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80 के दशक में स्वदेश (रायपुर) से अपना पत्रकार जीवन शुरू करने वाले श्री बल्देव भाई शर्मा 90 के दशक में रायपुर से दिल्ली स्थानांतरित होने के बाद पाञ्चजन्य सम्पादकीय विभाग से जुड़े। तब करीब 3 वर्ष तक पाञ्चजन्य में अपनी सेवाएं देने के बाद उन्होंने दैनिक भास्कर और अमर उजाला जैसे दैनिक पत्रों को अपनी सेवाएं दीं।
अगस्त, 2008 में वे पुन: पाञ्चजन्य से सम्पादक के नाते जुड़े। संयमित, अनुशासित व्यवहार और मुद्दों की पैनी पकड़ के साथ ही सम्पादकीय सहयोगियों से अग्रज-सा व्यवहार उन्हें सबकी प्रशंसा का पात्र बनाता गया। साढ़े चार वर्ष सम्पादक के नाते कार्य करने के बाद बल्देव भाई सेवानिवृत्त हुए। बल्देव भाई ने सम्पादक के नाते अपनी विद्वता से पत्र को नई ऊंचाइयां प्रदान कीं। पाञ्चजन्य के पाठकों और सहयोगियों को उनकी कमी नि:संदेह खलती रहेगी।
बल्देव भाई के सेवानिवृत्त होने के बाद श्री हितेश शंकर पाञ्चजन्य के सम्पादक बने हैं। श्री शंकर इससे पूर्व दैनिक जागरण, इंडिया टुडे और दैनिक हिन्दुस्तान जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों को अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
श्री हितेश शंकर की पहचान संतुलित दृष्टिकोण वाले ऐसे राष्ट्रवादी पत्रकार के तौर पर है जिसे इस पेशे की बारीकियां मालूम हैं। दमदार लेखनी, प्रभावी समझ और मिलनसार स्वभाव, ये कुछ ऐसे गुण हैं जिनके बूते इस युवा पत्रकार ने दैनिक हिन्दुस्तान के विभिन्न संस्करणों को जमाने और बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। दैनिक हिन्दुस्तान को नए रंग-रूप में लाने वाली टोली के साथ काम कर चुके श्री हितेश शंकर डिजाइन की बारीकियां समझते हैं और चित्रकार भी हैं।
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