स्वामी विवेकानंद सार्धशती समारोह समिति के 'संवर्धिनी' आयाम की राष्ट्रीय कार्यशाला
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स्वामी विवेकानंद सार्धशती समारोह समिति के 'संवर्धिनी' आयाम की राष्ट्रीय कार्यशाला
संगीता सचदेव
स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में वर्ष 2013 में देशभर में स्वामी विवेकानंद सार्धशती समारोह समिति के तत्वावधान में विभिन्न कार्यक्रम सम्पन्न होंगे। कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए समिति द्वारा 5 आयाम बनाए गए हैं। जिनमें से 'संवर्धिनी' भी एक आयाम है। संवर्धिनी के अंतर्गत महिलाओं से संबंधित कार्यक्रम होंगे। संवर्धिनी आयाम की गत 15-16 दिसंबर को नागपुर में कार्यशाला सम्पन्न हुई। जिसमें आयाम के अंतर्गत वर्षभर होने वाले कार्यक्रमों की विस्तार से चर्चा की गई। कार्यशाला में देशभर के विभिन्न प्रांतों की 91 बहनें तथा 'संवर्धिनी' की केन्द्रीय टोली की 11 सदस्यों ने भाग लिया।
कार्यशाला का उद्घाटन 'संवर्धिनी' की राष्ट्रीय संयोजिका श्रीमती अलकाताई मजूमदार, स्वामी विवेकानंद स्मारक केन्द्र, कन्याकुमारी की उपाध्यक्ष सुश्री निवेदिता भिड़े तथा रा.स्व.संघ के अ.भा. कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री मधुभाई कुलकर्णी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर अ.भा. महिला समन्वय की अ.भा. संयोजिका एवं 'संवर्धिनी' की केन्द्रीय टोली की सदस्य सुश्री गीता ताई गुंडे एवं 'संवर्धिनी' की सह-संयोजिका श्रीमती सरोज अग्रवाल भी उपस्थित थीं। कार्यशाला में आयाम के अंतर्गत होने वाले कार्यक्रमों- किशोरी विकास शिविर, शक्ति सम्मेलन, प्रबुद्ध महिला संगोष्ठी एवं युवा दंपति सम्मेलनों पर विस्तृत चिंतन-मनन हुआ।
कार्यशाला के एक सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्र सेविका समिति की निवर्तमान प्रमुख संचालिका सुश्री प्रमिला ताई मेढ़े ने कहा कि कृतित्व एवं नेतृत्व का आधार जब मातृत्व होता है तो हम यशस्वी बनते हैं। उन्होंने उपस्थित बहनों से कृष्ण, सत्यभामा एवं कैकयी रूपी सारथी बनकर समाज रूपी रथ में राष्ट्रभक्ति का ईंधन भरकर सार्थक करने का आह्वान किया।
कार्यशाला में प्रबुद्ध महिला संगोष्ठी की चर्चा करते हुए सुश्री गीता ताई गुंडे ने कहा कि आज भारत में शाश्वत हिन्दू चिंतन करने वाली अनेक महिलाएं शीर्ष पदों पर आसीन हैं। इनके अतिरिक्त अनेक प्रबुद्ध बहनें-लेखिका, वक्ता तथा कुछ विशिष्ट अभ्यासक बहनें हैं जो धार्मिक एवं सामाजिक विचारों से समाज को प्रभावित करने वाली हैं। उन्होंने कहा कि हर प्रांत की ऐसी प्रबुद्ध महिलाओं की सूची बनाई जाएगी। तत्पश्चात उनके भाषणों, संगोष्ठियों व चर्चा सत्रों के माध्यम से उनके द्वारा उद्गारित स्वामी विवेकानंद के विचारों को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। शक्ति सम्मेलनों की चर्चा करते हुए सुश्री निवेदिता भिड़े ने कहा कि 15 अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक देशभर में शक्ति सम्मेलन सम्पन्न होंगे। उन्होंने स्त्री को सचेतन शक्ति की संज्ञा दी। किशोरी विकास शिविर के बारे में बताते हुए सुश्री सुनीता हलदर ने कहा कि देशभर में बालिकाओं और किशोरियों के लिए करीब डेढ़ हजार शिविर लगाए जाएंगे। जिनमें किशोरियां का विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से विकास किया जाएगा। युवा दंपति सम्मेलन की चर्चा करते हुए श्रीमती अलका ताई ने कहा कि इन सम्मेलनों में समाज के युवाओं को गृहस्थ आश्रम के कर्तव्यों, परस्पर सामंजस्य, वरिष्ठजनों के प्रति कर्तव्यों आदि विभिन्न विषयों से अवगत कराया जाएगा।
कार्यशाला के एक सत्र को संबोधित करते हुए श्री मधुभाई कुलकर्णी ने कहा कि परिवार, समाज एवं राष्ट्र का संवर्धन तथा धर्म एवं संस्कृति का पुनर्जागरण करने का आधार महिला ही है। कार्यशाला में विभिन्न प्रांतों से आईं बहनों ने अपने प्रांत की कार्य योजना से सबको अवगत कराया।
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