बाबूजी का बहुआयामी व्यक्तित्व
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

बाबूजी का बहुआयामी व्यक्तित्व

by
Nov 17, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

बाबूजी का बहुआयामी व्यक्तित्व

दिंनाक: 17 Nov 2012 15:15:41

भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में कई ऐसी विभूतियां हुई हैं जो भले ही दलगत स्तर पर किसी एक पार्टी में सक्रिय रहीं लेकिन उनकी वैचारिकता के केन्द्र में समग्र समाज का हित ही रहा, जिन्होंने राजनीति को देश सेवा के एक माध्यम के रूप में चुना। यही वजह है कि ऐसी विभूति हमेशा-हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हो गईं। ऐसे ही एक राष्ट्रनिष्ठ नेता बाबू जगजीवन राम भी थे। समाज के हर वर्ग को न्यायपूर्ण स्थान दिलाने के लिए आजीवन किए गए प्रयासों के चलते उन्हें आज भी हम आदरपूर्वक याद करते हैं। उनके व्यक्तित्व, उनके द्वारा स्वतंत्रता सेनानी के रूप में निभाई गई भूमिका सहित उनके कुछ चुने हुए भाषणों और अनछुए पहलुओं को समेटती एक पुस्तक 'राष्ट्रनिष्ठ बाबूजी' कुछ समय पूर्व प्रकाशित हुई है। पटना विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर कार्यरत और अनेक राजनीतिक-सामाजिक संगठनों में सक्रिय डा. संजय पासवान राजग सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी रहे। उन्होंने गहन अध्ययन व शोध के आधार पर यह पुस्तक तैयार की है। पुस्तक को कई खंडों में विभाजित किया गया है। पहले खंड 'हिन्दूनिष्ठ' में लेखक ने बाबू जगजीवन राम के जीवन से जुड़े कुछ ऐसे प्रसंगों को संकलित किया है जिसके द्वारा उनके हिन्दू धर्म के प्रति निष्ठावान होने को प्रमाणित किया जा सकता है। विशेष बात यह है कि उन्होंने हिन्दुत्व के भीतर समाई उदात्त भावनाओं और दृष्टिकोण को ही माना और अपनाया। स्वतंत्रता सेनानी के रूप में छात्र जीवन के समय से ही बाबूजी सक्रिय हो गए थे। महात्मा गांधी की विचारधारा से प्रभावित बाबू जगजीवन राम ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ होने वाले आंदोलनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। महात्मा गांधी के साथ हुई मुलाकातों ने बाबू जगजीवन राम के युवा मन पर बहुत प्रभाव डाला। गांधी जी छोटी-छोटी बातों और व्यवहार के प्रति सजग और अहिंसक रहते थे, इन सबने बाबू जगजीवन राम को गहनता से प्रभावित किया।

पुस्तक का चौथा खंड अनेक मार्मिक प्रसंगों की वजह से अविस्मरणीय बन पड़ा है। इसमें बाबू जगजीवन राम के व्यक्तित्व के कुछ अनछुए पहलुओं को लेखक ने संकलित किया है। इसी तरह पुस्तक के अगले खण्ड में बाबू जगजीवन राम के लिखे गए कुछ पत्रों को संकलित किया गया है। इसमें उन्होंने पत्र के माध्यम से जेल जीवन के अनुभव, समाजवाद की व्याख्या करने के साथ ही केन्द्रीय मंत्री बनने के बारे में बताया। उन्होंने अपनी पत्नी को बहुत ही औपचारिक ढंग से अपने मन की कई गहन बातें व्यक्त की हैं। बाबू जगजीवन राम की डायरी का अंश भी पुस्तक के एक खण्ड में दर्ज है, जिसमें उन्होंने अगस्त क्रांति के बारे में अपनी अनुभूति और विचार व्यक्त किए हैं।

बाबू जगजीवन राम जितने सरल व्यक्तित्व के स्वामी थे उतने ही सरल, सहज और प्रभावी वक्ता भी थे। वह वास्तव में जमीन से जुड़े हुए एक राष्ट्रभक्त नेता थे। उनके लिए कभी भी कोई दल, नीति या वर्ग अपने देश और समाज से बढ़कर नहीं था। पुस्तक के अंतिम खंड में उनके कुछ भाषणों को भी संकलित किया गया है जिन्हें पढ़कर उनकी विचारधारा के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। कह सकते हैं कि यह पुस्तक बहुत सहजता से जीवन जीने वाले एक राष्ट्रनिष्ठ राजनीतिज्ञ और समाजवादी चिंतक बाबू जगजीवन राम को समझने का सशक्त माध्यम बन सकती है।

