कैसे बिताते हैं पशु-पक्षी सर्दियां?इनको भी लगता है जाड़ा-शिवचरण चौहान
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

कैसे बिताते हैं पशु-पक्षी सर्दियां?इनको भी लगता है जाड़ा-शिवचरण चौहान

by
Jan 5, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 05 Jan 2013 16:17:01

प्रिय बच्चो!

तेज बफर्ीली हवाएं, कड़ाके की ठण्ड में तुम तो कोट, पैन्ट, स्वेटर, टोपे, मोजे दस्तानों से अपने को ढके रहते हो। रजाई-कम्बल में घुसे रहते हो। आग तापते हो, हीटर या वातानुकूलित कमरों में आराम फरमाते रहते हो। चाय काफी पीते रहते हो। पर क्या तुम्हें मालूम है कि इस कड़ाके की सर्दी में पशु-पक्षी, कीट अपनी रक्षा कैसे करते हैं? अगर तुम्हें विज्ञान में रुचि है तो तुम्हें मालूम होगा कि मेढक, सांप, कछुए, छिपकली, बीम, केंचुए, कुछ मछलियां, जमीन के अन्दर घुसकर शीत निन्द्रा में चली जाती हैं और सर्दियां खत्म होने पर इनकी नींद खुलती है। केंचुआ 5-7 फुट जमीन के नीचे जाकर सोता है। काला भालू भी गुफा में जाड़े भर सोता रहता है। शीत निन्द्रा लेने से पहले ये जीव भर पेट खा-पी लेते हैं और शरीर में वसा जमा कर लेते हैं। इसी तरह कीट पेड़ों की छालों के नीचे तथा छिपकलियां मकान की दराजों में जाकर सो जाती हैं। वैज्ञानिक भाषा में इस क्रिया को 'हाइबरनेशन' कहा जाता है।

कुछ पक्षी तो सर्दियों से अनुकूलन करके सर्दी में बने रहते हैं किन्तु कुछ पक्षी अधिक सर्दी वाले इलाकों से उड़कर कम शीत वाले क्षेत्रों में आ जाते हैं। इनमें खंजन, कोयल, साइबेरियन सारस, जांघिल आदि हजारों मील से उड़कर भारत आते हैं। उत्तरी ध्रुव में पाई जाने वाली चिड़िया आर्कटिक टर्न तो शीत शुरू होते ही उड़ चलती है और आधी पृथ्वी पार कर दक्षिण ध्रुव में रहती है। चमगादड़, कैरिबू भी कम सर्दी वाले प्रदेशों में चले जाते हैं। उत्तरी अमरीका में पाई जाने वाली कुछ तितलियां तो उड़कर मैक्सिको चली जाती हैं। कुछ पक्षी अपने खून को जाड़ों में गर्म व सर्दियों में ठण्डा करके मौसम की मार से बचते हैं। इनके पंजों के रोएं व बाल भी इन्हें सर्दी से बचाते हैं। इसे उत्प्रवास (माइग्रेशन) तथा अनुकूलन (एडाप्टेशन) कहते हैं। छछूंदर, ऊदबिलाव, खरगोश आदि बिलों में अपने खाने का पर्याप्त सामान जमाकर सर्दियों भर दुबके रहते हैं। भेंड़ों, बकरियों के लम्बे घने बाल उनके लिए कम्बल का काम करते हैं तो कुत्ते, लोमड़ियां तथा बन्दर ठिठुरते रहते हैं। सियार- हुआ-हुआ, लोमड़ी- खो-खो-खो-खो तथा कुत्ते- कूं कूं कर शीत की रात बिताते हैं। हरदम धमाचौकड़ी मचाने वाली गिलहरी अपने गुदड़नुमा घोंसले में दुबकी रहती है और धूप निकलने पर धूप सेंकने बाहर निकलती है। पेड़-पौधों व फूलों को भी सर्दी लगती है। पाला या बर्फ पड़ने पर पौधे सूख जाते हैं व फूल मुरझाने लगते हैं। शिवचरण चौहान

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप को नसों की बीमारी, अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों में आने लगी सूजन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies