युवा बदलेंगे भारत की तकदीर
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'श्रीराम कालेज ऑफ कॉमर्स' में नरेन्द्र मोदी को अपने बीच पाकर उमड़ा छात्रों का उत्साह
– नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री, गुजरात
पिछले कई दिनों से मीडिया की सुर्खियां बने हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी, जोकि लगातार चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं, ने युवाओं को भारत की तकदीर बदलने वाला करार दिया है। उन्होंने कहा कि विकास की ऊंची उड़ान और युवा ही भारत की तकदीर बदलेंगे। वे गत 6 फरवरी को नई दिल्ली में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध श्रीराम कालेज ऑफ कॉमर्स में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। करीब 45 मिनट के उद्बोधन में श्री मोदी ने युवाओं की जमकर तारीफ की एवं देश की तरक्की में युवाओं की आवश्यकता को रेखांकित किया। कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के करीब 2 हजार छात्रों एवं शिक्षकों ने भाग लिया। मोदी के प्रति छात्रों का उत्साह देखकर लग रहा था कि युवा शक्ति पूरी तरह मोदी के साथ है।
श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सभी समस्याओं का समाधान सिर्फ विकास है। राजनीतिक दल भले ही युवाओं को 'न्यू ऐज वोटर' मानते हों, लेकिन युवा 'न्यू ऐज पावर' हैं। इन्हीं युवाओं की बदौलत आज दुनिया में भारत की धाक जमी है। यही युवा 21वीं सदी को भारत की सदी बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुशासन के साथ युवा वर्ग देश को दोबारा विश्वगुरु के पद पर बैठा सकता है।
श्री मोदी ने कहा कि इस देश को कोई सपेरों का देश नहीं कह सकता। हमारे युवा 'माउस' से दुनिया जीत रहे हैं। उन्होंने युवाओं से कहा कि आशावादी बनें। न कहें आधा गिलास खाली है, कहें आधा गिलास पानी और आधा हवा से भरा है। श्री मोदी ने कहा कि देश को आजादी के 60 साल बाद भी 'सुराज' का इंतजार है।
गुजरात की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दिल्ली गुजरात से आया दूध पीती है। सिंगापुर में भी दूध गुजरात से ही जाता है। पूरा यूरोप गुजरात से भेजी भिंडी खा रहा है। पूरा देश गुजरात में बना नमक इस्तेमाल करता है। अफगानिस्तान के बाजार में गुजरात के टमाटर छाए हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात दुनिया का पहला राज्य है जहां फोरेंसिक साइंस विश्वविद्यालय है। श्री मोदी के उद्बोधन को उपस्थित लोगों ने पूरी तन्मयता से सुना। छात्र और शिक्षक उद्बोधन से इतना प्रभावित हुए कि अंत में सभी ने खड़े होकर श्री नरेन्द्र मोदी का देर तक तालियां बजाकर अभिवादन किया।सिसोदिया
'पाकिस्तान में अल्पसंख्यक' पर भारत नीति प्रतिष्ठान की संगोष्ठी
पाकिस्तान में हिन्दुओं की दुर्दशा के लिये भारत सरकार जिम्मेदार
-राजनाथ सिंह
राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी
भारत नीति प्रतिष्ठान के तत्वावधान में गत 2 फरवरी को नई दिल्ली में 'पाकिस्तान में अल्पसंख्यक' विषय पर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एक हस्तक्षेप पत्र का लोकार्पण भी हुआ। कार्यक्रम को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह, फ्रांसीसी पत्रकार सुश्री एने इसाबेल टोलेट और उर्दू के वरिष्ठ पत्रकार श्री फैजल अली ने संबोधित किया।
श्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान का गठन सम्प्रदाय के आधार पर किया गया था, ऐसा मानकर कि हिन्दुओं और मुसलमानों का साथ रहना मुश्किल है। पाकिस्तान उसका खामियाजा भुगत रहा है। विभाजन के समय भारत में मुसलमानों की संख्या करीब सात से आठ प्रतिशत के आसपास थी जोकि अब तकरीबन 14 प्रतिशत है। जबकि पाकिस्तान में हिन्दुओं की संख्या लगभग 24-28 प्रतिशत के आसपास थी जोकि अब लगभग 2 प्रतिशत के आसपास है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पाकिस्तान का निर्माण केवल भौगोलिक बंटवारा नहीं था, बल्कि भारत का सांस्कृतिक बंटवारा भी था।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अब पूरी तरह से पाकिस्तान का चरित्र सामने आ गया है, वहां हिन्दुओं का सफाया ही नहीं किया जा रहा, बल्कि सुन्नी समुदाय ने शिया और अहमदिया संप्रदाय के लोगों को भी निशाना बनाया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की बिगड़ती परिस्थितियां न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक खतरा है। इसको अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में समझने की जरूरत है।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति को रेखांकित करते हुए सुश्री एने इसाबेल ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति इतनी बदतर है कि अल्पसंख्यक बहुसंख्यकों के कुएं से यदि पानी भी पीते हैं तो उन पर 'ईश निंदा' का आरोप लगाकर उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। पाकिस्तान में 'ईशनिंदा' कानून का दुरुपयोग जारी है।
