गरीबों की चिंता या चुनावी नुस्खा?
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

गरीबों की चिंता या चुनावी नुस्खा?

by
Dec 1, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

गरीबों की चिंता या चुनावी नुस्खा?

दिंनाक: 01 Dec 2012 16:12:04

सोेनिया कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के कार्यकाल में लगातार महाघोटालों के चलते देशवासियों के बीच गया यह संदेश कि 'कांग्रेस का हाथ भ्रष्टाचारियों के साथ', कांग्रेस के रणनीतिकारों को बेचैन किए हुए है। पार्टी को चिंता है कि आगामी लोकसभा चुनाव में उसे इस कारण भारी जनविरोध का सामना करना पड़ेगा और सत्ता उसके हाथ से खिसक जाएगी। इस बेचैनी में से निकलने का कोई आश्वस्ति कारक उपाय कांग्रेस लगातार ढूंढ रही है। उसे लगता है कि जैसे 2009 में सत्ता पाने का नुस्खा 'मनरेगा' बनी, उसी तरह फिर से कोई जादुई चिराग हाथ लगे। इसी सोच में से गरीबों को आर्थिक सहायता (सब्सिडी) को लेकर एक लोक– लुभावन योजना, नगदी हस्तांतरण की घोषणा सरकार द्वारा किया जाना इसी ओर संकेत करता है कि कांग्रेस 2009 के चुनाव में 'मनरेगा' की तरह 'आपका पैसा आपके हाथ' नारे को तुरूप का पत्ता मान रही है। इसीलिए वित्तमंत्री पी.चिदम्बरम और ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश इस योजना को 'गेम चेंजर' की संज्ञा दे रहे हैं। इससे साफ है कि योजना के पीछे कांग्रेस जनता का हित कम और चुनावी लाभ ज्यादा देख रही है, यानी सियासी गणित, जिसके सहारे पार्टी को बड़ा उलटफेर करके आगामी लोकसभा चुनाव में हारती बाजी जीतने की उम्मीद है। प्रयोग के तौर पर इस योजना को देश के 51 जिलों में एक जनवरी से लागू किया जाएगा और जून–जुलाई से पूरे देश में।

लोक-लुभावन नारा देकर चुनाव जीतना और जनता को छलना, कांग्रेस का पुराना शगल है। '70 के दशक में इंदिरा गांधी ने 'गरीबी हटाओ' का नारा देकर वोट बटोरे और देश को छला, क्योंकि गरीबी तो और बढ़ती गई। इसी तरह 'मनरेगा', जिसे ग्रामीण विकास का मंत्र बताया गया, वह भ्रष्टाचार का केन्द्र बन गई और गलत आंकड़ों के सहारे देश को सुहानी तस्वीर दिखाने का उपक्रम किया गया। सरकारी वादों का खोखलापन खूब उजागर हुआ जब गांवों में 100 दिन के रोजगार की गारंटी केवल छलावा साबित हुई, उल्टे झूठे मस्टर रोल बनाकर लोग अपनी जेबें भरने लगे। लेकिन जनता क्या हर बार छलावे की शिकार होगी? 'आपका पैसा, आपके हाथ' का नारा देकर सरकार जरूरतमंदों तक सरकारी सब्सिडी सीधे पहुंचाने की बात कहकर भ्रष्टाचार खत्म करने का दावा कर रही है, लेकिन जिस तंत्र के द्वारा यह सब क्रियान्वित होना है, वह तो भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा है। सीधे खातों में पैसा स्थानांतरित किया जाना कैसे संभव होगा, जब न तो बड़ी संख्या में लोगों के बैंक खाते हैं और न उस स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक शाखाएं? फिर इस योजना को लेकर लोगों की यह आशंका भी सही है कि नगदी हस्तांतरण करके सरकार गरीबों को बाजार के हवाले छोड़ देगी, जहां वे लगातार बढ़ती महंगाई से त्रस्त होते रहेंगे क्योंकि सार्वजनिक वितरण केन्द्रों यानी राशन की दुकानों से तो वे निर्धारित सस्ती दर पर ही खाद्य सामग्री खरीदते हैं, जबकि खुले बाजार में तो कीमतें सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती हैं, और सरकारी आर्थिक सहायता तो तयशुदा ही मिलेगी, क्या सरकार उसमें बढ़ती मुद्रास्फीति दर के अनुसार निरंतर संशोधन करती रहेगी? नहीं, तो उस बढ़े अनुपात की राशि गरीब कहां से लाएगा? उसके हाथ से तो राशन की दुकान भी गई और ऊपर से महंगाई की मार अलग। सबसे वाजिब चिंता गृहणियों की है कि नगद पैसा हाथ में आने के बाद उसे इधर-उधर उड़ाने की गुंजाइश बढ़ जाएगी और घर की जरूरतें जस की तस बनी रहेंगी। ऐसी स्थिति में यह योजना गरीबों की चिंता कम, चुनावी नुस्खा ही ज्यादा लगती है। लेकिन कांग्रेस को भ्रम है कि जनता कुछ नहीं समझती, जब उसे पटखनी लगेगी तब जनता की समझ का उसे अहसास होगा।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप को नसों की बीमारी, अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों में आने लगी सूजन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies