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विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक श्री अशोक सिंहल राम मंदिर के निर्माण को लेकर अति उत्साहित दिखे। उन्होंने कहा कि केंद्र में हिंदूवादी सरकार बनाने की जरूरत है। उससे अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता प्रशस्त होगा। उन्होंने संकल्प के साथ कहा कि 2014 में मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा। उससे पहले पूरे देश में संतों के मार्गदर्शन में जनजागरण अभियान चलाया जाएगा।
श्री सिंघल बीते दिनों एक दिन के प्रवास पर अयोध्या में थे। इसी दौरान दूरभाष पर बातचीत में उन्होंने कहा कि रामलला अब बहुत दिनों तक टाट की झोपड़ी (तिरपाल से ढंका अस्थाई मंदिर) में नहीं रह सकते। उनका मंदिर पूरी भव्यता के साथ बनेगा। 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी ढांचा गिरा था, अब 20 साल बीत गए हैं। 20 साल की प्रतीक्षा के बाद अब मंदिर बनाने का समय आ गया है। उन्होंने ब्रह्मलीन देवरहा बाबा का स्मरण करते हुए कहा कि उनकी इच्छा को हर हाल में पूरा किया जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राम मंदिर न्यायालय का विषय नहीं है। उसकी परिधि से बाहर का विषय है। उसके लिए तो संसद ही कानून बनाएगी। इसके लिए केंद्र में चाहिए हिन्दूवादी सरकार, वह भी पूरे बहुमत की सरकार, ताकि वह मंदिर के लिए संसद में कानून बना सके।
उन्होंने व्यापक जनजागरण की जरूरत बतायी। जनजागरण के लिए पूरे देश में 'जयराम जयराम, जय-जयराम' मंत्र का करोड़ों लोग जाप करेंगे। इस अनुष्ठान के साथ प्रयाग के महाकुंभ में मंदिर निर्माण की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि रामजन्भूमि का आंदोलन मात्र मंदिर बनाने का आंदोलन नहीं है, यह हिंदू संस्कृति की रक्षा का आंदोलन है। हम चाहे मर जाएं लेकिन अयोध्या में किसी भी सूरत में किसी भी मस्जिद का निर्माण स्वीकार नहीं करेंगे। देश के करोड़ों हिन्दुओं के लिए राम मंदिर आस्था का विषय है। सारा हिंदू समाज उसके लिए कटिबद्ध है और कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार है। मंदिर का विरोध करने वाले सेकुलर राजनीतिक दलों का विरोध रामभक्तों के जनजागरण के आगे निष्प्रभावी हो जाएगा।
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