केनिंग पुलिस स्टेशन पहुंचकर इसकी सूचना दी, पर पुलिस लापरवाह बनी रही। इस बीच उस मौलवी के साथी ने जब अपने वर्ग के लोगों को सूचना दी तो सुबह होने के साथ ही बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पर जमा होने लगे। तब दो पुलिसकर्मियों को वहां से शव हटाने के लिए भेजा गया, तब तक भीड़ का आक्रोश बढ़ चुका था। इस बीच अफवाह फैल गयी कि निकटवर्ती गांव नालीखली के हिन्दुओं ने ही मौलवी की हत्या की। बस, आक्रोशित भीड़ उन्मादी हो गयी और उसने सुबह 10 बजे नालीखली गांव पर धावा बोल दिया। विश्वजीत सरकार के दो मंजिला घर को आग के हवाले कर दिया, बम और पेट्रोल बम से अन्य घरों को जलाने लगे, जो मिला उसे पीटा। घर जलाने से पहले घरों की नगदी, आभूषण, बर्तन और चावल तक लूटकर ले गए। बेकसूर और निरपराध गांव वाले समझ ही नहीं पाए कि उन्हें किस बात की सजा मिली। गांव वालों का कहना है कि यदि पुलिस ने तत्परता और सख्ती दिखाई होती तो ये बर्बरता न होती। पर पुलिस तो उपद्रवियों के सामने घुटने टेक चुकी थी, मूकदर्शक बनी हुई थी।
उपद्रवियों का उन्माद यहीं तक नहीं रुका। कोलकाता तक से इस वर्ग विशेष के लोग गांवों पर हमला करने के लिए आने लगे। हावड़ा-केनिंग रेल मार्ग बाधित किया, सड़क पर कब्जा कर लिया और मीडियाकर्मियों को भी घटनास्थल तक नहीं जाने दिया। इस बीच यह उपद्रव दक्षिण 24 परगना जिले के केनिंग उपखण्ड के बसंती, जोयनगर, कुल्ताली, हीरोभंगा, गोलाद्वारा में भी फैल गया। प्रियार मोड़ पर स्थित शंकर घोष की मिठाई और स्टेशनरी की दुकान जली तो गोपालपुर के प्रशांत अधिकारी की बुलेरो कार को जला दिया गया। कुल मिलाकर 200 से अधिक घरों को लूटा गया, जलाया गया, 50 से अधिक लोगों को पीट-पीट कर घायल कर दिया गया, अनपू सवादार सहित अनेक पुलिसकर्मी भी घायल हुए, 5 महिलाओं की अस्मत से खिलवाड़ हुआ, अनेक गांवों से पलायन हुआ। अब इस क्षेत्र का हिन्दू समाज भयभीत है। रा.स्व. संघ के प्रांत कार्यवाह डा. तिलक राज बेरा ने वक्तव्य जारी कर हद से बढ़ती जा रही मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति को इसके लिए जिम्मेदार बताया है तो हिन्दू रक्षा वाहिनी के तपन घोष ने वहां पहुंच कर पीड़ितों की सहायता का अभियान शुरू किया है। बाद में जिले के प्रशासनिक अधिकारी चेते तो सशस्त्र बल तैनात हुआ और हिंसा रुकी। पर इस हिंसा की जांच के लिए जो दल ममता ने गठित किया उसमें सब मुस्लिम ही हैं। इसी नीति का नाम है- तुष्टीकरण।
थ् रा.स्व.संघ के प्रांत कार्यवाह तिलकराज बेरा ने कहा– मुस्लिम तुष्टीकरण इसके लिए जिम्मेदार
थ् विश्व हिन्दू परिषद् के प्रांत संगठन मंत्री डा. शचीन्द्र नाथ सिंघा, मीडिया प्रभारी श्री कृषानु मित्रा, भाजपा के तथागत राय ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, सहायता के उपाय किए
थ् दिल्ली में विश्व हिन्दू परिषद् ने प्रदर्शन कर जताया रोष
लेकिन ममता ने यह किया
ममता द्वारा जांच के लिए घटनास्थल पर भेजे गए दल में थे- शहरी विकास मंत्री फरहाद हाकिम, समुद्री यातायात मंत्री मोहम्मद सूफी, अल्पसंख्यक मंत्री ग्यासुद्दीन मुल्ला, अग्निशमन मंत्री जावेद खान, सहकारिता मंत्री हैदर अजीत शैफी और दक्षिण 24 परगना जिला पंचायत के प्रमुख अबू ताहिर- इसे सरकारी कहें या मुस्लिम प्रतिनिधिमण्डल
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