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देश के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थान आई.आई.टी., रुड़की में इन दिनों छात्रों को संस्कृत में बातचीत करते हुए देखा जा सकता है। साथ ही यहां के कुछ प्राध्यापक भी संस्कृत को बोलचाल का माध्यम बनाए हुए हैं। यह संभव हो सका है संस्कृत भारती के लगातार हो रहे प्रयासों से।
संस्कृत भारती, मेरठ प्रांत के संगठन मंत्री श्री नरेन्द्र पांडेय ने बताया कि जुलाई, 2012 से इस संस्थान में हर शनिवार संस्कृत की कक्षाएं लग रही हैं, जिसके चलते संस्थान के छात्र संस्कृत सीख रहे हैं। इन कक्षाओं का प्रभाव यह हुआ है कि छात्र संस्कृत में ही बातचीत करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने बताया कि डेढ़ घंटे की संस्कृत की इस कक्षा में प्रारम्भ में 25-30 विद्यार्थी आते थे, जिनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। श्री पांडेय ने कहा कि पिछले दिनों संस्थान के एक प्राध्यापक डा. अनिल गौरी शेट्टी, जोकि संस्कृत भारती से जुड़े हुए हैं, के घर उनके बेटे के जन्मदिवस का आयोजन हुआ, जिसमें संस्कृत कक्षा में आने वाले छात्र भी सम्मिलित हुए। डा. शेट्टी एवं सभी विद्यार्थियों ने वहां संस्कृत में ही वार्तालाप की, साथ ही संस्कृत में गीत का गायन भी किया। डा. शेट्टी का तो पूरा परिवार ही आपस में संस्कृत में बातचीत करता है।
अजय मित्तल
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