सऊदी अरब भारत विरोधी आतंकवादियों का अड्डा-मुजफ्फर हुसैन
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

सऊदी अरब भारत विरोधी आतंकवादियों का अड्डा-मुजफ्फर हुसैन

by
Nov 14, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 14 Nov 2012 12:49:23

 

आतंकवादी अपनी रणनीति के अनुसार हमेशा अपने स्थान बदलते रहते हैं। एक समय था कि उनका अड्डा अमरीका में था, फिर वे यूरोप में आ गए और जब उन्हें भारत विरोध का खाद पानी मिलने लगा तो अफगानिस्तान और पाकिस्तान में आ धमके। लेकिन पिछले कुछ समय से उनका अड्डा सऊदी अरब बनता जा रहा है। एक समय ऐसा था कि जिन्हें आतंकवादी बनाया जाता था वे बेचारे अनपढ़ और अशिक्षित हुआ करते थे। लेकिन अब समय के साथ यह प्रवाह बदल गया है। इन दिनों जो मुस्लिम आतंकवादी तैयार किये जाते हैं वे पढ़े-लिखे होते हैं। उनमें कोई डाक्टर होता है, तो कोई इंजीनियर और कोई वैज्ञानिक। वे देश-विदेश के विश्व विद्यालयों से उच्च शिक्षित युवा होते हैं। इतना ही नहीं वे इस्लाम की पूर्ण शिक्षा प्राप्त करते हैं। आतंकवादी पैसे के लिए तो बनते ही हैं लेकिन साथ-साथ अपने मजहब और उसके दर्शन की सेवा करना भी उनका उद्देश्य होता है। आतंकवादी सरगना अपने ठिकाने बदलते रहते हैं। जहां उन्हें धन और सुरक्षा प्राप्त होती है वे वहां अपने प्रशिक्षण के अड्डे बना लेते हैं। धन उनकी पहली आवश्यकता है। या तो उन्हें वहीं धन मिल जाता है या फिर उस स्थान पर हवाला सहित अन्य सुविधाओं के माध्यम से धन उपलब्ध हो जाता है। पिछले कुछ समय से भारत विरोधी आतंकवादी सऊदी अरब को अपना अड्डा बनाए हुए हैं। उन्हें यहां धन के साथ-साथ मजहबी शरण भी मिल जाती है। वर्ष में एक बार हज यात्रा तो होती ही है, इसके अतिरिक्त वे उमरा के बहाने भी सऊदी की यात्रा पर निकल पड़ते हैं।

कट्टर सऊदी

सऊदी अरब सरकार मजहबी मामलों में अत्यंत कट्टर है। इसलिए वह जानती है कि मजहब के बहाने से आतंकवादी किसी भी क्षण घुसपैठ कर सकते हैं। सऊदी राजा अत्यंत कट्टर हैं इसलिए इस्लाम के अन्य पंथ वाले उन्हें कमजोर करने का कोई मार्ग नहीं छोड़ते। इसलिए सऊदी सरकार इस मामले में अत्यंत चौकन्नी और सतर्क रहती है। इसी सतर्कता के कारण वह पिछले दिनों उन आतंकवादियों को अपने शिकंजे में कसने में सफल रही है जो सऊदी अरब में बैठकर भारत विरोधी गतिविधियों का संचालन करते हैं। कुछ समय पूर्व सऊदी सरकार ने फसीह मोहम्मद नामक इंजीनियर को भारत के विरुद्ध आतंकवादी गतिविधियों के आरोप में धर दबोचा। इस बार डाक्टर उस्मान गनी पर बिजली गिरी और यह खूंखार आतंकवादी गिरफ्तार कर लिया गया।