पुस्तक का नाम –राष्ट्रनिष्ठ बाबूजी      

लेखक   –   डा. संजय पासवान

प्रकाशक    –  संवाद मीडिया प्राइवेट

लिमिटेड, एफ-29, अंसारी मार्केट, दरियागंज, नई दिल्ली-2

            दूरभाष (011) 23517803

मूल्य    – 250 रु. पृष्ठ – 212

सकारात्मक सोच से आगे

यह सही है कि पुस्तक बाजार में अगर हम 'मोटिवेशनल' किताबें लेने जाएं तो सैकड़ों मिल सकती हैं। सभी विशिष्ट और सबसे ज्यादा कारगर सिद्ध होने का दावा करती हैं। ऐसे में किसी पाठक के लिए यह तय कर पाना मुश्किल हो सकता है कि उसके लिए सही क्या है। ऐसी ऊहापोह की स्थिति से उबरने का सही तरीका यही है कि हम पहले अपनी जरूरत को पहचानें। और अपनी जरूरत हम तभी पहचान सकते हैं जब हमें अपने भीतर की कमजोरियां पता होंगी। तभी हम दुर्बल विचारों को सबल बनाकर आत्मोत्थान की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं जब हमें अपने भीतर की कमजोरियां पता होंगी। जाने-माने अभिप्रेरक (मोटिवेटर) और कई 'बेस्ट सेलर' पुस्तकों के लेखक डा. उज्ज्वल पाटनी की हाल में प्रकाशित होकर आई पुस्तक-'पावर थिंकिंग' ऐसी ही किताब जो पाठक को प्रेरित करने से पहले, उसका परिचय उसी से कराती है। इससे पुस्तक पढ़ने के दौरान पाठक लगातार अपने दिमाग पर बढ़ते जा रहे विचारों के दबाव से कुछ पल का आराम तो पाता ही है, साथ ही लेखक उसे अपने भीतर से बहुत कुछ विरेचित करने का स्थान भी देते हैं, जो आमतौर पर प्रेरणादायक पुस्तकों में नहीं होता है।

पुस्तक में लेखक ने सकारात्मक सोच से भी आगे बढ़ते हुए 'पावर थिंकिंग' की बात नहीं कही है। बल्कि वे केवल एक पाठक की सकारात्मक सोच को शक्तिशाली बनाने की बात करते हैं। लेखक ने पुस्तक के कई अध्यायों में ऐसी बातें बताई हैं, जिन्हें पढ़कर हम स्वयं को कमजोर या अक्षम समझने की मानसिकता से भी उबर सकते हैं। पुस्तक के दूसरे अध्याय में वे तमाम ऐसे कारण गिनाते हैं जो इस बात को सिद्ध करते हैं कि हम सामान्य से विशेष हैं। 'स्वयं में विश्वास करो कि आप वीआईपी हैं' शीर्षक पाठक के मन के कोने में बैठी दुर्बलताओं को निकाल बाहर करता है, जिन्हें अक्सर हम बेवजह पाल लेते हैं।

पुस्तक के चौथे अध्याय में लेखक ने पाठकों से 'पावरपुल' प्रश्न पूछने की कला सीखने की बात कही है। वे कहते हैं, 'लोगों की मान्यता होती है कि किसी प्रश्न का उत्तर प्रभावी होता है जबकि मेरा मानना है कि प्रश्न ही अधिक प्रभावी होते हैं। अगर उनकी रचना ठीक ढंग से की जाए तो सटीक उत्तर निकलवा सकते हैं।'

'पावर थिंकिंग के चार सिद्धान्त'-शीर्षक खंड में लेखक ने सरल, प्रभावी और व्यावहारिक तरीके से अपने को बदलने की युक्तियां बताई हैं। इसे पढ़ते हुए यह भी अनुभव होता है कि लेखक के पास जितनी अच्छी और प्रभावित करने वाली बातें हैं, उतना ही अच्छा और प्रभावी भाषा-शिल्प भी है। सरल रूप में भी वह अपनी बातें सीधे पाठक के मन-मस्तिष्क में उतार देते हैं। पुस्तक के अगले खण्ड में लेखक ने पाठकों को व्यक्तिगत जीवन में एक 'पावर थिंकर' बनने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सूत्र दिए हैं। पुस्तक के अंतिम खण्ड में लेखक ने आठ बेहद प्रेरक और सीधे-सपाट तरीके से कार्य करने की बातें कही हैं। 'हर माह में एक दिन मूर्ख दिवस के रूप में सेलिब्रेट करने' की बात किसी को भी चौंका सकती है, लेकिन जब हम इसमें से होकर गुजरते हैं तो इसकी सार्थकता समझ सकते हैं। कह सकते हैं कि यह पुस्तक भारी-भरकम और आदर्श विचारों का पुलिंदा भर नहीं है। इसमें सरल, सहज ढंग से आत्म विश्लेषण करने और फिर स्वयं के ही आत्ममंथन की युक्तियां बनाई गई हैं, जो सफल होने के रास्ते का सबसे पहला कदम होता है।

पुस्तक का नाम     – पावर थिंकिंग

लेखक      – डा. उज्ज्वल पाटनी

प्रकाशक      –        डायमंड पॉकिट बुक्स

प्राइवेट लिमिटेड, एक्स-30,

ओखला इंडस्ट्रियल इस्टेट,

फेज-2 नई दिल्ली-20

मूल्य  – 185 रु.   पृष्ठ  – 254

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप को नसों की बीमारी, अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों में आने लगी सूजन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies