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विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक श्री अशोक सिंहल ने गुजरात के लोगों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के शासनकाल में गुजरात में न केवल विकास ही हुआ है, अपितु हिन्दू समाज की शक्ति भी बढ़ी है। यह बात उन्होंने गत 9 नवंबर को अमदाबाद में हिन्दू धर्म आचार्य सभा के अवसर पर कही।
श्री सिंहल ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में जगन्नाथ रथयात्रा पर हमले होते थे और हिन्दू समाज का अपमान करते हुए सेकुलर सरकार कर्फ्यू लगाकर यात्रा पर रोक लगा देती थी। यहां तक कि जन्माष्टमी के अवसर पर भी यही संकट हिन्दू समाज को झेलना पड़ता था। लेकिन श्री मोदी के शासनकाल में उत्सव और रथयात्राएं पिछले 10 वर्षों से अत्यन्त शांति के साथ निकली हैं और आततायियों को अब कोई प्रोत्साहन नहीं है तथा चारों ओर शान्ति का माहौल है।
श्री सिंहल ने कहा कि हिन्दू समाज की आस्था का केन्द्र गोमाता है। गुजरात सरकार की अपील के कारण उच्चतम न्यायालय के सात न्यायाधीशों की पीठ ने कसाइयों द्वारा होती गोवंश की हत्या को व्यवसाय का मौलिक अधिकार नहीं माना और सम्पूर्ण गोवंश हत्या के निषेध को सही बताया। कांग्रेस ने गोहत्या को बढ़ावा देते हुए 'पिंक रिवोल्यूशन' कहा और 'ग्रीन रिवोल्यूशन' का दर्जा देकर भारत को विश्व का सबसे बड़ा गोमांस निर्यातक देश बनाया।
श्री सिंहल ने कहा कि आज श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण की सबसे बड़ी बाधा कांग्रेस जैसी तथाकथित सेकुलर शक्तियां हैं। इन तथाकथित सेकुलर शक्तियों को गुजरात की जनता ने ललकारा है और श्री नरेन्द्र मोदी के हाथों में शासन दिया है। गुजरात की जनता इस विश्वास को भविष्य में बनाये रखेगी ऐसा मेरा विश्वास है। आज सर्वत्र हिन्दू समाज की आंखें गुजरात की जनता पर लगी हैं। गुजरात में जो माहौल बना है उसको गुजरात बचाए रखेगा इसमें कोई संदेह नहीं है।
उन्होंने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद प्राण-पण से कटिबद्ध है कि तथाकथित सेकुलर शक्तियां फिर शासन में न आ पाएं। गुजरात विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता हिन्दू समाज को विघटित करने वाली शक्तियों से सावधान रहकर कार्य करते रहेंगे। गुजरात की जनता और गुजरात के शासन के प्रति विश्व की अनेक शक्तियां आकर्षित और प्रभावित हैं। प्रतिनिधि
भारत नीति प्रतिष्ठान का 'असम बेंडिंग ओवर बैकवर्ड्स' हस्तक्षेप पत्र लोकार्पित
दृढ़ राजनीतिक इच्छा शक्ति से होगा असम समस्या का समाधान
–प्रकाश सिंह, पूर्व पुलिस महानिदेशक, उ.प्र.
गत 10 नवंबर को नई दिल्ली में असम समस्या पर भारत नीति प्रतिष्ठान के शोधकर्ताओं द्वारा तैयार किए गए हस्तक्षेप पत्र का लोकार्पण किया गया। हस्तक्षेप पत्र 'असम बेंडिंग ओवर बैकवर्ड्स' (ट्रेसपासिंग काउसेस डेमोग्राफिक डेमेज) नाम से है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री प्रकाश सिंह थे। जबकि अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास के प्राध्यापक प्रो. शरदेन्दु मुखर्जी ने की। मंच पर रा.स्व.संघ के सह-सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबले, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व उपकुलपति डा. कपिल कपूर तथा भारत नीति प्रतिष्ठान के मानद निदेशक प्रो. राकेश सिन्हा भी आसीन थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री प्रकाश सिंह ने कहा कि घुसपैठ की समस्या एक गंभीर समस्या है जिससे न केवल असम, बल्कि देश की जनसांख्यिकी भी क्षतिग्रस्त हो रही है। इससे निपटने के लिए दृढ़ राजनीतिक इच्छा शक्ति का होना बेहद जरूरी है। लेकिन केंद्र सरकार इस दिशा में कुछ नहीं कर रही है। साथ ही उसमें इच्छा शक्ति का भी घोर अभाव है। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि घुसपैठ की यह समस्या असम और पश्चिम बंगाल तक ही सीमित है। यह समस्या आज देश के अनेक राज्यों तक पहुंच गई है। डा. कपिल कपूर ने कहा कि सरकार को असम की समस्या के समाधान की दिशा में गंभीरता से प्रयास करना चाहिए। प्रो. शरदेन्दु मुखर्जी ने असम समस्या के प्रति राजनीतिक दलों की उदासीनता की आलोचना करते हुए कहा कि राजनेता जानबूझकर इस समस्या को नजरअंदाज कर रहे हैं। प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा कि सरकार असमंजस में है कि किस दिन या तारीख से बंगलादेशियों के निर्वासन का काम प्रारंभ करे। प्रतिनिधि
भुवनेश्वर में खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश के विरुद्ध धरना
निर्णय वापस लेने की मांग
संप्रग सरकार द्वारा खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश को मंजूरी प्रदान करने के विरुद्ध स्वदेशी जागरण मंच ने गत दिनों भुवनेश्वर (उड़ीसा) में राजभवन के सामने धरना दिया। निर्णय को जनविरोधी व राष्ट्रविरोधी बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की तथा राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि केन्द्र सरकार ने विपक्षी दलों को विश्वास में न लेकर खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश को मंजूरी प्रदान की है। यह निर्णय देश के लिए अत्यंत खतरनाक है। इसलिए इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
मंच ने इस निर्णय को वापस लेने की मांग के साथ-साथ खुदरा व्यापार के बारे में अध्ययन कर इसमें सुधार लाने के लिए आयोग बनाने की भी मांग की। इसके अलावा राष्ट्रीय व्यवसाय नीति, खुदरा व्यापार में सहकारिता को प्रोत्साहित करने, राष्ट्रीय दुकानदारी अधिनियम बनाने की मांग भी ज्ञापन में की गई है ।
कार्यक्रम में स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संयोजक श्री सरोज मित्र, क्षेत्रीय संगठक श्री अन्नदा शंकर पाणिग्राही, प्रांत सह संयोजक श्री शत्रुघ्न तराई, प्रांत विचार मंडल प्रमुख श्री धीरेन्द्र नंद व श्री निर्मल षडंगी तथा मंच के प्रचार-प्रसार प्रमुख श्री प्रसन्न छोटराय विशेष रूप से उपस्थित थे। समन्वय नंद
दिल्ली में 'अमरीका चुनाव और भारत' विषयक संगोष्ठी
और अच्छे हो सकते हैं भारत–अमरीका संबंध
–जी. पार्थसारथी, पूर्व राजनयिक, भारत सरकार
विवेकानंद स्टडी सर्किल के तत्वावधान में गत 10 नवंबर को नई दिल्ली में 'अमरीका चुनाव और भारत' विषयक संगोष्ठी सम्पन्न हुई। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता पूर्व राजनयिक श्री जी. पार्थसारथी थे। मंच पर विवेकानंद स्टडी सर्किल के संयोजक तथा राज्यसभा सांसद श्री बलबीर पुंज एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं सांसद श्री अनंत कुमार भी आसीन थे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मंचस्थ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात विवेकानंद स्टडी सर्किल के कार्यकर्ताओं ने मंचस्थ अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। संगोष्ठी विषय तथा वक्ता परिचय कराते हुए श्री बलबीर पुंज ने कहा कि संगोष्ठी का विषय और वक्ता को एक-दूसरे का पयार्यवाची कहा जा सकता है। जोकि सामान्यता नहीं होता। उन्होंने कहा कि श्री पार्थसारथी अमरीका सहित अनेक देशों की अच्छी समझ रखते हैं।
श्री जी. पार्थसारथी ने अपने उद्बोधन में अमरीका में हाल ही में संपन्न हुई राष्ट्रपति चुनाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही बराक ओबामा के फिर से राष्ट्रपति बनने के कारणों तथा उसके भारत पर पड़ने वाले असर के बारे में भी विस्तार से बताया। अंत में श्री पार्थसारथी ने कहा कि भारत-अमरीका के संबंध और अच्छे बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि सबसे अच्छी बात यह है कि अमरीका में भारत के साथ संबंध बनाने में लोगों के बीच आम सहमति है।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता तथा दिल्ली के प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्री विजय क्रांति ने किया।प्रतिनिधि
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