दिल्ली में महाराष्ट्र के जिन तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार करने की बात कही गई है उनके बारे में अब यह पता चला है कि वे तीनों सऊदी अरब से गिरफ्तार करके लाए गए। अबू जिंदाल के निकट के साथियों में फैयाज कागजी नामक आतंकवादी रियाज एवं इकबाल भटकल के सम्पर्क में आया था। भटकल बंधु बहुत समय से सऊदी अरब में रह रहे हैं। वे वहीं से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। यहां यह बात स्पष्ट करने की आवश्कयता है कि भारत में होने वाले अधिकांश बम धमाकों में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से भटकल बंधुओं की भागीदारी बताई जाती है। अबू जिंदाल, जो लश्करे तोएबा से संबंधित आतंकवादी कहा जाता है और 26/11 के मुम्बई पर होने वाले आतंकवादी हमलों में उसका हाथ होने की बात कही जाती है, भी सऊदी अरब से गिरफ्तार करके लाया गया था। उसके संबंध में यह बात कही जाती है कि वह भी सऊदी अरब आने से पहले बहुत दिनों तक पाकिस्तान में रह चुका है। उसको पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था आईएसआई का सम्पूर्ण सहयोग प्राप्त था। सच बात तो यह है कि आईएसआई ने ही उसे सऊदी अरब स्थानांतरित करने की योजना बनाई थी। यह रहस्य खुलने के पश्चात् ही हिन्दुस्थान के एक और युवक मोहम्मद फसीह की भी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने की बात सामने आई। उसे भारत लाने की बातें भी जोर-शोर से उठी थीं। पता चला है कि वह इस समय सऊदी अरब में ही है। भारत में आतंकी गतिविधियों के सम्बंध में उस पर जो आरोप थे इस कारण उसे हिरासत में रखा गया है। लेकिन जब तक भारत की ओर से उसके विरुद्ध आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के सबूत भारत सरकार नहीं देती है तब तक सऊदी अधिकारी उसे भारत को सौंपने वाले नहीं हैं।

ठोस कार्रवाई

भारतीय एजेंसियों के लिए सऊदी का यह रवैया परेशान करने वाला ही नहीं था, बल्कि आश्चर्यजनक भी था। क्योंकि अबू जिंदाल की गिरफ्तारी के पश्चात् भारत में प्रसन्नता का वातावरण था और वह समझ गया था कि सऊदी अरब के इस सहयोगी रवैये से पाकिस्तान में प्रशिक्षित भारत के दुश्मन उन आतंकवादियों को पकड़ लेना आसान हो जाएगा जो अब पाकिस्तान से निकलकर सऊदी अरब में अड्डा बना चुके हैं। इस समय यह बात जोर-शोर से कही जा रही है कि सऊदी अरब आतंकवादियों की मजबूत शरणस्थली बन गया है। इतना ही नहीं इस समय अनेक कुख्यात आतंकवादी वहीं से तबाही मचाने की साजिश रच रहे हैं। भारत में जो दहशतगर्द घुसपैठ कर रहे हैं वे सऊदी की धरती से ही प्रशिक्षित होकर आ रहे हैं। पाकिस्तान के अखबारों में इस प्रकार के समाचार प्रकाशित हो रहे हैं कि ऐसा करने का कारण सऊदी अरब पर एक दबाव बनाना भी हो सकता है ताकि सऊदी अरब ने मोहम्मद फसीह के सम्बंध में जो रवैया अपनाया है उससे उसको पीछे हटने पर मजबूर किया जा सके। लेकिन वास्तविकता यह है कि भारत की ओर से जब भी किसी की गिरफ्तारी की कार्रवाई और इस संबंध में सम्पर्क की जो विस्तृत रपट दी जाती है उसमें अनेक कमियां रह जाती हैं। इन घटनाओं को चर्चित करके वाहवाही तो लूटी जा सकती है लेकिन इस दिशा में कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आता है। इसके कारण भारतीय एजेंसियों की साख दांव पर लग जाती है। सऊदी अरब निश्चित ही पाकिस्तानी आतंकवादियों का अड्डा बनता जा रहा है लेकिन अब तक भारत सरकार ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। भारत की अदालतें समय रहते कोई निर्णय नहीं देती हैं इसलिए अपराधी को इसका पूरा लाभ मिल जाता है। वह जेल में भले ही बंद रहे लेकिन उसके अपराध के सबूतों को नष्ट करने में आतंकवादी संगठन रात-दिन एक कर देते हैं। आतंकवादियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई ही इस समस्या का समाधान है।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप को नसों की बीमारी, अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों में आने लगी सूजन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies