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'रामलला अब तिरपाल के मंदिर में नहीं रहेंगे। उस कपड़े के भी चिथड़े हो गये हैं, उस पर कोई टिन की चादर भी नहीं लगाई जा सकती क्योंकि ऐसा आदेश है। यह हिन्दू समाज का घोर अपमान है'। उक्त बात विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक श्री अशोक सिंहल ने गत 28 जनवरी को नई दिल्ली में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुये कही।
पत्रकारों को संबोधित करते हुये श्री सिंहल ने कहा कि हिन्दुस्थान को सही ढंग से समझने के लिये कुंभ को भी समझना होगा। कुंभ का अपना प्रभाव है, गंगा का भी प्रभाव है। कुंभ से जो भी विषय निकलता है उसे सफलता जरूर मिलती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान महाकुंभ का प्रधान विषय रामलला को कपड़े के मंदिर से मुक्त कर उनके गौरव के अनुरूप 70 एकड़ परिसर में विशाल मंदिर का निर्माण करना है। श्रीराम जन्मभूमि का विषय अब न्यायालय के निर्णय पर नहीं छोड़ा जा सकता, इसका निर्णय अतिशीघ्र भारतीय संसद को ही लेना पड़ेगा। इसके लिए संतों ने पहले ही मंदिर निर्माण के लिए महाजागरण अनुष्ठान का निर्णय लिया है। विजय महामंत्र (श्रीराम जय राम जय जय राम) के जप का विधान भारत के सभी गांवों में एक महीने की अवधि तक चलाया जायेगा।
श्री सिंहल ने कहा कि महाकुंभ के अवसर पर आगामी 6 फरवरी को विहिप के केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल की बैठक होगी, जिसमें सभी दृष्टि से आगामी कार्ययोजना को अन्तिम रूप दिया जायेगा। 7 फरवरी को धर्मसंसद एवं सन्त महासम्मेलन ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य वासुदेवानन्द सरस्वती महाराज के शिविर के स्थान पर होगा, जहां सभी संत महाजागरण के स्वरूप और अपने संकल्प आदि पर विचार प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा कि आज हिन्दू समाज के समक्ष अनेक ज्वलंत चुनौतियां हैं। यथा- गोहत्या, गंगा की बदहाल स्थिति, हिन्दुओं की घटती जनसंख्या, मतान्तरण, सुरक्षा आदि। ऐसी स्थिति में संत समाज चुप नहीं बैठ सकता इसलिए इन सभी विषयों को लेकर संत जन-जन को जाग्रत करने के महाजागरण अभियान पर निकलेंगे। श्री सिंहल ने कहा कि हमारे संत तो धार्मिक प्रवचन और साधना के महान कार्य में लगे हैं, लेकिन कांग्रेस के विचार मंथन से हिन्दू और भगवा आतंकवाद का गृहमंत्री सुशील कुमार शिन्दे द्वारा जो राग अलापा गया है, यह हिन्दू समाज का घोर अपमान है। इसके लिये उन्हें पूरे हिन्दू समाज से माफी मांगनी चाहिए। प्रेस वार्ता में श्री अशोक सिंहल के साथ विहिप के प्रवक्ता श्री प्रकाश शर्मा एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ओमप्रकाश सिंहल भी उपस्थित थे। प्रतिनिधि
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