श्री फैजल अली ने कहा कि पाकिस्तान में मनीषा कुमारी, रिंकल कुमारी और हफीजा जैसी अनगिनत घटनाएं हैं। पाकिस्तान की व्यवस्था सड़ गई है। पाकिस्तानी समाज इतना असहिष्णु है कि वहां जीवित रहना ही मुश्किल है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुये भारत नीति प्रतिष्ठान के मानद निदेशक प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा कि भारत में सभ्यता, संस्कृति और राष्ट्र एक साथ कार्य करते हैं। हिन्दू संस्कृति किसी मत-पंथ के खिलाफ नहीं है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में राजधानी दिल्ली के प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे
एकल अभियान का प्रभाव
किसानों ने जीती पानी की जंग
सूचना के अधिकार का उपयोग कर खेतों तक पहुंचाया पानी
हनुमानजी को श्राप मिला था कि वे अपनी शक्तियों का उपयोग तभी कर पायेंगे जब कोई उन्हें उनकी याद दिलायेगा। देश के आम आदमी की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। सरकार ने अधिकारों के रूप में जो शक्तियां उन्हें सौंपी हैं, न तो उन्हें इसकी सही जानकारी है और न ही उपयोग करने की समझ। यानी वे अपने अधिकारों का उपयोग भी तब ही कर पाते हैं जब कोई उन्हें बताने वाला हो, अन्यथा छोटी-छोटी समस्याएं भी यक्ष प्रश्न की तरह वर्षों-वर्ष बनी रहती हैं। जानकारी हो तो कभी-कभी वर्षों की समस्याएं घंटांे में सुलझ जाती हैं। ऐसा ही कुछ मध्य प्रदेश के देवली, सिंगत, हरथल व जम्बूपाड़ा के किसानों के साथ हुआ, जिन्होंने एकल अभियान के कार्यकर्ताओं के सहयोग से सूचना के अधिकार के तहत अपनी लड़ाई लड़ी व पांच वर्ष से पानी के लिये तरस रहे खेतों का संकट सदा के लिये खत्म कर दिया। इन गांवों की खेती उन नहरों के पानी से लहलहा रही है जिन तक पानी लाने लिये यहां के लोगों ने प्रशासन से संगठित लड़ाई लड़ी।
रतलाम की रावटी तहसील की जम्बरताकड़ी नदी पर बने ढोलावड़ बांध से कई गांवों को पानी मिलता है। सिंचाई विभाग द्वारा बांध के समीप के सभी गांवों में पानी के लिये नहरें खोदी गई थीं। किंतु देवली, हरथल, मेदुलीखली, सिंगत समेत आठ गांव ऐसे थे जहां नहरें तो खोदी गई थीं पर वहां बांध से पानी नहीं छोड़ा गया था। जम्बूपाड़ा के ग्रामप्रमुख श्री मुन्नालाल गामड़ ने कहा कि 2002 में खोदी गई नहरों में पांच वर्षों तक पानी नहीं छोड़ा गया। कई बार सिंचाई विभाग में आवेदन दिये परंतु कोई लाभ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि जिन समस्याओं के कारण किसान कई सालों से जूझ रहे थे उनमें से अधिकांश एकल विद्यालय खुलने के एक वर्ष के भीतर ही हल हो गईं।
रतलाम जिले के एकल अभियान प्रमुख श्री जितेन्द्र डोडियाल बताते हैं कि सन 2006 में रावटी तहसील के जिन गांवों को सर्वेक्षण के पश्चात एकल विद्यालय के लिये चुना गया उनमें जाम्बूपाड़ा, देवली, हरथल व मेदुलीखली भी शामिल थे। इन सभी गांवों में खेती ही मुख्य रोजगार का साधन है। एकल विद्यालय खुलने के बाद ग्राम समिति की पहली बैठक में ही किसानों ने खेतों के लिये पानी का विषय उठाया। बैठक में क्षेत्र जागरण प्रमुख श्री भैरो सिंह निनामा भी शामिल थे, जोकि देवली के ही रहने वाले हैं। श्री भैरो सिंह ने वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से संपर्क कर इस विषय पर एक संगठित प्रयास करने का फैसला लिया। उन्होंने ग्राम प्रमुख श्री लोणा गामण के साथ मिलकर सभी आठ गांवों के लोगों के हस्ताक्षर के साथ सूचना के अधिकार के तहत तहसील कार्यालय में आवेदन कर पूछा कि पांच वर्षों में ढोलावड़ बांध का पानी नहरों तक क्यों नहीं पहुंचा। इतना ही नहीं लगभग 200 ग्रामीणों को साथ लेकर तत्कालीन जिला अधिकारी श्री मनोज जालानी को इस निमित्त ज्ञापन भी सौंपा। इसे सूचना के अधिकार का प्रभाव कहें या संगठित ग्रामशक्ति का प्रभाव। आवेदन देने के आठ दिन के भीतर सभी नहरों में पानी छोड़ दिया लक्ष्मी सिंह
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