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'स्वामी विवेकानंद ने विश्वभर में भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया एवं भारत को गुलामी की मानसिकता से उबारकर समाज में परिवर्तन का संचार किया। स्वामीजी के राष्ट्र के पुनरुत्थान के उद्देश्य को पूर्ण करने का काम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कर रहा है। क्योंकि दोनों का विचार एक ही है।' यह कहना है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी का। वे गत 10 फरवरी को रा.स्व.संघ द्वारा देहरादून (उत्तराखंड) में आयोजित 'संघ संगम' को संबोधित कर रहे थे।
श्री सोनी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भारत को विश्व में एक अलग पहचान दिलाकर विश्वगुरु की श्रेणी में अंकित करा दिया। उस महान संन्यासी के कार्यों को हम जितना आगे बढ़ाएंगे उतना ही हमारे राष्ट्र को मजबूती मिलेगी। अंग्रेजी शासनकाल व ईसाइयों के प्रभुत्व के समय स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में अज्ञात व्यक्ति के रूप में अपने शब्दों से लोगों के मन को छू लिया। यहीं नहीं वे क्षण भर में विश्व विजेता भी बन गए।
श्री सोनी ने कहा कि हमें पाश्चात्य सभ्यता की नकल नहीं करनी है, क्योंकि
इससे
उपभोग पर नियंत्रण रखना मुश्किल हो जाएगा, जिससे हमारे खर्च में बढ़ोत्तरी होगी। हमें भारतीय संस्कृति का रक्षक बनते हुए अपने समाज के उत्थान हेतु कार्य करना है तभी हम अमरीका जैसे देशों को पीछे छोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि मतांतरण, लव-जिहाद के चलते सांस्कृतिक मूल्यों पर संकट खड़ा हो गया है, लेकिन इसका समाधान केवल प्रतिकार नहीं, बल्कि विचार व मानसिकता में बदलाव लाने से होगा।
इस अवसर पर रा.स्व.संघ के क्षेत्र प्रचारक श्री शिवप्रकाश, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख श्री किशन, प्रांत प्रचारक डा. हरीश, प्रांत कार्यवाह श्री शशिकांत दीक्षित, सह प्रांत कार्यवाह श्री लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल सहित बड़ी संख्या में गणवेशधारी स्वयंसेवक उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार
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